
18 दिसंबर 2025, गुरुवार का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है जिसे 'मासिक शिवरात्रि' के रूप में मनाया जाता है। पंचांग की गणना के अनुसार, इस दिन चंद्रमा अपनी अंतिम कलाओं में होता है और भगवान शिव की उपासना के लिए यह समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र और शूल योग का संयोग बन रहा है जो आध्यात्मिक साधना और मानसिक शांति के लिए उत्तम है। चूंकि यह मार्गशीर्ष के बाद आने वाले पौष मास की शिवरात्रि है, इसलिए पितृ दोष शांति और जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए इस दिन व्रत रखना और शिवलिंग पर जलाभिषेक करना विशेष फलदायी माना गया है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष कृष्ण चतुर्दशी | ज्येष्ठा | गुरुवार | शूल | शकुनि |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 07:08 AM |
| सूर्यास्त | शाम 05:27 PM |
| चंद्रोदय | सुबह 05:50 AM |
| चंद्रास्त | शाम 04:36 PM |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:18 AM से सुबह 06:13 AM तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:57 AM से दोपहर 12:38 PM तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 02:01 PM से दोपहर 02:42 PM तक |
| अमृत काल | सुबह 08:35 AM से सुबह 10:14 AM तक |

| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | दोपहर 01:35 PM से दोपहर 02:52 PM तक |
| यमगंड | सुबह 07:08 AM से सुबह 08:26 AM तक |
| गुलिक काल | सुबह 09:43 AM से सुबह 11:00 AM तक |
18 दिसंबर 2025 को पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है जिसे मुख्य रूप से 'मासिक शिवरात्रि' के रूप में मनाया जाता है। चूंकि चतुर्दशी तिथि सुबह 09:21 बजे तक ही है, इसलिए भगवान शिव की पूजा और व्रत का संकल्प सुबह जल्दी करना श्रेष्ठ रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से जीवन की बड़ी से बड़ी बाधाएं दूर होती हैं और अविवाहितों को सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, इस दिन पितृ कार्यों के लिए भी महत्व है क्योंकि चतुर्दशी के बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी जो दान-पुण्य के लिए विशेष मानी जाती है।
इस विशेष दिन पर बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए एक प्रभावी उपाय यह है कि सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर शुद्ध जल अर्पित करें और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें। यदि आप कर्ज या मानसिक तनाव से परेशान हैं, तो शाम के समय शिव मंदिर में जाकर गाय के घी का दीपक जलाएं और भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित करें। चूंकि यह पौष का महीना है, इसलिए किसी जरूरतमंद व्यक्ति को काले तिल या गर्म कपड़ों का दान करना भी अत्यंत शुभ और पितृ दोष से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है।
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