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Ekadashi in October Date 2025: पापांकुशा और रमा, अक्टूबर महीने में कब-कब पड़ेंगे एकादशी व्रत? यहां जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व समेत अन्य बातें

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, हर एकादशी का व्रत व्यक्ति के पापों को दूर करता है और मोक्ष के मार्ग की ओर ले जाता है। मुख्य रूप सेआश्विन और कार्तिक मास की यह तिथियां आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, क्योंकि इन महीनों में व्रत-पूजा करने से भक्तों को अक्षय पुण्य, सुख-समृद्धि और ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इन पावन तिथियों से जुड़ी संपूर्ण जानकारी।
Editorial
Updated:- 2025-10-01, 10:34 IST

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हर महीने दो बार,शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में यह व्रत पड़ता है और इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से न केवल पापों का नाश होता है बल्कि व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक शांति भी मिलती है। एकादशी कृष्ण और शुक्लपक्ष के ग्यारहवें दिन पड़ती है। अक्टूबर के महीने में भी दो प्रमुख एकादशी तिथियां पड़ रही हैं पहली अश्विन शुक्ल पक्ष की पापांकुशा और दूसरी कार्तिक कृष्ण पक्ष की रमा एकादशी। इन दोनों व्रतों का धार्मिक महत्व बहुत गहरा होता है और शास्त्रों में इनके पालन से मिलने वाले पुण्य फलों का विस्तार से वर्णन किया गया है। अगर आप भी हर महीने एकादशी का व्रत करती हैं तो आपको अक्टूबर महीने की इन एकादशियों में बारे में शुभ मुहूर्त, तिथि और पूजा विधि की सही जानकारी होनी चाहिए। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके बारे में विस्तार से।

पापांकुशा एकादशी 2025 कब है?

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि यानी पापांकुशा एकादशी 3 अक्टूबर को पड़ रही है और इसी दिन व्रत करना फलदायी होगा। ।

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  • पापांकुशा एकादशी का आरंभ- 2 अक्टूबर 2025,बुधवार, रात्रि 7:09 बजे से
  • पापांकुशा एकादशी का समापन- 3 अक्टूबर 2025, गुरुवार, शाम 6:32 बजे तक
  • उदया तिथि के अनुसार, पापांकुशा एकादशी 03 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।
  • पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण 04 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को किया जाएगा।
  • पापांकुशा एकादशी का पारण शुभ मुहूर्त: सुबह 6:16 बजे से 8:37 बजे तक है।

पापांकुशा एकादशी का महत्व

पापांकुशा एकादशी पापों को रोकने वाली मानी जाती है। जैसा कि इसके नाम से ही ज्ञात हो रहा है कि इस व्रत को करने से भक्तों के पापों पर अंकुश लगता है मतलब पापों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि जो भक्त इस व्रत का पालन करता है उसके अनजाने में किए गए सभी पाप नष्ट होते हैं। यही नहीं इस व्रत को करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी मिलता है। इस व्रत को करने वालों को मोक्ष यानी जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा कहा गया है कि इस व्रत का पालन करने वाले की दस पीढ़ियों का उद्धार होता है।

रमा एकादशी 2025 कब है?

रमा एकादशी कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाई जाती है। इस साल रमा एकादशी 17 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी।  

  • रमा एकादशी तिथि आरंभ- 16 अक्टूबर, प्रातः 10:35 बजे से
  • रमा एकादशी तिथि समापन- 17 अक्टूबर, प्रातः 11:12 बजे तक
  • उदया तिथि के अनुसार रमा एकादशी 17 अक्टूबर को पड़ेगी।
  • रमा एकादशी व्रत का पारण -18 अक्टूबर, शनिवार को द्वादशी तिथि के दिन किया जाएगा।

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रमा एकादशी का महत्व

रमा एकादशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी होती है, जिसे शास्त्रों में विशेष स्थान प्राप्त है। रमा एकादशी का व्रत करने से भी भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है और उनकी आत्मा को शुद्धि मिलती है। यह माना जाता है कि इस व्रत को करने से धन-संपत्ति संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और आर्थिक समृद्धि बनी रहती है। यही नहीं जो व्यक्ति विधि-विधान के साथ रमा एकादशी का व्रत करता है उसको कार्यक्षेत्र में भी लाभ मिलता है और उनके जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं।

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एकादशी व्रत की विधि और नियम क्या हैं?

  • एकादशी के व्रत वाले दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान आदि से मुक्त होकर साफ वस्त्र धारण करें।
  • घर के पूजा स्थल को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें।
  • एकादशी का व्रत करने के साथ भगवान विष्णु की सही नियमों से पूजा करें और भोग में तुलसी पत्ते चढ़ाएं।
  • विष्णु जी का पूजन करने के साथ एकादशी व्रत कथा की कथा पढ़ें और विष्णु सहस्रनाम या 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।
  • दिनभर व्रत का पालन करने के बाद अगले दिन यानी द्वादशी को इस व्रत का पारण करें।

यदि आप नियम पूर्वक एकादशी व्रत का पालन करती हैं तो भगवान विष्णु की कृपा  सदैव आपके जीवन में बनी रहती है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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