should the first letter of name be small or big while signing

Signature करते समय नाम का पहला अक्षर छोटा होना चाहिए या बड़ा? एस्ट्रोलॉजर से जानें

हस्ताक्षर का पहला अक्षर हमारे 'स्व' या 'आत्म-सम्मान' का प्रतीक होता है। इसलिए, यह जानना बहुत जरूरी है कि नाम का पहला अक्षर छोटा होना चाहिए या बड़ा ताकि आपके करियर और भाग्य पर इसका शुभ असर पड़ सके।
Editorial
Updated:- 2025-11-18, 17:01 IST

व्यक्ति का हस्ताक्षर केवल नाम लिखने का एक तरीका नहीं है बल्कि यह व्यक्तित्व, आत्मविश्वास, सफलता की इच्छा और भविष्य को दर्शाता है। ज्योतिष शास्त्र और हस्तरेखा विज्ञान की ही एक शाखा जिसे हस्ताक्षर शास्त्र या ग्राफोलॉजी कहते हैं, इसके अनुसार हमारे हस्ताक्षर में किया गया हर छोटा बदलाव हमारे जीवन की दिशा को बदल सकता है। जब हम कोई हस्ताक्षर करते हैं तो हमारा अवचेतन मन ही अक्षर के आकार और गति को तय करता है। हस्ताक्षर का पहला अक्षर हमारे 'स्व' या 'आत्म-सम्मान' का प्रतीक होता है। इसलिए, यह जानना बहुत जरूरी है कि नाम का पहला अक्षर छोटा होना चाहिए या बड़ा ताकि आपके करियर और भाग्य पर इसका शुभ असर पड़ सके। आइये जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से इस बारे में।

Signature करते समय नाम का पहला अक्षर छोटा लिखना चाहिए या बड़ा? 

हस्ताक्षर शास्त्र के अनुसार, नाम के पहले अक्षर का आकार आपके आत्मविश्वास और दुनिया को आपकी पहचान दिखाने की इच्छा को दर्शाता है। ज्योतिष और ग्राफोलॉजी दोनों में ही यह माना जाता है कि हस्ताक्षर का पहला अक्षर हमेशा बड़ा होना चाहिए। बड़े से यहां मतलब आकार में भी है और कैपिटल लैटर के तौर पर भी है। यह आपकी जन्मकुंडली में 'आत्मविश्वास' और 'नेतृत्व क्षमता' के कारक ग्रहों जैसे सूर्य और मंगल को मजबूत करता है।

signature karte samay kya naam ka pehla akshar chhota likhna chahiye

बड़ा पहला अक्षर बताता है कि व्यक्ति में आत्मविश्वास, महत्वाकांक्षा, नेतृत्व क्षमता और पहचान बनाने की तीव्र इच्छा है। ऐसा व्यक्ति अपनी पहचान को महत्व देता है और समाज में सम्मान प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करता है। करियर की ऊंचाइयों को छूने, नेतृत्व की भूमिकाएं निभाने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए बड़ा पहला अक्षर रखना अत्यंत शुभ माना जाता है।

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आप अपने हस्ताक्षर में नाम का पहला अक्षर बाकी अक्षरों के मुकाबले छोटा या सामान्य आकार का रखते हैं तो यह शुभ नहीं माना जाता है। छोटा पहला अक्षर आत्मविश्वास में कमी, झिझक, संकोच या आत्म-सम्मान की भावना में कमी को दर्शाता है। ऐसा व्यक्ति अपनी क्षमताओं को कम आँकता है या समाज में अपनी पहचान बनाने में हिचकिचाता है। वे आसानी से दूसरों के प्रभाव में आ सकते हैं।

signature karte samay kya naam ka pehla akshar bada likhna chahiye

करियर में उच्च पद या बड़ी सफलता प्राप्त करने के लिए यह पैटर्न अनुकूल नहीं माना जाता क्योंकि यह व्यक्ति के व्यक्तित्व को दब्बू या कम महत्वाकांक्षी दिखाता है। ज्योतिष शास्त्र और हस्ताक्षर विज्ञान की सलाह है कि आपको हमेशा अपने हस्ताक्षर में नाम का पहला अक्षर बड़ा ही बनाना चाहिए। यह न केवल आपके भाग्य के दरवाजे खोलता है बल्कि आपके अवचेतन मन को भी यह संकेत देता है कि आप बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए तैयार हैं।

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क्या सिग्नेचर के नीचे लाइन बनाना सही है?
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