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Pradosh Vrat November 2025: नवंबर महीने में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत? यहां जानें सही तिथि और पूजा शुभ मुहूर्त

नवंबर 2025 में प्रदोष व्रत कब-कब रखा जाएगा? जानें नवंबर माह के पहले और दूसरे प्रदोष व्रत की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, गोधूलि बेला और इस व्रत का महत्व। भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत का विशेष महत्व।
Editorial
Updated:- 2025-10-29, 19:05 IST

भगवान शिव को वैसे तो कई सारे व्रत समर्पित हैं, मगर प्रदोष व्रत का महत्‍व अलग ही होता है। हर माह यह व्रत त्रयोदशी तिथि में मनाया जाता है और यह महीनें में दो बार शुक्‍ल पक्ष और कृष्‍ण पक्ष में आती है। इस दिन अगर कोई भक्‍त पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव के लिए व्रत रखता है और पूजा अर्चना करता है, तो उसकती सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस माह प्रदोष व्रत कब-कब रखे जाएंगे और पूजा का शुभ मुहूर्त क्‍या होगा, यह हमने पंडित एंव ज्‍योतिषाचार्य सौरभ त्रिपाठी से पूछा। वह कहते हैं, "सुख और समृद्धि में वृद्धि करने वाले प्रदोष व्रत पर केवल भगवान शिव को ही प्रसन्‍न नहीं किया जाता है बल्कि भक्‍त को माता पार्वती का भी आशीवार्द मिलता है।"

कब है नवंबर माह का पहला प्रदोष व्रत 2025 ( November 2025 First Pradosh Vrat)

3 नवंबर सोमवार के दिन त्रयोदशी तिथि पड़ रही हैं और यह नवंबर का पहला प्रदोष व्रत होगा। यह तिथि 3 नवंबर को सुबह में 5 बजकर 8 मिनट से आरंभ होगी और रात में 2 बजकर 6 मिनट पर समाप्‍त होगी।

3 नवंबर प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त

  • अमृत चौघड़िया शाम में 4 बजकर 12 मिनट से 5 बजकर 34 मिनट तक।
  • चल चौघड़िया शाम में 5 बजकर 34 मिनट से 7 बजकर 12 मिनट तक।
  • गोधूलि मुहूर्त 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजे तक।

प्रदोष व्रत की पूजा के लिए सबसे अच्‍छा समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले से सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक का होता है, जिसे गोधूलि बेला कहा गया है। इस समय में पूजा करने से आपको संपूर्ण फल प्राप्‍त होता है।

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november 2025 pradosh vrat dates

कब है नवंबर माह का दूसरा प्रदोष व्रत 2025 ( November 2025 Second Pradosh Vrat)

हिंदू पंचाग के हिसाब से अगहन माह में दूसरा प्रदोष व्रत पड़ेगा। यह व्रत 17 नवंबर को कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि में रखा जाएगा। यह तिथि सुबह 4 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी और 18 नवंबर को सुबह 7 बजकर 12 मिनट पर समाप्‍त होगी। क्‍योंकि यह व्रत सोमवार के दिन पड़ेगा, इसलिए इसे सोम प्रदोष कहा जाएगा।

17 नवंबर प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त

  • अमृत काल सुबह 9 बजकर 25 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक।
  • चल काल दोपहर में 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक।
  • गोधूलि मुहूर्त 5 बजकर 27 मिनट से 5 बजकर 53 मिनट तक।

मुहूर्त के समय शहर और सूर्योदय-सूर्यास्त के समय के अनुसार थोड़े भिन्न हो सकते हैं, मगर प्रदोष व्रत की पूजा के लिए सबसे अच्‍छा गोधूलि बेला कहा गया है।

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तो अगर आप भी प्रदोष व्रत रखती हैं, तो ऊपर बताई गई तिथियों में इस व्रत को रखें और शुभ मुहूर्त पर भगवान शिव की पूजा करें। यह जानकारी आपको पसंद आई हो, तो लोख को शेयर और लाइक जरूर करें।

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