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Saphala Ekadashi Puja Vidhi & Samagri 2025: कैसे करें सफला एकादशी की पूजा? जानें संपूर्ण विधि और सामग्री

Saphala Ekadashi Puja Samagri List 2025: सफला एकादशी की पूजा में कुछ विशेष सामग्रियों और नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। पूजा की तैयारी एक दिन पहले से ही शुरू हो जाती है और व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है।
Editorial
Updated:- 2025-12-14, 14:31 IST

सफला एकादशी का व्रत और पूजा जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और सौभाग्य प्रदान करने के लिए की जाती है। यह पौष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी है और इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की विधिवत पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन और श्रद्धा से यह व्रत रखता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके सभी कार्य बिना किसी रुकावट के सफल होते हैं। सफला एकादशी की पूजा में कुछ विशेष सामग्रियों और नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। पूजा की तैयारी एक दिन पहले से ही शुरू हो जाती है और व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि सफला एकादशी की पूजा कैसे करें और क्या है संपूर्ण पूजन सामग्री? 

सफला एकादशी पूजा सामग्री (Saphala Ekadashi Puja Samagri List 2025)

सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा और व्रत करने के लिए कुछ आवश्यक सामग्री की जरूरत होती है। इन सामग्रियों को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है: पूजा और शुद्धि सामग्री, भोग सामग्री और सजावट सामग्री।

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पूजा और शुद्धि सामग्री

  • भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र: पूजा के केंद्र में रखने के लिए।
  • चौकी और पीला वस्त्र: भगवान को स्थापित करने के लिए चौकी और उस पर बिछाने के लिए पीला या लाल वस्त्र।
  • जल का कलश: पूजा शुरू करने से पहले संकल्प के लिए और जल रखने के लिए।
  • पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण जो भगवान के अभिषेक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  • शुद्ध जल: भगवान के स्नान के लिए।
  • चंदन: भगवान को तिलक लगाने के लिए।
  • रोली/कुमकुम: तिलक लगाने के लिए।
  • अक्षत (चावल): एकादशी पर चावल वर्जित होता है, इसलिए चावल की जगह पर सफेद तिल या पीले सरसों के दाने का प्रयोग करें।
  • दीपक और घी/तेल: पूजा के लिए अखंड या नियमित दीपक जलाने हेतु।
  • धूप, अगरबत्ती, कपूर: वातावरण को शुद्ध करने और आरती के लिए।

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भोग सामग्री

  • तुलसी दल (पत्ते): भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी दल अत्यंत आवश्यक है। इसके बिना भोग अधूरा माना जाता है।
  • फल: मौसमी फल जैसे केला, सीताफल, संतरा, अनार आदि।
  • मिठाई: दूध या मावे से बनी शुद्ध मिठाई, या गुड़ से बनी कोई मिठाई।
  • पंचमेवा: काजू, बादाम, किशमिश, मखाना और पिस्ता।
  • शक्कर या मिश्री: भोग लगाने के लिए।

सजावट और अन्य सहायक सामग्री

  • पीले फूल और माला: भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है, इसलिए गेंदे के फूल या अन्य पीले फूल और माला।
  • पीले वस्त्र: भगवान को नए वस्त्र अर्पित करने के लिए (यदि संभव हो)।
  • सुपारी और लौंग: पूजा में सुपारी और लौंग का प्रयोग किया जाता है।
  • पान के पत्ते: पूजा में पान का पत्ता रखना शुभ माना जाता है।
  • दक्षिणा: पूजा के बाद ब्राह्मणों को दान देने के लिए या मंदिर में दान करने के लिए पैसे।
  • माला (जाप के लिए): मंत्र जाप करने के लिए तुलसी की माला या रुद्राक्ष की माला।

सफला एकादशी पूजा विधि (Saphala Ekadashi Puja Vidhi 2025)

सफला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें, हो सके तो पीले रंग के वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर को अच्छी तरह साफ करें और एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें। अब हाथ में जल और चावल लेकर व्रत और पूजा का संकल्प लें कि आप विधि-विधान से यह व्रत करेंगे। भगवान को धूप और दीपक जलाकर प्रणाम करें।

saphala ekadashi puja vidhi 2025

इसके बाद, सबसे पहले भगवान विष्णु को पंचामृत जैसे दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल आदि से स्नान कराएं और फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें चंदन या रोली का तिलक लगाएं, अक्षत और पीले फूल अर्पित करें, और पीले वस्त्र पहनाएं। भोग में फल, मिठाई और विशेष रूप से तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं, क्योंकि तुलसी के बिना भगवान विष्णु का भोग स्वीकार नहीं होता है।

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भोग लगाने के बाद, तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का कम से कम 108 बार जाप करें। इसके बाद सफला एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें। दिनभर फलाहार लेते हुए व्रत का पालन करें। अगले दिन द्वादशी तिथि की सुबह पूजा करने के बाद ब्राह्मण को दान दें और शुभ मुहूर्त में अन्न ग्रहण करके व्रत का पारण करें।

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image credit: herzindagi 

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