Maa Kalratri Vrat Katha: शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन जरूर पढ़ें मां कालरात्रि की व्रत कथा, सभी शत्रुओं से मिलेगा छुटकारा

शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है। इस दिन माता कालरात्रि की विधिवत रूप से पूजा करने से व्यक्ति को सभी शत्रुओं से छुटकारा मिल जाता है। आइए इस लेख में व्रत कथा के बारे में जानते हैं।
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हिंदू पंचांग के अनुसार नवरात्रि का सातवां दिन माता कालरात्रि की पूजा के लिए समर्पित है। मां कालरात्रि को यंत्र, मंत्र और तंत्र की देवी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माता कालरात्रि की विधिवत पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को उत्तम परिणाम मिलते हैं। साथ ही सभी दुष्प्रभावों से छुटकारा मिल जाता है। मां कालरात्रि का वर्ण काला होता है, चार भुजाएं होती हैं और वे सिंह पर विराजमान रहती हैं। उनके हाथों में खड्ग, त्रिशूल, डमरू और वरदान मुद्रा होती है।

अब ऐसे में अगर आप माता कालरात्रि की पूजा-अर्चना कर रहे हैं, तो उनकी पूजा करने के दौरान व्रत कथा के बारे में पढ़ना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अब ऐसे आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन पढ़ें माता कालरात्रि की व्रत कथा

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार एक रक्तबीज का नाम राक्षस था। जिससे मनुष्य के साथ-साथ सभी देवता भी नाराज थे। रक्तबीज दानव की यह विशेषता थी कि जैसे ही उसके रक्त की बूंद धरती पर गिरती थी, तो उसके जैसा एक और दानव बन जाता था। इस राक्षस से सभी परेशान होकर समस्या के समाधान के लिए सब भगवान शिव के पास पहुंचे। भगवान शिव ज्ञाता हैं, उनसे कोई बात छिपी नहीं रहती है। भगवान शिव ने कहा कि इस राक्षस का अंत तो केवल माता पार्वती ही कर सकती हैं।

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भगवान शिव ने माता पार्वती से अनुरोध किया। इसके बाद माता पार्वती ने खुद शक्ति और तेज से मां कालरात्रि को उत्पन्न किया। उसके बाद जब मां दुर्गा ने दैत्य रक्तबीज का अंत किया और उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को जमीन पर गिरने से पहले ही माता कालरात्रि ने अपने मुख में भर लिया । तभी से माता पार्वती के इस स्वरूप का नाम माता कालरात्रि पड़ा।

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माता कालरात्रि की पूजा का महत्व

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माता कालरात्रि, नवदुर्गा का एक रूप हैं और शक्ति की प्रतीक मानी जाती हैं। माता कालरात्रि अज्ञान और अंधकार का नाश करती हैं। उनकी पूजा करने से मन में सकारात्मकता आती है और जीवन में उजाला आता है। वे शक्ति की देवी हैं और अपने भक्तों को शक्ति प्रदान करती हैं। उनकी पूजा करने से व्यक्ति में साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है। माता कालरात्रि भक्तों के सभी भयों को दूर करती हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति सभी प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है। माता कालरात्रि रोगों से मुक्ति दिलाती हैं। उनकी पूजा करने से स्वास्थ्य लाभ होता है। माता कालरात्रि शत्रुओं का नाश करती हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति के सभी शत्रु नष्ट हो जाते हैं। माता कालरात्रि धन-धान्य की देवी भी मानी जाती हैं। उनकी पूजा करने से व्यक्ति को धन-धान्य की प्राप्ति होती है। माता कालरात्रि मोक्ष की देवी भी मानी जाती हैं। उनकी पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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Image Credit- HerZindagi

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