शारदीय नवरात्रि का पर्व शक्ति उपासना का विशेष समय माना जाता है। इन नौ दिनों में माता दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि का हर दिन देवी के एक विशेष रूप को समर्पित होता है और इन दिनों में की गई साधना, उपाय और भक्ति विशेष रूप से फलदायी माने जाते हैं। माता का पूजन पूरे नौ दिनों तक विधि-विधान से किया जाता है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए माता को प्रिय भोग अर्पित किए जाते हैं। यही नहीं अगर आप हर एक दिन किसी एक उपाय से माता को प्रसन्न करती हैं तो इससे आपको धन लाभ होने के साथ जीवन में सकारात्मक फल मिलते हैं। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि में यदि आप श्रद्धा और विधिपूर्वक कुछ विशेष उपाय करें, तो माता दुर्गा की कृपा से सौभाग्य, धन, स्वास्थ्य और सफलता के द्वार खुल सकते हैं। यह समय नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति और सकारात्मक ऊर्जा के संचार का श्रेष्ठ अवसर होता है। नवरात्रि के 10 दिनों में आपको अलग उपाय आजमाने चाहिए। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि नवरात्रि के तीसरे दिन आपको मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए कौन सा उपाय करना चाहिए।
नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है, जो देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप मानी जाती हैं। यह दिन शौर्य, साहस, और आंतरिक शांति का प्रतीक होता है। मां चंद्रघंटा की उपासना से भक्तों को भय, शोक और मानसिक अशांति से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी माता चंद्रघंटा की पूजा विधि पूर्वक करती हैं तो आपको इस दिन एक उपाय भी करना चाहिए जिससे माता दुर्गा की कृपा बनी रहती है। इस दिन आप कौड़ी का उपाय कर सकती हैं। आप 5 कौड़ी लें और उसे माता दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के पीछे रखें माता की पूजा करने के बाद इन कौड़ियों को उठाकर घर की तिजोरी में रख दें। इस उपाय से आपके जीवन में हमेहा समृद्धि बनी रहती है और कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है, माता ब्रह्मचारिणी तप, संयम और श्रद्धा की देवी मानी जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि माता ब्रह्मचारिणी की पूजा से आत्मबल, संयम और मन को शांति मिलती है। माता का स्वरुप बहुत शांत है और यदि आप नवरात्रि के दूसरे दिन माता को कमलगट्टे की माला चढ़ाती हैं तो आपके जीवन में इसके पूर्ण लाभ मिल सकते हैं। इसके साथ ही आप इस दिन कमलगट्टे से एक विशेष उपाय भी करें-
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। 'शैल' का अर्थ होता है पर्वत और शैलपुत्री का अर्थ है पर्वतराज हिमालय की पुत्री। माता का यह स्वरूप मां पार्वती का ही माना जाता है। माता शैलपुत्री की पूजा विधि पूर्वक करने से भक्तों को दृढ़ता, संयम, मानसिक बल और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। यही नहीं मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति जीवन की परेशानियों से बाहर निकलता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
इस साल माता शैलपुत्री का पूजन 22 सितंबर को किया जा रहा है। इस दिन अगर आप पान के पत्ते का एक विशेष उपाय करेंगी तो आपको इसके शुभ लाभ होंगे और पूरे साल खुशहाली बनी रहेगी।
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नवरात्रि का प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा के लिए समर्पित होता है। अगर आप आज के दिन रात को 8 बजे के बाद एक पान के पत्ते में 2 कपूर के टुकड़े और 2 लौंग डालकर जलाएं। इससे निकलने वाले धुंए को पूरे घर में फैलने दें और माता शैलपुत्री से घर की खुशहाली की प्रार्थना करें। इस उपाय से आपके जीवन में आने वाली कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
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अगर आप भी शारदीय नवरात्रि की पहली रात पान के पत्ते का यह उपाय करती हैं तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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