नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि की नौ देवियों की पूजा के दौरान नौ बीज मंत्रों का जाप करना भी आवश्यक माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि नवरात्रि के इन्हीं नौ दिनों में मां दुगा की शक्तियों को सिद्ध किया जा सकता है एवं उन्हें प्रसन्न कर उनकी कृपा पाई जा सकती है और यह तभी संभव है जब माता के नौ रूपों के नौ बीज मंत्रों का जाप किया जाए। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के नौ बीज मंत्र कौन से हैं और उनके जाप से क्या लाभ मिलते हैं।
नवरात्रि की नौ देवियों के नौ बीज मंत्र (Navratri Puja Mantra)
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के नौ बीज मंत्रों का जाप करने से साधक को अद्भुत आध्यात्मिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं। प्रत्येक दिन के बीज मंत्र का जाप करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और साधक के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा, भय, रोग, शत्रु बाधा और दुर्भाग्य दूर होते हैं।
इन मंत्रों का जाप करने से आत्मबल, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है, जिससे व्यक्ति जीवन की कठिनाइयों का सामना दृढ़ता से कर पाता है। यह मंत्र साधक के जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और शांति लाते हैं तथा घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। नवरात्रि में किए गए बीज मंत्रों का जाप साधक को विशेष फल प्रदान करता है, क्योंकि इन दिनों मां दुर्गा की ऊर्जा अत्यधिक सक्रिय होती है और उनकी आराधना शीघ्र फलदायी होती है।
दिन | देवी का नाम | बीज मंत्र |
प्रतिपदा | शैलपुत्री | ह्रीं शिवायै नम: |
द्वितीया | ब्रह्मचारिणी | ह्रीं श्री अम्बिकायै नम: |
तृतीया | चंद्रघंटा | ऐं श्रीं शक्तयै नम: |
चतुर्थी | कूष्माण्डा | ऐं ह्री देव्यै नम: |
पंचमी | स्कंदमाता | ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम: |
षष्ठी | कात्यायनी | क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम: |
सप्तमी | कालरात्रि | क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम: |
अष्टमी | महागौरी | श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम: |
नवमी | सिद्धिदात्री | ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम: |
नवरात्रि की नौ देवियों के अन्य मंत्र
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री का प्रार्थना मंत्र: वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री का स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का प्रार्थना मंत्र: दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का प्रार्थना मंत्र: पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा का प्रार्थना मंत्र: सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा का स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता का प्रार्थना मंत्र: सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता का स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी का प्रार्थना मंत्र: चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी का स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि का प्रार्थना मंत्र: एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि का स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी का प्रार्थना मंत्र: श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी का स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्रि के नौवे दिन मां सिद्धिदात्री का प्रार्थना मंत्र: सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
नवरात्रि के नौवे दिन मां सिद्धिदात्री का स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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