कल्कि पुराण में यह बताया गया है कि कलयुग में भगवान कल्कि उत्तर प्रदेश के संभल में जन्म लेंगे। इसके अलावा, यह भी वर्णित है कि मां लक्ष्मी भी कल्कि भगवान के साथ देवी पद्मा के रूप में अवतरित होंगी। वहीं, इसका भी उल्लेख मिलता है कि हनुमान जी श्री राम अवतार के समय के भांति ही भगवान कल्कि के भी बहुत बड़े सहायक रहेंगे, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि हनुमान जी चिरंजीवी हैं तो ऐसे में इस समय कलयुग में उनका वास कहां होगा यानी कि हनुमान जी अभी कहां रहते होंगे और कलयुग में किस रूप में वह कल्कि भगवान का साथ देने आएंगे। आइये जानते हैं हनुमान जी के कलयुगी अवतार एवं उनके निवास स्थान के बारे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।
कलयुग में कहां रहते हैं हनुमान जी और कैसा है उनका कलयुगी स्वरूप?
हनुमान जी के कई दिव्य और चमत्कारी मंदिर मौजूद हैं, इसलिए ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी उन स्थानों पर हैं जहां उनके मंदिर बने हुए हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। जब तुलसीदास जी ने हनुमान जी की स्तुति में चालीसा का निर्माण किया था, तब उन्होंने भक्ति भाव में कई ग्रंथों में इस बात का उल्लेख किया था कि जहां भी हनुमान जी के मंदिर होंगे वहां उनकी ऊर्जा का वास होगा। इसका अर्थ ये नहीं कि हनुमान जी स्वयं हर एक मंदिर में वास करते हैं।
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सरल शब्दों में कहें तो हनुमान जी ने अपनी ऊर्जा को कई भागों में बांटकर उन स्थानों पर छोड़ा है जहां उनके मंदिर स्थापित हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हर हनुमान मंदिर श्री राम मंदिर के पास विराजित है। तो श्री राम की सेवा हेतु हर हनुमान मंदिर में उनकी ऊर्जा नियुक्त है। हां, ये कहा जा सकता है कि हनुमान जी समय-समय पर कोई न कोई लीला रचाते हुए अपने सच्चे और भक्तिपथ पर चलने वाले भक्तों को दर्शन देने जरूर आते हैं। मगर हनुमना जी का मुख्य स्थान गंधमादन पर्वत है।
इस पर्वत पर जाना मनुष्य की क्षमताओं के परे है और अगर कोई पहुंच भी गया तो हनुमना जी गुप्त रूप से यहान वास करते हैं और इसी कारण से किसी भी मनुष्य के लिए उन्हें देख पाना संभव नहीं है। हां, उनकी अनुभूति हो सकती है वो भी तब जब भक्ति सच्ची हो और मन में अपार श्रद्धा हो। वहीं, हनुमान जी के अवतार को लेकर ऐसा माना जाता है कि कलयुग में हनुमान जी कोई नया अवतार नहीं लेंगे क्योंकि वह स्वयं भगवान शिव के रुद्रांश अवतार माने जाते हैं।
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हां, मगर हनुमान जी का स्वरूप अलग हो सकता है। कई ग्रंथों में यह बताया गया है कि हनुमान जी कलयुग में वृद्ध ब्राह्मण के वेश में भगवान कल्कि के साथ रहेंगे और भक्तों को दर्शन देंगे। हालांकि, उन्हें पहचान पाना भक्तों की क्षमता के परे ही होगा। इसके अलावा, यह भी ग्रंथों में वर्णित है कि बूढ़े ब्राह्मण से वह कलयुग के अंत के समय में कालग्नि रुद्र के रूप में परिवर्तित हो जाएंगे और अपनी प्रचंड अग्नि के वेग से कलयुग को उसके समापन की ओर ले जाएंगे।
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