narad ghat story

ऐसा घाट जहां स्नान करने से परिवार के लोगों में हो जाता है आपसी झगड़ा, जानें इसका रहस्य

गंगा स्नान करने से पाप मिट जाते हैं और पुण्यों में वृद्धि होती है, लेकिन आज हम एक ऐसे घाट के बारे में बता रहे हैं जहां अगर एक परिवार के लोग साथ में स्नान कर लें तो पारिवारिक क्लेश जन्म ले लेता है।  
Editorial
Updated:- 2025-04-22, 17:36 IST

हिन्दू धर्म शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि किसी भी पवित्र नदी के घाट पर स्नान करने से जीवन के दुखों का नाश होता है और सुखों की प्राप्ति होती है। विशेष तौर पर गंगा स्नान करने से पाप मिट जाते हैं और पुण्यों में वृद्धि होती है, लेकिन ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें एक ऐसे घाट के बारे में बताया जहां अगर एक परिवार के लोग साथ में स्नान कर लें तो पारिवारिक क्लेश जन्म ले लेता है और रिश्तों में दरार आ जाती है। आइये जानते हैं कौन सा है ये घाट और क्या है इससे जुड़ी इस मान्यता के पीछे का सत्य।

किस घाट पर स्नान करने से परिवार में क्लेश पैदा होता है?

nand bhabhi ko narad ghat pr kyu nahi karna chahiye ganga snan

शास्त्रों में गंगा घाट का बहुत महत्व माना गया है। बनारस में गंगा किनारे 84 घाट मौजूद हैं। हर घाट का अपना महत्व और रहस्य है। इन्हीं में से एक है नारद घाट। नारद घाट को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहां स्नान करने से पारिवारिक रिश्ते टूट जाते हैं। यानी कि पति-पत्नी, सास-बहु, नंद-भाभी, भाई-बहन आदि साथ में स्नान करें तो रिश्तों में दरार आ जाती है।

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नारद घाट को लेकर प्रचलित धारणा कहती है कि चूंकि नारद जी का स्वभाव इधर की बात उधर करने का था जिससे दैत्यों और देवताओं में युद्ध छिड़ जाता था, इसी कारण इस घाट पर स्नान करने से वही प्रभाव लोगों के जीवन में भी नजर आता है। हालांकि, नारद घाट सिर्फ एक घाट नहीं है बल्कि यहां प्राचीन शिवलिंग स्थापित है जिसे स्वयं नारद जी ने विराजित किया था।

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नारद घाट पर मौजूद शिवलिंग को नारदेश्वर शिव के नाम से जाना जाता है। दरअसल, शास्त्रों में बताया गया है कि नारद जी ब्रह्मचारी थे। इसी स्थान पर उन्होंने पहली बार भगवान विष्णु के बजाय भगवान शिव की तपस्या की थी और शिवलिंग की स्थापना की थी। तब भगवान शिव ने उन्हें यह आशीर्वाद दिया था कि नारद घट पर स्नान करने वाले को आध्यात्मिक बल प्राप्त होगा।

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तभी से यह परंपरा शुरू हुई कि बनारस में मौजूद नारद घाट साधु-संतों के लिए उत्तम स्थान है गंगा स्नान और तप हेतु एवं चूंकि यहां संत स्नान के लिए आएंगे ऐसे में गृहस्थियों का इस घाट पर स्नान करना उचित नहीं है। हालांकि बाद में इस तथ्य को एक लोक धारणा बना दिया गया और उसे पारिवारिक क्लेश के साथ जोड़ दिया गया जो कि पूर्णतः गलत है और शास्त्र विरुद्ध है।

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image credit: herzindagi 

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नारद घाट का दूसरा नाम क्या है?
नारद घाट का दूसरा नाम कुवाई घाट भी है।
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