
20 दिसंबर 2025, शनिवार का दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस पंचांग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आज से पौष शुक्ल पक्ष की शुरुआत हो रही है जिसे आध्यात्मिक उन्नति और सूर्य उपासना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। शनिवार का दिन होने के कारण इस तिथि पर शनिदेव और हनुमान जी की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है जो भक्तों को कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला है। इस दिन मूल नक्षत्र और वृद्धि योग का मेल होने से यह समय नए कार्यों की योजना बनाने और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ फलदायी रहेगा। पौष मास की इस पहली तिथि को श्रद्धा भाव से मनाने से पूरे महीने घर में सकारात्मकता और सुख-समृद्धि का संचार होता है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष शुक्ल प्रतिपदा (अगले दिन सुबह 05:42 AM तक) | मूल | शनिवार | वृद्धि | किस्तुघ्न |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 07:10 AM |
| सूर्यास्त | शाम 05:28 PM |
| चंद्रोदय | सुबह 07:53 AM |
| चंद्रास्त | शाम 06:14 PM |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:19 AM से सुबह 06:14 AM तक |
| अभिजीत मुहूर्त (हवन के लिए) | दोपहर 11:58 AM से दोपहर 12:40 PM तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 02:02 PM से दोपहर 02:44 PM तक |
| अमृत काल | दोपहर 03:22 PM से शाम 05:03 PM तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | सुबह 09:44 AM से सुबह 11:02 AM तक |
| यमगंड | दोपहर 01:37 PM से दोपहर 02:54 PM तक |
| गुलिक काल | सुबह 07:10 AM से सुबह 08:27 AM तक |
20 दिसंबर 2025 को पौष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस दिन का मुख्य महत्व 'पौष मास' के शुक्ल पक्ष के आरंभ से है। धार्मिक दृष्टि से इस दिन किसी बड़े व्रत का विधान तो नहीं है, लेकिन इसे 'नूतन मास आरंभ' के रूप में मनाया जाता है। चूंकि यह शनिवार का दिन है, इसलिए इस दिन हनुमान जी और शनिदेव की विशेष पूजा की जाती है। भक्त इस दिन से पूरे महीने के लिए सूर्य उपासना और पवित्र नदियों में स्नान का संकल्प लेते हैं। साथ ही, चंद्र दर्शन करना भी इस तिथि को शुभ माना जाता है क्योंकि शुक्ल पक्ष का चंद्रमा उन्नति का प्रतीक होता है।
इस दिन शनिवार और प्रतिपदा का संयोग होने के कारण पीपल के वृक्ष की सेवा करना सबसे उत्तम उपाय है। शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का एक दीपक जलाएं और सात बार परिक्रमा करें; इससे शनि दोष दूर होते हैं और करियर में स्थिरता आती है। चूंकि पौष का महीना सूर्य देव का है, इसलिए सुबह तांबे के लोटे में लाल चंदन और गुड़ डालकर सूर्य को अर्घ्य दें, इससे मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इसके अलावा, किसी गरीब व्यक्ति को काला तिल या कंबल दान करना आपके संचित पापों का नाश करता है और घर में सुख-शांति का मार्ग प्रशस्त करता है।
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