हिंदू धर्म में मुंडन संस्कार को बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह बच्चे के जन्म के बाद पहली बार बाल कटवाने की एक प्राचीन परंपरा है, जिसे चूड़ाकरण के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह संस्कार बच्चे को पिछले जन्म के दोषों से मुक्ति दिलाता है और उसे दीर्घायु, अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करता है। इसे हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में से एक माना गया है, जो बच्चे के जीवन की एक शुभ शुरुआत का प्रतीक है। धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से इसे महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह बच्चे को शारीरिक और आत्मिक शुद्धता प्रदान करता है, बालों को मजबूत और घना बनाता है, और बुरी नजर से भी बचाता है।
यह माना जाता है कि मुंडन संस्कार बच्चे को किसी भी नकारात्मक शक्ति या नुकसान से बचाने में मदद करता है, खासकर जन्म से पहले मां के गर्भ में बनने वाले बालों को हटाकर। जिस तरह दूसरे रीति-रिवाजों को शुभ समय पर किया जाता है, उसी तरह मुंडन संस्कार के लिए भी सही मुहूर्त का चुनाव करना बहुत जरूरी है ताकि इसका सकारात्मक प्रभाव पड़े और कोई बुरा असर न हो। लोग अक्सर इसके लिए पंडितों से सलाह लेते हैं या ज्योतिषीय गणना के अनुसार शुभ तिथि का चयन करते हैं।\
पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी के अनुसार, साल 2025 में मुंडन संस्कार के लिए कुछ विशेष तारीखें हैं जो सामान्य रूप से शुभ मानी जाती हैं। हालांकि, बच्चे की जन्म कुंडली और नक्षत्र के आधार पर व्यक्तिगत शुभ मुहूर्त निकालना सबसे उत्तम होता है, लेकिन ये सामान्य शुभ तिथियां भी ग्रहों की किसी भी परेशानी से बचने में मदद करती हैं और मुंडन संस्कार को अधिक फलदायी बनाती हैं।
नवजात शिशु का मुंडन संस्कार कब किया जाता है
आमतौर पर नवजात शिशु का मुंडन संस्कार 1 से 3 वर्ष की आयु में करना शुभ माना जाता है। ज्योतिष की मानें तो मुंडन विषम संख्या के वर्षों में करना ज्यादा फलदायी माना जाता है। यदि आप किसी वजह से 3 साल की उम्र तक बच्चे का मुंडन न कर पाएं तो यह अनुष्ठान 5 या 7 वर्ष की उम्र में भी किया जा सकता है।
आप मुंडन बच्चे की किसी भी उम्र में क्यों न करें लेकिन आपको हमेशा शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि गलत समय पर किया गया मुंडन फलदायी नहीं होता है। यदि शुभ दिनों की बात करें तो आपको मंगलवार, शनिवार और अमावस्या तिथि के दिन मुंडन करने से बचना चाहिए।
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साल 2025 मुंडन के शुभ मुहूर्त
साल 2025 में मुंडन संस्कार के लिए कई शुभ तिथियां हैं, जिन्हें ज्योतिषीय गणनाओं और पंचांग के आधार पर तय किया गया है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में इस अनुष्ठान को संपन्न करने से इसका पूर्ण फल मिलता है।
यदि आप भी इस साल अपने बच्चे का मुंडन संस्कार कराने की योजना बना रहे हैं, तो सही तिथि और समय का चयन करना आपके लिए बेहद जरूरी है। आइए आपको बताते हैं साल 2025 में जनवरी से लेकर दिसंबर तक किन तिथियों में मुंडन करना शुभ हो सकता है-
जून और जुलाई 2025 में मुंडन के शुभ मुहूर्त
साल 2025 में मई से अगस्त तक मुंडन की कई शुभ तिथियां और मुहूर्त हैं जिनका अनुमान पंचांग और ज्योतिष गणना आधार पर लगाया गया है।
यदि आप इस अवधि के दौरान मुंडन की योजना बना रहे हैं तो इन तिथियों का ध्यान रखना जरूरी है। मई के महीने में 14, 15, 19, 28, 29 और 30 मई ऐसी तिथियां हैं जिनमें मुंडन करना शुभ है, ऐसे ही जून और जुलाई की भी कुछ शुभ तिथियां हैं। आइए जानें उनके बारे में-
मुंडन की तिथि | मुंडन का शुभ मुहूर्त |
6 जून , शुक्रवार | प्रातः 06:34 बजे से 07 जून प्रातः 04:50 बजे तक |
11 जून , बुधवार | प्रातः 05:22 बजे से दोपहर 01:15 बजे तक |
16 जून , सोमवार | प्रातः 05:22 बजे से दोपहर 03:34 बजे तक |
26 जून , गुरुवार | प्रातः 01:27 बजे से 27 जून प्रातः 05:24 बजे तक |
27 जून , शुक्रवार | प्रातः 05:25 बजे से 28 जून प्रातः 05:25 बजे तक |
2 जुलाई , बुधवार | प्रातः 11:07 बजे से प्रातः 11:59 बजे तक |
4 जुलाई, शुक्रवार | शाम 04:33 बजे से 05 जुलाई प्रातः 05:27 बजे तक |
मई 2025 में मुंडन के शुभ मुहूर्त
मुंडन की तिथि | मुंडन का शुभ मुहूर्त |
14 मई, बुधवार | प्रातः 11:47 से 15 मई, प्रातः 05:31 बजे तक |
15 मई , गुरुवार | प्रातः 05:31 से दोपहर 02:08 तक |
19 मई , सोमवार | प्रातः 06:14 से 20 मई प्रातः 05:28 बजे तक |
28 मई , बुधवार | प्रातः 05:24 बजे से 29 मई दोपहर 12:30 बजे तक |
29 मई , गुरुवार | रात्रि 10:38 बजे से 11:18 बजे तक |
30 मई , शुक्रवार | रात्रि 09:23 बजे से 31 मई प्रातः 05:45 बजे तक |
अगस्त से दिसंबर 2025 तक मुंडन के शुभ मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगस्त से दिसंबर 2025 के बीच मुंडन संस्कार के लिए कोई विशेष शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है। इस दौरान पंचांग और नक्षत्रों की स्थिति मुंडन के लिए अनुकूल नहीं है जिसके कारण इस अवधि में मुंडन संस्कार से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि, कुछ लोग शारदीय नवरात्रि के दौरान भी मुंडन संस्कार का करते हैं, क्योंकि इसे पवित्र और शुभ समय माना जाता है। यदि आप अगस्त से दिसंबर के बीच मुंडन कराने की योजना बना रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप ज्योतिषी की सलाह लें। बच्चे की कुंडली, नक्षत्र और ग्रहों की स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मुहूर्त का निर्धारण भी किया जा सकता है।
जनवरी से अप्रैल 2025 तक मुंडन के शुभ मुहूर्त
साल 2025 में जनवरी से अप्रैल के बीच मुंडन संस्कार के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं, जो पंचांग, नक्षत्र और योग के आधार पर तय किए गए हैं।
मुंडन संस्कार हिंदू धर्म में एक पवित्र अनुष्ठान है, जिसे शुभ मुहूर्त में करने से बच्चे को शुभता, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जनवरी में जहां मुंडन के लिए 30 और 31 जनवरी को शुभ माना गया है, वहीं फरवरी 2025 में, 4, 7, 10, 17 और 26 तारीखें मुंडन संस्कार के लिए शुभ हैं। ऐसे ही मार्च और अप्रैल में भी मुंडन के कुछ शुभ मुहूर्त हैं जिनके बारे में हम आपको यहां बताने जा रहे हैं।
मुंडन की तिथि | मुंडन का शुभ मुहूर्त |
30 जनवरी, गुरुवार | शाम 04:13 बजे से 31 जनवरी प्रातः 07:10 बजे तक |
31 जनवरी, शुक्रवार | प्रातः 07:10 बजे से 01 फरवरी प्रातः 04:15 बजे तक |
4 फरवरी, मंगलवार | प्रातः 04:37 बजे से प्रातः 06:38 बजे तक |
7 फरवरी, शुक्रवार | शाम 06:41 बजे से 08 फरवरी, प्रातः 07:06 बजे तक |
10 फरवरी, सोमवार | प्रातः 07:03 बजे से शाम 07:00 बजे तक |
17 फरवरी, सोमवार | प्रातः 06:58 बजे से 18 फरवरी प्रातः 04:56 बजे तक |
26 फरवरी, बुधवार | प्रातः 06:49 बजे से प्रातः 11:11 बजे तक |
3 मार्च, सोमवार | प्रातः 06:04 बजे से 04 मार्च प्रातः 04:30 बजे तक |
17 मार्च, सोमवार | प्रातः 06:29 बजे से शाम 07:36 बजे तक |
21 मार्च, शुक्रवार | प्रातः 06:24 बजे से 22 मार्च, प्रातः 01:46 बजे तक |
27 मार्च, गुरुवार | प्रातः 06:17 बजे से रात्रि 11:06 बजे तक |
31 मार्च, सोमवार | प्रातः 06:13 बजे से दोपहर 01:45 बजे तक |
14 अप्रैल, सोमवार | प्रातः 08:27 बजे से रात्रि 11:59 बजे तक |
17 अप्रैल, गुरुवार | दोपहर 03:26 बजे से 18 अप्रैल, प्रातः 05:54 बजे तक |
23 अप्रैल, बुधवार | प्रातः 05:48 बजे से 24 अप्रैल प्रातः 05:48 बजे तक |
24 अप्रैल, गुरुवार | प्रातः 05:47 बजे से 10:50 बजे तक |
मुंडन संस्कार एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो शारीरिक और आध्यात्मिक शुद्धि के लिए किया जाता है। इसलिए इसे सही समय पर और विधि-विधान से करना आवश्यक है। आप भी यहां बताए गए शुभ मुहूर्त के अनुसार अपने बच्चों के मुंडन की योजना बना सकते हैं।
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