हर महीने के कृष्ण पक्ष की को तिथि को अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पितरों की पूजा-अर्चना और तर्पण समेत आदि काम किए जाते हैं। माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन मौन व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि व्यक्ति को मौन व्रत करने से कई तरह के आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं।
इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है। इस दिन मौन व्रत, स्नान, दान और तर्पण करने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिलते हैं। अब ऐसे में इस दिन मौन व्रत रखने के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
मौन व्रत रखने के दौरान किन नियमों का पालन करें?
- मौन व्रत रखने के दौरान व्यक्ति को अपने विचारों और भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलता है। मौन व्रत के कई नियम हैं जिनका पालन करना आवश्यक है।
- मौन व्रत का सबसे महत्वपूर्ण नियम है कि कुछ समय के लिए बोलना बंद कर दिया जाए। इस दौरान किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं करनी चाहिए।
- मौन व्रत के दौरान केवल बोलना ही नहीं बल्कि अपने विचारों पर भी नियंत्रण रखना आवश्यक है। इस दौरान नकारात्मक विचारों को मन में आने से रोकना चाहिए।
- मौन व्रत के दौरान शांत वातावरण में रहें। जहां पर ज्यादा शोर न हो और लोग आपको परेशान न करें।
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- मौन व्रत रखने के दौरान किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का सेवन करने से बचें। इस दिन मांस,मदिरा और मसाले वाले चीजों से भी दूर रहना चाहिए।
- मौन व्रत के दौरान नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। इस दौरान सकारात्मक विचारों को मन में लाना चाहिए।
- मौन व्रत के दौरान क्रोध करने से बचना चाहिए।
- मौन व्रत के दौरान झूठ बोलने से राहु दोष लग सकता है।
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- मौन व्रत के दौरान लालच करने से राहु दोष लग सकता है।
- यदि किसी व्यक्ति को मौन व्रत के दौरान राहु दोष लग जाता है, तो उसे राहु के मंत्रों का जाप करना चाहिए और राहु की पूजा करनी चाहिए। इससे राहु दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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Image Credit- HerZindagi
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