क्या सुंदरकांड और बजरंगबाण का पाठ साथ में कर सकते हैं?

हनुमान जी के सभी स्तोत्रों और पाठों में से सबसे ज्यादा अगर कोई शक्तिशाली पाठ है तो वह बजरंगबाण और सुंदरकांड का पाठ है। लेकिन क्या दोनों पाठ एक साथ करने चाहिए या अलग अलग समय पर आइये जानते हैं।    
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हिन्दू धर्म शास्त्रों में हनुमान जी के कई मंत्रों, स्तोत्रों और पाठों का वर्णन मिलता है जिनका अगर रोजाना जाप किया जाए तो इससे न सिर्फ हनुमान जी की कृपा मिल सकती है बल्कि हनुमत शक्ति को सिद्ध भी किया जा सकता है। हालांकि यह निर्भर करता है कि आप हनुमान जी की पूजा के दौरान नियमों का कितना पालन करते हैं और मन में कितना समर्पण भाव हनुमान जी के प्रति रखते हैं। नियमों के साथ मन का भाव भी पूजा को फलित बनाने का काम करता है।

वहीं, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि हनुमान जी के सभी स्तोत्रों और पाठों में से सबसे ज्यादा अगर कोई शक्तिशाली पाठ है तो वह बजरंगबाण और सुंदरकांड का पाठ है। धर्म पुराणों में यह वर्णित है कि जहां एक ओर हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन के संकट दूर हो जाते हैं त वहीं, दूसरी ओर इन दोनों पाठों को करने से शत्रु पर विजय पाई जा सकती है, लेकिन क्या दोनों पाठ एक साथ करने चाहिए या अलग अलग समय पर आइये जानते हैं।

सुंदरकांड और बजरंगबाण का पाठ साथ में करने से क्या होता है?

bajrang baan ka path karne ka labh

शास्त्रों में यह बताया गया है कि हनुमान जी के इन दोनों पाठों में बहुत शक्ति है। इन पाठों को रोजाना करने से व्यक्ति के जीवन में तो कई बदलाव आने शुरू होते ही हैं लेकिन इसके साथ ही व्यक्ति के भीतर भी दिव्य ऊर्जा संचारित होने लगती है।

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शास्त्रों में वर्णित है कि इन दोनों पाठों में हनुमान जी की ऊर्जा समाहित है। ऐसे में इस पाठों को करने से आतंरिक ऊर्ज में जो वृद्धि होती है उसे सामान्य व्यक्ति का झेल पाना संभव नहीं है। ऐसे में भूल से भी सुंदरकांड और बजरंगबाण साथ में न करें।

sunderkand ka path karne ka labh

असल में यहां साथ में करने से मतलब यह है कि एक समय पर न करें, जैसे कि अगर आप रोजाना सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो बजरंग बाण का पाठ न करें। हां, किसी विशेष उत्सव या मांगी हुई मन्नत के लिए आप बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं।

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वहीं, अगर आप रोजाना बजरंग बाण का पाठ करते हैं तो सुंदरकांड का पाठ न करें। मन्नत और विशेष उत्सव की बात यहां भी लागू होती है। अगर आप रोजाना हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो दोनों पाठों को साथ में करने से बचें।

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image credit: herzindagi

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