सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन इसी पावन मास में पड़ने वाली एकादशियां भगवान विष्णु की विशेष कृपा दिलाती हैं। इन्हीं में से एक है कामिका एकादशी, जो सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसका व्रत रखने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। अब ऐसे में जो व्रती महिलाएं इस दिन व्रत रख रही हैं तो उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
कामिका एकादशी के दिन क्या करना चाहिए?
- कामिका एकादशी के एक दिन पहले यानी दशमी तिथि को शाम के समय सात्विक भोजन करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद पूजा घर को साफ करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें। संकल्प लेते समय कहें कि आप यह व्रत पूरी श्रद्धा और निष्ठा से करेंगे और किसी भी प्रकार के लोभ या पाप से दूर रहेंगे।
- कामिका एकादशी के दिन निराहार व्रत रखना चाहिए. यदि आप पूर्ण व्रत नहीं रख सकते हैं, तो फलाहार कर सकते हैं, जिसमें फल, दूध, दही और सूखे मेवे शामिल होते हैं. इस दिन चावल और अनाज का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- माना जाता है कि कामिका एकादशी का व्रत करने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य मिलता है. यह व्रत रोग-दोष और कष्टों से मुक्ति दिलाता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें, जैसे "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" या "हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे"। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना भी बहुत शुभ माना जाता है.
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कामिका एकादशी के दिन क्या करने से बचना चाहिए?
- एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महर्षि मेधा चावल के रूप में उत्पन्न हुए थे, और इसलिए इसे जीव के समान माना जाता है। ऐसा करने से मन चंचल होता है और एकाग्रता भंग होती है, जिससे भगवान की आराधना में बाधा आ सकती है। अतः इस दिन चावल या चावल से बनी किसी भी चीज़ का सेवन करने से बचें।
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- कामिका एकादशी के दिन तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ये चीजें मन में रजोगुण और तमोगुण की वृद्धि करती हैं, जिससे व्यक्ति का मन पूजा-पाठ से भटक सकता है और उसे व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता। इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
- भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है और तुलसी दल के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। हालांकि, कामिका एकादशी के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना वर्जित है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं। अगर आपको पूजा के लिए तुलसी दल की आवश्यकता है, तो एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ अवसर या पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के वस्त्र पहनना शुभ नहीं माना जाता है। कामिका एकादशी के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ होता है, क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु को प्रिय है।
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Image Credit- HerZindagi
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