हिंदू धर्म में जन्माष्टमी को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। यह त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण को अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक माना जाता है। कई जगहों पर भगवान श्रीकृष्ण की झांकियां सजाई जाती हैं।
इस दिन भक्त अपने घरों में लड्डू गोपाल की पूजा विधिवत रूप से करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। अब ऐसे में जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल का श्रृंगार किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल का श्रृंगार कैसे करें?
जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का जश्न मनाने का दिन है। इस दिन लड्डू गोपाल का श्रृंगार करना एक विशेष अनुष्ठान है।
- श्रृंगार की सामग्री क्या है?
- पंचामृत
- गंगाजल
- चंदन
- फूल में आप मोगरा, चमेली, गुलाब, चंपा और कमल आदि।
- वस्त्र
- आभूषण में मोती, मोरपंख, बाला, मुकूट, कानों में कुंडल,
- शृंगार का सामान
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श्रृंगार की विधि क्या है?
- सबसे पहले लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान कराएं।
- स्नान के बाद उनके शरीर पर चंदन का लेप करें।
- चंदन सूखने के बाद गंगाजल से अभिषेक करें।
- लड्डू गोपाल को साफ और सुंदर वस्त्र पहनाएं।
- मोती, मोरपंख से उन्हें सजाएं।
- उनके आंखों में काजल लगाएं और माथे पर बिंदी लगाएं।
- उनके बालों में फूल लगाएं और उनके चरणों में फूल बिछाएं।
- लड्डू गोपाल को इत्र अवश्य लगाएं।
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लड्डू गोपाल को श्रृंगार करने का महत्व क्या है?
लड्डू गोपाल को श्रृंगार करके भक्त अपने प्रियतम को सुंदर रूप में देखना चाहते हैं। यह प्रेम और भक्ति का एक भाव व्यक्त करता है। आपको बता दें, पंचामृत से लड्डू गोपाल को स्नान कराना शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है। चंदन शांत और शीतलता का प्रतीक है। यह मन को शांत करता है। फूल सौंदर्य और शुभता का प्रतीक हैं। रंग-बिरंगे वस्त्र आनंद और उत्सव का प्रतीक हैं। इसलिए ऐसी मान्यता है कि लडडू गोपाल का श्रृंगार करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।
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Image Credit- HerZindagi
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