नीम करोली बाबा की अर्जी कैसे लगाएं?

नीम करोली बाबा से अपनी अर्जी लगाने के कई तरीके हैं। आप कैंची धाम या उनके किसी भी आश्रम जाकर अर्जी लगा सकती हैं। घर बैठे भी उनकी तस्वीर के सामने बैठकर ध्यान, मंत्र जाप जैसे राम नाम या हनुमान चालीसा, और अपनी इच्छा व्यक्त करके अर्जी लगा सकती हैं। सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा से की गई प्रार्थना बाबा तक अवश्य पहुंचती है। आइए इस बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
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नीम करोली बाबा, 20वीं सदी के महान संत और आध्यात्मिक गुरु थे। उनके चमत्कारों और निस्वार्थ प्रेम की कहानियां दुनिया भर में फैली हुई हैं। नीम करोली बाबा के भक्त उन्हें महाराज जी के नाम से पुकारते हैं। उनके भक्तों का ऐसा मानना है कि बाबा आज भी अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। अगर आपके जीवन में भी किसी तरह की परेशानियां चल रही हैं या आप किसी दुविधा में हैं और समस्याओं से छुटकारा पाना चाहती हैं या फिर कोई इच्छा रखना चाहती हैं, तो आप भी बाबा से अपनी अर्जी लगा सकती हैं। ऐसे में, कई लोगों के मन में सवाल रहता है कि आखिर नीम करोली बाबा की अर्जी कैसे लगाई जाती है, क्या इसके लिए कोई विशेष विधि है या केवल हृदय से की गई प्रार्थना ही पर्याप्त हो सकते हैं? अगर आपके मन में भी इस तरह के प्रश्न आ रहे हैं, तो चलिए हम आपको इस लेख में बताते हैं कि आप किस प्रकार नीम करोली बाबा से अपनी अर्जी लगा सकती हैं और कैसे अपनी बातों को उन तक पहुंचा सकती हैं।

नीम करोली बाबा की अर्जी कैसे लगाएं?

Neem karoli baba ki arji kaise lagaye

बाबा नीम करोली किसी औपचारिक पूजा-पाठ या कर्मकांड में विश्वास नहीं रखते थे। उनके लिए प्रेम, सेवा और निस्वार्थता ही सबसे बड़ा धर्म था। इसलिए, उनसे अर्जी लगाने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा से की गई प्रार्थना है।

आश्रम या कैंची धाम में जाकर लगाएं अर्जी

अगर आप शारीरिक रूप से सक्षम हैं और मौका मिले, तो बाबा के आश्रमों में जाकर अर्जी लगाना सबसे सीधा तरीका माना जाता है। उत्तराखंड के नैनीताल में कैंची धाम है, जो कि बाबा का मुख्य आश्रम है और यह लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहां जाकर आप बाबा के मंदिर में उनके समक्ष अपनी इच्छा या समस्या बता सकती हैं। वृंदावन आश्रम में भी बाबा का आश्रम है, जहां आप शांतिपूर्ण माहौल में अपनी अर्जी लगा सकती हैं। आश्रम में जाकर, बाबा की मूर्ति या तस्वीर के सामने शांत मन से बैठें। अपनी आंखें बंद करें और अपनी समस्या या इच्छा को स्पष्ट रूप से बाबा के सामने रखें। महसूस करें कि बाबा आपकी बात सुन रहे हैं। आप चाहें तो अपनी बात एक चिट्ठी में लिखकर भी बाबा के चरणों में रख सकते हैं।

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नीम करोली बाबा की घर बैठे अर्जी कैसे लगाएं?

Neem karoli baba ki arji se laabh

यदि आप आश्रम नहीं जा सकते, तो घर बैठे भी उतनी ही श्रद्धा से अपनी अर्जी लगा सकते हैं। अपने घर में एक शांत और स्वच्छ स्थान पर नीम करोली बाबा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।

सुबह या शाम के समय, जब आप शांत महसूस करें, बाबा की तस्वीर के सामने बैठें। कुछ देर ध्यान करें और अपने मन को शांत करें।

अपनी आंखें बंद करके, अपनी इच्छा या परेशानी को स्पष्ट शब्दों में बाबा को बताएं। जैसे आप किसी अपने प्रिय से बात कर रहे हों, वैसे ही उनसे बात करें। कोई औपचारिकता नहीं, बस दिल से बात कहें।

बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है और उन्हें 'राम नाम' बहुत प्रिय था। आप अपनी अर्जी लगाने के बाद या उससे पहले 'श्री राम जय राम जय जय राम' या हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। यह आपके मन को एकाग्र करेगा और आपकी अर्जी को और मजबूत करेगा।

अगर संभव हो, तो एक नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर उसे अपनी इच्छा के साथ बाबा की तस्वीर के पास रख दें। जब आपकी इच्छा पूरी हो जाए, तो उस नारियल को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें या किसी मंदिर में चढ़ा दें।

बाबा को मीठा बहुत पसंद था, खासकर बूंदी के लड्डू और मालपुआ। आप अपनी अर्जी के साथ उन्हें भोग लगा सकती हैं।

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निस्वार्थ सेवा और प्रेम भाव से ऐसे पहुंचता है अर्जी

Neem karoli baba ko arji lagane se kya hota hai

बाबा अक्सर कहते थे- सब एक है। वे प्रेम और सेवा को सबसे ऊपर रखते थे, इसलिए अपनी अर्जी को प्रभावी बनाने के लिए आप कुछ और बातें कर सकते हैं।

किसी जरूरतमंद की मदद करें। भूखे को भोजन कराएं, गरीबों को वस्त्र दान करें। बाबा मानते थे कि दूसरों की सेवा ही भगवान की सबसे बड़ी सेवा है।

बाबा अपने भक्तों को कर्म करने और स्वयं पर विश्वास रखने के लिए प्रेरित करते थे। अपनी अर्जी लगाने के बाद निष्क्रिय न बैठें, बल्कि अपने लक्ष्य की ओर प्रयास करते रहें।

नकारात्मक विचारों से बचें। बाबा में अटूट विश्वास रखें कि आपकी प्रार्थना सुनी जाएगी।

बाबा को अहंकार बिल्कुल पसंद नहीं था। अपनी अर्जी लगाते समय विनम्र और निस्वार्थ भाव रखें।

नीम करोली बाबा एक ऐसे संत थे जो बाहरी आडंबरों से परे थे। वे केवल प्रेम और विश्वास की भाषा समझते थे। अपनी अर्जी उनसे आप किसी भी रूप में लगा सकते हैं, बशर्ते वह दिल से निकली हो।

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Image credit- Freepik


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