हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है और मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कुंवारी लड़कियां भी मनचाहे वर की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, झूला झूलती हैं और पारंपरिक गीत गाती हैं। यह त्योहार प्रकृति और प्रेम का प्रतीक है। साल 2025 में हरियाली तीज का व्रत 27 जुलाई, रविवार को है। इस व्रत से जुड़े कई सवाल भी हैं जो सुहागिन महिलाओं के मन में आते होंगे, तो चलिए जानते हैं सब कुछ डिटेल में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स के माध्यम से।
हरियाली तीज का व्रत कितने साल तक रखना चाहिए?
हरियाली तीज का व्रत 1 साल से लेकर 16 साल तक रखने का नियम है। यानी कि आप सिर्फ 1 साल का संकल्प लेकर व्रत रख सकती हैं। इसके अलावा, आप 3 साल का संकल्प लेकर भी व्रत रख सकती हैं। वहीं 4, 5, 6 आदि 16 तक की संख्या तक आप इस व्रत को रख सकती हैं। हां, मगर संकल्प जितने भी साल का लें उतने साल तक लगातार रखें। व्रत बीच में टूटना नहीं चाहिए। अपनी क्षमता अनुसार व्रत के वर्ष चुनें।
हरियाली तीज के व्रत का आरंभ कैसे करना चाहिए?
हरियाली तीज के व्रत की शुरुआत ऐसे नहीं होती है कि मन आया तो चलो इस साल रख लेते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि हरियाली तीज चूंकि सावन में आती है। ऐसे में हरियाली तीज का व्रत शुरू करने से पहले पूरे सावन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद, हरियाली तीज से एक दिन पहले घर के मंदिर के सामने कलश रख व्रत का संकल्प उठाते हुए जिस दिन पर्व है उस दिन व्रत का आरंभ करना चाहिए।
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हरियाली तीज के व्रत का समापन कैसे करना चाहिए?
हरियाली तीज के व्रत का एक समापन तो वो हो गया जो आप हर साल करेंगे, लेकिन एक समापन वो जो आपने जितने साल का संकल्प लिया था जैसे कि 1, 2, 5, 8 साल आदि उसके बाद व्रत का समापन जिसे पर्व उठावनी भी कहते हैं। व्रत के संकल्पित वर्ष पूरे हो जाने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती के निमित्त हवन करवाएं और उसके बाद जरूरतमंदों में वस्त्र, अनाज आदि का दान करें। ब्राह्मण भोज के बिना यह व्रत पूरा नहीं माना जाता है।
पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं तो क्या करें?
अगर आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं तो सबसे पहले पूरी श्रद्धा और सकारात्मक भावना के साथ इस व्रत का संकल्प लें। व्रत से एक दिन पहले हल्का और सात्विक भोजन करें। तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नए या साफ वस्त्र पहनें। पूजा के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री और भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग जैसी चीज़ें श्रद्धापूर्वक अर्पित करें।
हरियाली तीज की कथा जरूर पढ़ें या सुनें, क्योंकि इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है। दिनभर निर्जला व्रत रखें, यदि संभव न हो तो फलाहार या जल ग्रहण कर सकती हैं। शाम को चांद निकलने के बाद या सूर्यास्त के बाद शिव-पार्वती की आरती करें और व्रत का पारण करें। अपनी शारीरिक क्षमता का ध्यान रखें और मन को शांत व भक्तिमय बनाए रखें।
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हरियाली तीज का व्रत बीच में टूट जाए तो क्या करें?
अगर हरियाली तीज का व्रत किसी वजह से बीच में टूट जाए, तो सबसे पहले भगवान शिव और माता पार्वती से क्षमा याचना करें। अनजाने में हुई गलती के लिए देवी-देवता क्षमा कर देते हैं। ऐसे में, आप शुद्ध मन से प्रार्थना करें और व्रत को जारी रखने की कोशिश करें, यदि स्वास्थ्य या अन्य कोई गंभीर समस्या न हो। यदि व्रत पूरी तरह से खंडित हो गया है, तो आप उस दिन के लिए पूजा-पाठ और भक्ति पर ध्यान दें और अगले साल पूरे विधि-विधान से व्रत रखने का संकल्प लें।
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image credit: herzindagi
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