
Vrishchik Rashifal 2026: यह वर्ष भीतर और बाहर, दोनों स्तर पर गहरा रूपांतरण लेकर आएगा। शनि की स्थिति प्रेम, संतान और रचनात्मकता से जुड़े क्षेत्र को गंभीर बना कर जिम्मेदारी सिखाएगी। वर्ष के दौरान गुरु पहले भाग्य से जुड़े क्षेत्र पर और फिर कार्यस्थल पर शुभ दृष्टि डालते हुए जीवन–दर्शन व कार्यक्षेत्र दोनों को नया आकार देगा। राहु–केतु की चाल घर–परिवार, मानसिक जकड़न, विदेश, उत्तराधिकार और प्रतिष्ठा से जुड़े प्रश्नों को खोलती हुई आपको सच्चाई का सामना कराने की ओर ले जाएगी।
स्वास्थ्य का मुख्य विषय भावनाओं का बोझ रहेगा। मन में जमा पुराना रोष, अपराध–बोध या डर यदि बाहर नहीं निकले तो पीठ, कमर, जननांग, गुप्त रोग और हार्मोनल असंतुलन जैसी परेशानियां सताती रह सकती हैं। वर्ष के मध्य समय से जैसे–जैसे आपका दृष्टिकोण सकारात्मक और धार्मिक/आध्यात्मिक होने लगेगा, शरीर भी धीरे–धीरे सहयोग देना शुरू करेगा। नियमित स्वच्छता, पर्याप्त जल, समय पर भोजन, गहरी नींद, सूक्ष्म व्यायाम और किसी विश्वसनीय व्यक्ति से मन की बात साझा करना इस वर्ष आपके लिए वास्तविक औषधि साबित हो सकता है।
व्यापार में यह वर्ष गुप्त सम्भावनाएँ उजागर करने वाला है। जो लोग दवा–उद्योग, अनुसंधान, खनिज, भूमिगत पदार्थ, बीमा, गुप्त सुरक्षा, जांच, गुप्त लेखन, मनोविज्ञान, ज्योतिष या परामर्श से जुड़े हैं, उनके लिए समय विशेष रूप से सक्रिय है। वर्ष के पूर्वार्ध में जोखिम भरा, बिना कागज़ का लेन–देन और नकद सौदा भारी पड़ सकता है, इसलिए सब कुछ लिखित में रखें। मध्य अवधि से भाग्य तेज होने पर दूर प्रदेश, सरकारी संस्थान या बड़ी पूँजी वाले लोगों से लाभ के संकेत हैं। वर्षांत तक जो व्यापारी साफ नीयत से काम करेंगे, उन्हें दबे हुए बकाया, कमीशन या हिस्सेदारी के रूप में सुखद चौंकाने वाले परिणाम मिल सकते हैं।

नौकरीपेशा जातकों के लिए यह वर्ष परदे के पीछे से काम करने वाले योद्धा जैसा है। शुरुआत में आपको ऐसे कार्य सौंपे जा सकते हैं जो गुप्त, जोखिमपूर्ण या अत्यधिक ज़िम्मेदारी वाले हों, पर सामने नाम किसी और का चमके; यहाँ आपका धैर्य परखा जाएगा। जैसे–जैसे गुरु की शुभ दृष्टि भाग्य और कर्म स्थान पर बढ़ेगी, वरिष्ठ अधिकारी आपकी गहराई और निष्ठा को पहचानने लगेंगे। वर्ष के उत्तरार्ध में पद, कार्य–क्षेत्र, कार्यालय या शहर बदलने का प्रबल योग है। जो लोग अनुसंधान, सुरक्षा, सूचना–संग्रह, जांच या गोपनीय विभागों में हैं, उन्हें विशेष उन्नति मिल सकती है।
वृश्चिक राशि वालों के लिए धन की स्थिति सीधी रेखा की तरह नहीं, बल्कि लहर की तरह ऊपर-नीचे चलेगी। वेतन और सामान्य आय साधारण रह सकती है, लेकिन अचानक प्राप्ति, जैसे बीमा–राशि, उत्तराधिकार, साझेदारी से हिस्सा, पुराने कर्ज की वापसी या भूमिगत/खान–सम्बन्धी लाभ – आपको राहत दे सकते हैं। वर्ष के मध्य में विदेश, उच्च शिक्षा, तीर्थ यात्रा या बड़े धार्मिक/कुटुंब कार्यक्रम पर मोटा खर्च दिख रहा है। वर्ष के अंतिम भाग में प्रतिष्ठा बढ़ने के साथ आय का स्तर स्थिर हो सकता है, यदि आप गलत स्रोतों से कमाई का लोभ त्याग दें और जोखिम भरे निवेश की सीमा स्पष्ट रखें।
वार्षिक राशिफल 2026 के अनुसार वर्ष के आरम्भ में पुराने वादे, टूटे भरोसे और असुरक्षा के भाव जाग सकते हैं; यदि आप स्पष्ट न बोलें तो साथी भ्रमित रहेगा। शनि की गंभीर दृष्टि प्रेम को केवल आकर्षण नहीं रहने देगी, बल्कि जिम्मेदारी, नैतिकता और भविष्य–दृष्टि की मांग करेगी। वर्ष के मध्य के बाद जो वृश्चिक जातक अपने मन की गांठ खोलने लगेंगे, उनके जीवन में सच्चा, गहराई समझने वाला साथी स्थिर रूप से प्रवेश कर सकता है। छिपे संबंध इस वर्ष अधिक समय तक छिप नहीं पाएँगे।
वृश्चिक राशि वार्षिक राशिफल 2026 दांपत्य क्षेत्र में कड़वी सच्चाई और मधुर पुनर्निर्माण, दोनों की संभावना दिखाता है। जिन दंपतियों के बीच वर्षों से अविश्वास, संदेह, आर्थिक रहस्य या परिवार–पक्ष के विवाद दबे हुए हैं, वहाँ यह वर्ष निर्णय तक पहुँचा सकता है। जो जोड़े खुलकर बैठकर बात करेंगे, परामर्श लेंगे और संयुक्त संकल्प बनाएँगे, उनका सम्बन्ध पहले से अधिक प्रौढ़ और सुरक्षित हो सकता है।
इस वार्षिक राशिफल 2026 के अनुसार वृश्चिक जातकों के पारिवारिक जीवन में छुपी बातें खुलना, पुराने राज सामने आना और रिश्तों की नयी व्यवस्था बनना मुख्य विषय रहेगा। घर में किसी बड़े सदस्य के स्वास्थ्य, वसीयत, पैतृक कारोबार या संपत्ति–विभाजन पर चर्चा गम्भीर रूप से हो सकती है। आपके भीतर की निष्पक्षता और साहस दोनों की आवश्यकता होगी। वर्ष के मध्य से परिवार में किसी धार्मिक अनुष्ठान, दीर्घ यात्रा, गुरु–संपर्क या तीर्थ–दर्शन के योग हैं, जो सभी को भीतर से जोड़ सकते हैं। वर्षांत तक नया मकान, संयुक्त परिवार–व्यवस्था में बदलाव या किसी सदस्य के विवाह/विदेश–गमन के कारण घर का वातावरण पूरी तरह बदलता दिख सकता है।
मंगलवार की संध्या किसी निर्जन कोने में नहीं, बल्कि मंदिर में बैठकर गहरा श्वास लेते हुए “ॐ क्ष्म क्श्माय नमः” अथवा “ॐ ह्रीं” बीज–मंत्र का जप करें; अग्नि–तत्व धीरे–धीरे संतुलित होगा।
प्रत्येक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भैरव स्वरूप के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काले तिल चढ़ाकर प्रार्थना करें कि किसी का अन्याय आप तक न पहुँचे।
लगातार इक्कीस दिनों तक प्रतिदिन ग्यारह बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें, संभव हो तो सोमवारी के दिन शिवलिंग पर कच्चे दूध, जल और दूर्वा से अभिषेक करें।
प्रति मास एक बार नदी या कुएँ के साफ़ जल में नारियल प्रवाहित करते समय मन ही मन अपने बंधन–भाव को छोड़ने की भावना करें, साथ में किसी सच्चे कर्जदार को थोड़ी आर्थिक सहायता अवश्य दें।
रात्रि में सोने से पहले शांत बैठकर अपने दिन की घटनाओं को देखने के साथ “ॐ रामदूताय नमः” का जप करें और लिखित रूप में मन की उलझनें उतार दें; इससे भीतर की उर्जा रहस्यमय डर की जगह सृजनशीलता में बदलेगी।
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यह वार्षिक राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है और यह चंद्रमा के नक्षत्र तथा राशि में होने वाले गोचर के सूक्ष्म विश्लेषण से तैयार किया गया है। यह जानकारी आचार्य नीरज धनकर, फाउंडर और सीईओ, Astro Zindagi द्वारा वेरीफाई की गई है।
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