
12 दिसंबर 2025 का पंचांग कई मायनों में खास रहेगा क्योंकि यह पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के समापन के बाद नवमी तिथि का दिन है और यह दिन शुक्रवार है। शुक्रवार देवी लक्ष्मी और सौंदर्य के ग्रह शुक्र को समर्पित होता है जिससे यह दिन धन, प्रेम और समृद्धि से जुड़े कार्यों के लिए अच्छा है। हालांकि, दोपहर तक अष्टमी तिथि होने के कारण यह आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण रहेगा। चूंकि यह समय खरमास के अंतर्गत आता है, इसलिए इस दिन विवाह, गृह प्रवेश जैसे बड़े मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे, लेकिन देवी लक्ष्मी की पूजा, दान-पुण्य और व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं से जुड़े कार्यों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ रहेगा। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष कृष्ण अष्टमी(दोपहर 02:56 PM तक)/नवमी | उत्तरा फाल्गुनी | शुक्रवार | प्रीति | कौलव |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 07:04 AM |
| सूर्यास्त | शाम 05:25 PM |
| चंद्रोदय | रात 01:03 AM |
| चंद्रास्त | दोपहर 12:39 PM (अगले दिन) |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:15 AM से सुबह 06:10 AM तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:54 AM से दोपहर 12:36 PM तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01:58 PM से दोपहर 02:40 PM तक |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05:23 PM से शाम 05:50 PM तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | सुबह 10:58 AM से दोपहर 12:14 PM तक |
| यमगंड | दोपहर 02:47 PM से शाम 04:04 PM तक |
| गुलिक काल | सुबह 08:25 AM से सुबह 09:41 AM तक |

12 दिसंबर 2025 को पौष मास के कृष्ण पक्ष की तिथि रहेगी मुख्य रूप से यह दिन नवमी तिथि का है। हिंदू धर्म में यह दिन सामान्य रूप से कोई बड़ा त्यौहार या पर्व नहीं है, लेकिन इसे मासिक कालभैरव अष्टमी के अगले दिन के रूप में देखा जाएगा जिससे धार्मिक वातावरण बना रहेगा। चूँकि यह दिन शुक्रवार है, यह विशेष रूप से देवी लक्ष्मी और देवी संतोषी की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस दिन संतोषी माता का व्रत करने और देवी लक्ष्मी की उपासना करने से धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
शुक्रवार होने के कारण, इस दिन देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। सबसे सरल उपाय यह है कि शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाया जाए और पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी को कमल का फूल या लाल वस्त्र अर्पित किया जाए। इसके अलावा, संतोषी माता को प्रसन्न करने के लिए गुड़ और चना का भोग लगाना चाहिए। चूंकि खरमास अभी भी चल रहा है, इसलिए इस दिन सफेद वस्तुओं (जैसे चावल, दूध, चीनी) का दान करना शुभ माना जाता है, जिससे भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है और शुक्र ग्रह मजबूत होता है।
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