Shardiya Navratri 2023: अष्टमी के दिन भूलकर भी न चढ़ाएं गौरी माता को ये चीजें, माना जाता है अशुभ

अष्टमी के दिन माता को कभी भी टूटे हुए चावल का अक्षत और टूटा हुआ नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए। 

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15 से 24 अक्टूबर तक चल रहे शारदीय नवरात्रि के इस पर्व में अष्टमी तिथि को सबसे खास माना जाता है। क्योंकि इस दिन हर घर में माता विराजमान होती है। अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा के परम शांति स्वरूप महागौरी की पूजा होती है। लोग अष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं और अपना नौ दिनों के व्रत का समापन करते हैं।

लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो अष्टमी के दिन अनजाने में माता को ऐसी चीजों का चढ़ावा चढ़ा देते हैं, जिसे शुभ नहीं माना जाता। आज के इस आर्टिकल मेंआइए ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि अष्टमी के दिन माता को किन चीजों का चढ़ावा नहीं चढ़ाना चाहिए।

प्लास्टिक के डिब्बे

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अक्सर घरों में कन्याओं को मार्केट में मिलने वाले टिफिन बॉक्स और प्लास्टिक की चीजें दी जाती हैं। बजट कम होने की वजह से लोग इन चीजों का ही प्रयोग कन्या पूजन में करते हैं। (नवरात्रि व्रत में क्या करें क्या नहीं)

कन्या पूजन से पहले लोग इन टिफिन बॉक्स को माता के आगे चढ़ा देते हैं। पूजा में प्लास्टिक की चीजों का होना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए इन्हें पूजा स्थल से दूर ही रखना चाहिए।

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इस तरह की चूड़ियां

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अक्सर लोग माता को सजावट के तौर पर लाल रंग की किसी भी तरह की चूड़ियां चढ़ा देते हैं। इन चूड़ियों में प्लास्टिक मिला होता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि माता को चढ़ावे में केवल लाल रंग की प्लेन कांच की चूड़िया ही चढ़ाई जाती है।(नवरात्रि के छठे दिन इस विधि से करें मां कात्यायनी की पूजा)

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इस तरह का भोग न चढ़ाएं

अष्टमी के दिन कन्याओं को खिलाने के लिए भोजन बनाया जाता है। नौ दिनों के व्रत में घर में लोग लहसुन-प्याज का प्रयोग नहीं करते। लेकिन अष्टमी के दिन लोगों को लगता है कि अब तो व्रत खत्म हो गया है, तो लहसुन-प्याज डाल सकते हैं।

ऐसे में लोग लहसुन-प्याज से बनी चने की सब्जी ही माता को चढ़ा देते हैं। लेकिन लहसुन-प्याज तामसिक भोजन में गिना जाता है। ऐसा करना उनके लिए शुभ नहीं माना जाता।

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Image Credit- Freepik

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