दिवाली भारत में मनाया जाने वाला एक पांच दिवसीय पर्व है, जो आश्विन मास की कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस के दिन से हो जाती है। इस साल धनतेरस का पर्व 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हर साल राम जन्मभूमि यानी अयोध्या में दिवाली का अलग उत्साह होता है और काफी दिनों पहले से ही लोग इस पर्व का इंतजार करने लगते हैं। भक्त जन महीनों पहले से ही राम लाला के आगमन की तैयारी में लग जाते हैं। उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी अयोध्या, जो भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में विख्यात है, दीपोत्सव के समय पूरी तरह जगमगाती है। हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धालु और पर्यटक रामलीला, दीपोत्सव और मंदिरों में होने वाले विशेष आयोजन देखने के लिए अयोध्या पहुंचने की तैयारी कर चुके हैं। ऐसे में अगर आपके मन में भी यह सवाल है कि इस साल अयोध्या नगरी में कब मनाई जाएगी दिवाली और किस शुभ मुहूर्त में पूजा करना फलदायी होगा, तो अयोध्या के पंडित राधे शरण शास्त्री जी से इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
ज्योतिष की मानें तो हर साल दिवाली अमावस्या की रात को ही मनाई जाती है। इस साल सभी जगह दिवाली 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। ऐसे में अयोध्या में भी दिवाली का उत्सव 20 अक्टूबर, सोमवार को ही मनाया जाएगा।
दीपावली 20 अक्टूबर अयोध्या समेत पूरे देश में मनाई जाएगी। इस दिन पूजन के कुछ विशेष मुहूर्त मिल रहे हैं। आइए जानें उनके बारे में-
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रामनगरी अयोध्या इस साल 19 अक्टूबर को होने वाले दीपोत्सव के लिए पूरी तरह तैयार है। राम की पैड़ी पर जलने वाले लाखों दीप पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेंगे। यह दीपोत्सव पहले से भी अधिक भव्य, दिव्य और रोशन होने जा रहा है। इस साल अयोध्या में लगभग 30 लाख दीपक जलाए जाएंगे, जो पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे। दीपों की श्रृंखला पूरे शहर को त्रेता युग जैसी झलक देगी।
अयोध्या हमेशा से ही दिवाली मनाने के लिए एक शानदार गंतव्य स्थान रहा है, क्योंकि यह त्योहार का आध्यात्मिक केंद्र है। इस जगह पर भगवान राम के लौटने का उत्सव 'दीपोत्सव' के रूप में मनाया जाता है। इस साल अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत 18 अक्टूबर, धनतेरस के दिन से होगी और यह 20 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें ड्रोन शो और लाइट और साउंड शो भी शामिल होंगे। इस साल 19 अक्टूबर को दीपोत्सव का विशेष आकर्षण प्रदूषण-मुक्त हरा आतिशबाजी शो होगा।
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दिवाली के पर्व की शुरुआत ही अयोध्या नगरी से हुई थी। इस दिन ही भगवान श्री राम रावण का वध करके अयोध्या वापस आये थे और उनके आने की ख़ुशी में नगरवासियों ने घी के दीपक जलाए थे और पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया था। तभी से यह पर्व न सिर्फ अयोध्या बल्कि पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने लगा।
अगर आप भी यहां बताई तिथि और मुहूर्त के अनुसार लक्ष्मी जी का पूजन करेंगी तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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