Devshayani Ekadashi Vrat Paran Vidhi 2025: इस विशेष मुहूर्त में करें देवशयनी एकादशी के व्रत का पारण, जानें संपूर्ण विधि

देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा एवं व्रत से उनका सानिध्य मिलता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है तो वहीं, दूसरी ओर देवशयनी एकादशी के व्रत का विधिवत पारण करने से माता लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है। 
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आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी इस साल 6 जुलाई, रविवार के दिन पड़ रही है। इस एकादशी के बाद से चातुर्मास शुरू हो जाएंगे और भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाएंगे एवं सृष्टि का पालन भगवान शिव करेंगे। शास्त्रों में बताया गया है कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा एवं व्रत से जहां एक ओर उनका सानिध्य मिलता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है तो वहीं, दूसरी ओर देवशयनी एकादशी के व्रत का विधिवत पारण करने से भगवान विष्णु के साथ ही, माता लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है और चातुर्मास के चार महीनों तक सकारात्मकता एवं शुभता बनी रहती है। तो चलिए जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से देवशयनी एकादशी के व्रत का पारण टाइम और विधि।

देवशयनी एकादशी 2025 व्रत पारण शुभ मुहूर्त

देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई 2025, रविवार को रखा जाएगा। इस व्रत का पारण अगले दिन यानी 7 जुलाई 2025, सोमवार को किया जाएगा। व्रत खोलने के लिए एक शुभ समय निर्धारित होता है और उस समय के भीतर ही पारण करना चाहिए ताकि व्रत का पूरा फल प्राप्त हो सके।

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7 जुलाई 2025 को देवशयनी एकादशी के व्रत का पारण सुबह 05:29 बजे से सुबह 08:16 बजे तक किया जा सकता है। यह समय व्रत खोलने के लिए उत्तम है।

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देवशयनी एकादशी 2025 व्रत पारण विधि

7 जुलाई की सुबह, सूर्योदय जो कि लगभग 05:29 बजे होगा, होने के बाद सबसे पहले उठकर स्नान करें। स्नान करते समय मन में भगवान विष्णु का स्मरण करें और स्वयं को शारीरिक व मानसिक रूप से शुद्ध करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें। व्रत खोलने से पहले, भगवान विष्णु को धन्यवाद अर्पित करें और उनसे व्रत की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगें।

इसके बाद, भगवान को सात्विक भोजन का भोग लगाएं। इस भोग में दाल, चावल, रोटी, सब्जी, और कोई भी सात्विक मिठाई शामिल कर सकते हैं। विशेष रूप से, एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित होता है, लेकिन पारण के दिन चावल खाकर ही व्रत खोला जाता है, क्योंकि यह शुभ माना जाता है। भगवान को भोग लगाने के बाद, स्वयं भी सात्विक भोजन ग्रहण करके व्रत का पारण करें। ध्यान रखें कि पारण का भोजन हल्का और सुपाच्य हो। अधिक तला-भुना या मसालेदार भोजन न करें।

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व्रत के पारण के बाद दान-पुण्य का विशेष महत्व है। यदि संभव हो, तो किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन, वस्त्र या धन का दान करें। आप किसी ब्राह्मण को भी भोजन करा सकते हैं। ऐसा करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। व्रत के पारण के बाद, मन में शांति और संतोष का भाव रखें। भगवान के प्रति आभार व्यक्त करें कि उन्होंने आपको यह व्रत सफलतापूर्वक पूरा करने की शक्ति दी।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को क्या भोग लगाएं? 

    देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को खीर या मालपुए का भोग लगाएं।