मनोकामना पूर्ति के लिए देवशयनी एकादशी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा किस विधि से करें? जानें सामग्री और मंत्र

हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन ऐसी मान्यता है कि इस दिन किस विधि से पूजा-पाठ करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
devshayani ekadashi 2025 laddu gopal puja vidhi and niyam

हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है। यह वह दिन है जब भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, जिसे चातुर्मास कहा जाता है। इस अवधि में, शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि वर्जित होते हैं। हालांकि, देवशयनी एकादशी का दिन भगवान विष्णु के भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, खासकर जो भगवान कृष्ण के बाल रूप, लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं। अब ऐसे में अगर आप देवशयनी एकादशी के बाद भी लड्डू गोपाल की पूजा कर रही हैं तो आप पूरे विधि-विधान के साथ कर सकती हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

देवशयनी एकादशी के दिन पूजा के लिए सामग्री

लड्डू गोपाल की पूजा के लिए तस्वीर
चौकी और लाल या पीला कपड़ा
गंगाजल और शुद्ध जल
पंचामृत
पीले वस्त्र
पीले फूल और माला
तुलसी के पत्ते
चंदन, रोली
कुमकुम और अक्षत
धूप, दीप और घी
कपूर
फल
मिठाई
पान और सुपारी
जनेऊ
नारियल
पंचमेवा
आम के पत्ते

देवशयनी एकादशी के दिन लडडू गोपाल की पूजा किस विधि से करें?

ceg3qq1g_ghar-me-laddu-gopal-rakhne-ke-niyam-in-hindi-bal-krishna_625x300_13_March_25

पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत या पूजा का संकल्प लें।
किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश का ध्यान और पूजा करें।
लड्डू गोपाल को पंचामृत और फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं।
लड्डू गोपाल को चंदन, रोली और कुमकुम का तिलक लगाएं।
लड्डू गोपाल को फल, मिठाई, माखन-मिश्री और तुलसी दल के साथ भोग लगाएं। एकादशी के दिन अन्न का भोग नहीं लगाया जाता, इसलिए सात्विक भोग ही चढ़ाएं। तुलसी दल के बिना लड्डू गोपाल की पूजा अधूरी मानी जाती है।
भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करें जैसे "ऊं नमो भगवते वासुदेवाय", "श्री कृष्णाय नमः" या "हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे"।
देवशयनी एकादशी की कथा का श्रवण करें।
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। यदि आप लड्डू गोपाल को शयन करवाना चाहते हैं, तो उन्हें सुंदर शय्या पर शयन मंत्र का जाप करते हुए शयन करा सकते हैं। हालांकि, गृहस्थ जीवन में लड्डू गोपाल को रोजाना पूजा और सेवा की जा सकती है, उन्हें सुलाना आवश्यक नहीं माना जाता। यदि सुलाएं भी, तो चातुर्मास के बाद देवउठनी एकादशी पर उन्हें जगाने की विधि का पालन करें।
आखिर में लड्डू गोपाल की आरती करें।

देवशयनी एकादशी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा करने के दौरान मंत्र जाप

देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः॥
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविन्दाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्रीं नमः॥
क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा

इसे जरूर पढ़ें - Mythology Mystery: जानें तीन-तीन भगवान विष्णु का रहस्य

देवशयनी एकादशी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा का महत्व

2mn7ka6g_laddu-gopal_625x300_20_May_22

ऐसा माना जाता है कि इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। जो भक्त सच्चे मन से लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं, उनके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी कष्ट दूर होते हैं। जिन दंपत्तियों को संतान की इच्छा होती है, वे इस दिन लड्डू गोपाल की विशेष पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है।

इसे जरूर पढ़ें - Lord Vishnu: भगवान विष्णु ने क्यों किये थे ये 8 भयंकर छल

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- HerZindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP