
हिंदू धर्म में मां दुर्गा की उपासना के लिए प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को 'मासिक दुर्गाष्टमी' के रूप में मनाया जाता है। यह दिन शक्ति की आराधना, व्रत और साधना के लिए विशेष फलदायी माना गया है। साल 2025 की आखिरी मासिक दुर्गाष्टमी दिसंबर के महीने में पड़ रही है जिसे पौष मास की दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा से मां भवानी की पूजा करने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। आइए जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से साल 2025 की अंतिम दुर्गाष्टमी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और इसके विशेष धार्मिक महत्व के बारे में।
वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 की अंतिम मासिक दुर्गाष्टमी 28 दिसंबर 2025, रविवार के दिन मनाई जाएगी। पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 27 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 9 मिनट पर होगा।

वहीं, इसका समापन 28 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 59 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, साल की आखिरी दुर्गाष्टमी 28 दिसंबर को पड़ रही है।
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28 दिसंबर 2025, रविवार के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं जो मांगलिक कार्यों के लिए बहुत उत्तम हैं। पंचांग के अनुसार, इस दिन सुबह 07:13 से लेकर अगले दिन सुबह 07:14 तक 'सर्वार्थ सिद्धि योग' रहेगा जिसे किसी भी नए काम की शुरुआत, खरीदारी या निवेश के लिए बेहद फलदायी माना जाता है।
साथ ही, रवि योग का प्रभाव भी पूरे दिन रहेगा जो कार्यों में सफलता और मान-सम्मान दिलाने में सहायक होता है। दिन के विशिष्ट शुभ समय की बात करें तो, 'अभिजीत मुहूर्त' सुबह 11:58 से दोपहर 12:40 तक रहेगा जो मां दुर्गा की पूजा के लिए श्रेष्ठ समय माना जाता है।

इसके अलावा, अमृत काल और विजय मुहूर्त भी अपनी विशिष्ट समयावधि में लाभकारी रहेंगे। हालांकि, राहुकाल के समय जो दोपहर 04:14 से शाम 05:32 तक रहेगा किसी भी नए या बड़े काम की शुरुआत करने से बचना चाहिए क्योंकि इस समय को ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना गया है।
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मां दुर्गा शक्ति का प्रतीक हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से घर और मन से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। ज्योतिषीय दृष्टि से इस दिन पूजा करने से कुंडली के अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है, विशेषकर राहु और मंगल के दोष शांत होते हैं।
यह साल की आखिरी दुर्गाष्टमी है, इसलिए इस दिन किया गया दान और कन्या पूजन पूरे वर्ष की खुशहाली के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
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