
वर्ष 2026 खगोलीय दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है, क्योंकि इस साल 2 महत्वपूर्ण चंद्र ग्रहण पड़ने वाले हैं। इन दोनों ही ग्रहण का असर और उसका धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व भी है। हालांकि, हिंदू धर्म में हम केवल उन चंद्र ग्रहण को मानते हैं, जो भारत में दिख जाते हैं। भारत के लिए देखें तो 2026 में पड़ने वाले 2 चंद्र ग्रहणों में से सिर्फ एक ही चंद्र ग्रहण सीमित रूप से दिखाई देगा। बाकी एक ग्रहण भारत में अदृश्य रहेगा, इसलिए उसका धार्मिक महत्व नहीं माना जाएगा। इस बारे में हमारी बातचीत छिंदवाड़ा निवासी ज्योतिषाचार्य एवं पंडित सौरभ त्रिपाठी से हुई। वह कहते हैं, "हिंदू धर्म में केवल वही ग्रहण मान्य माने जाते हैं जो प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दें, मगर जब भी ग्रहण पड़ता है, तो उसका असर किसी न किसी रूप में लोगों के जीवन में पड़ता ही है।"
नीचे हम विस्तार से समझते हैं कि साल 2026 में कौन-कौन से चंद्र ग्रहण पड़ेंगे, उनकी तिथियां क्या होंगी, भारत में उनका दर्शनीय प्रभाव कितना रहेगा और ज्योतिष के अनुसार किन राशियों पर इनका असर पड़ेगा।
साल 2026 का पहला और भारत की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण चंद्र ग्रहण 3 मार्च 2026 को लगने वाला है। यह ग्रहण फाल्गुन पूर्णिमा के दिन पड़ेगा। यह एक खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा, यानी इसमें चंद्रमा का कुछ हिस्सा पृथ्वी की छाया में आएगा।
भारत में यह ग्रहण पूरी तरह शुरुआत से नहीं दिखेगा। जब चंद्रोदय होगा, तब तक ग्रहण पहले से ही शुरू हो चुका होगा। केवल ग्रहण जब मोक्ष, यानी ग्रहण के आखिरी चरण का कुछ हिस्सा ही भारत में दिखेगा। यह ग्रहण भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में ही दिखाई देगा।
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यह चंद्र ग्रहण पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और सिंह राशि पर लगेगा। ग्रहण जिस नक्षत्र और राशि में लगता है, उसका असर संबंधित जातकों पर अधिक दिखाई देता है।
वृषभ, सिंह, कन्या, मकर राशि के जातकों के लिए यह चंद्रग्रहण बहुत अच्छा नहीं माना जा रहा है। इन्हें अपनी सेहत पर खास ध्यान देने के जरूरत है। इन जातकों को कुछ मामलों में सतर्क रहना चाहिए। मानसिक तनाव, निर्णयों में देरी या अचानक खर्च बढ़ने जैसी स्थितियां बन सकती हैं।

मिथुन, तुला, वृश्चिक, मीन राशियों के लिए ग्रहण का समय अन्य राशियों की तुलना में ठीक रहेगा और जीवन में संतुलन बना रहेगा।
साल 2026 का दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अगस्त 2026 को लगेगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन भारत में यह कहीं भी नजर नहीं आएगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ क्षेत्र मे दिखाई देगा।
भारत में यह ग्रहण अदृश्य रहेगा, इसलिए न तो इसका कोई धार्मिक महत्व होगा और न ही सूतक काल लागू होगा। हिंदू धर्म में ग्रहण का महत्व तभी माना जाता है जब वह सीधे दिखाई दे। मगर मानव जीवन पर इसका असर पड़ेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण है, इसलिए यह मेष, तुला और मीन राशि के लिए बहुत ही अच्छा रहेगा। इन्हें अपने प्रोफेशन में तरक्की मिलेगी। वहीं कन्या, धनु और कुंभ के लिए यह चंद्र ग्रहण अच्छा नहीं रहेगा। इससे उनकी सेहत पर असर पड़ेगा।
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अत: साल 2026 में पड़ने वाले चंद्र ग्रहणों में से भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण ग्रहण 3 मार्च 2026 वाला है, जो आंशिक रूप से दिखाई देगा। इसका कुछ राशियों पर ज्योतिषीय स्तर पर असर भी पड़ सकता है। वहीं 28 अगस्त 2026 को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण भारत में अदृश्य रहेगा, इसलिए धार्मिक और ज्योतिषीय रूप से इसका कोई प्रभाव नहीं माना जाएगा।
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