21 सितंबर 2025 को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा जिसके चलते इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें ग्रहण से जुड़ी जानकारी देते हुए बताया कि ग्रहण से संबंधित शास्त्रों में कई नियम वर्णित हैं। इन नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है नहीं तो इससे राहु का दुष्प्रभाव बढ़ सकता है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि अक्सर लोगों को ग्रहण से जुड़े आधे-अधूरे तथ्य पता होते हैं। उदाहरण के तौर पर, ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता है कि सुताक और ग्रहण काल में क्या अंतर होता है, तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
सूतक का अर्थ है अशुद्ध या अशुभ समय। यह ग्रहण से पहले शुरू होता है और ग्रहण समाप्त होने के बाद ही खत्म होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है, इसलिए इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता।
सूर्य ग्रहण में सूतक 12 घंटे पहले शुरू होता है, जबकि चंद्र ग्रहण में यह 9 घंटे पहले शुरू होता है। सूतक के दौरान मूर्ति पूजा, भोजन बनाना और खाना एवं यहां तक कि यात्रा करना भी वर्जित माना जाता है। इसे एक प्रकार का प्रतिबंध समय माना जाता है जिसमें व्यक्ति को खुद को और अपने परिवार को ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होता है।
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ग्रहण काल वह वास्तविक समय होता है जब सूर्य या चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। यह वह समय होता है जब हम अपनी आंखों से ग्रहण को देख सकते हैं। 21 सितंबर 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण इसी ग्रहण काल के दौरान दिखाई देगा।
ग्रहण काल के दौरान भी कई तरह के कार्य वर्जित माने जाते हैं, जैसे खाना-पीना, सोना और नुकीली चीजों का इस्तेमाल करना। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। यह समय पूजा और मंत्र जाप के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दौरान किए गए जाप और दान का फल कई गुना बढ़ जाता है।
सूतक काल ग्रहण से पहले शुरू हो जाता है, जबकि ग्रहण काल वह वास्तविक समय है जब ग्रहण लगता है। सूतक काल की अवधि ग्रहण से अधिक लंबी होती है। सूर्य ग्रहण में सूतक 12 घंटे का होता है, जबकि ग्रहण काल कुछ घंटों का ही होता है।
सूतक काल का मुख्य उद्देश्य नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करना है, जबकि ग्रहण काल पूजा-पाठ और मंत्र जाप के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
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