Chaitra Navratri 2024: कन्या पूजा के नियम क्या हैं? भूल से भी न करें ये गलतियां

कन्या पूजन के दौरान नौ कन्याओं और एक बालक को घर में बैठाकर माता का भोजन कराते हैं। उन कन्याओं को नव दुर्गा और बालक को हनुमान जी का रूप माना जाता है। 

chaitra navratri  kanya pujan niyam

Chaitra Navratri Par Kanya Pujan Ke Niyam: चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 9 अप्रैल से हो रहा है। नौ दिवसीय चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान है। नौ दिनों तक व्रत रखने और पूजा-पाठ करने के बाद नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन के दौरान नौ कन्याओं और एक बालक को घर में बैठाकर माता का भोजन कराते हैं। उन कन्याओं को नव दुर्गा और बालक को हनुमान जी का रूप माना जाता है। ऐसे में कन्या पूजन के दौरान कुछ नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी माना गया है, ताकि नवरात्रि की पूजा का खंडित न हो। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस बारे में।

कन्या पूजन की विधि एवं नियम

कन्या पूजन के लिए कन्याओं को बुलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनकी आयु मात्र 2 से 10 वर्ष तक की ही हो। साथ ही, पूजा में भाग लेने वाली कन्याएं 9 की संख्या में ही होनी चाहिए।

chaitra navratri  par aise kare kanya pujan

कन्या पूजन वाले दिन कभी किसी कन्या को नहीं बुलाया जाता है। शास्त्रों में भी बताया गया है कि कन्या पूजा से एक दिन पहले सभी कन्याओं के घर जाकर उन्हें निमंत्रण देना चाहिए।

यह भी पढ़ें:Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में क्यों की जाती है कलश स्थापना, जानें महत्व

कन्या पूजन के दौरान एक बटुक को भी अवश्य बुलाना चाहिए। यानी कि एक लड़का बटुक के रूप में कन्याओं के साथ होना चाहिए और उसकी पूजा करके भी उसे भोजन कराना चाहिए।

कन्या पूजन के लिए कन्याओं और बटुक को बुलाएं और उन्हें भोजन कराएं, लेकिन अगर खाना खिलाने की जिद न करें। वह अपने मन से जितना खाएं उन्हें उतना ही खाने दें।

यह भी पढ़ें:Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में करें इस एक पेड़ की पूजा, होगी इन 2 देवियों की कृपा

कन्या पूजन करते समय उसकी दिशा का ध्यान रखना भी जरूरी माना गया है। ऐसे में कन्या पूजन शुरू करने से पहले सभी कन्याओं और बटुक को घर की पूर्व दिशा में बैठाएं।

chaitra navratri  par kanya pujan ki vidhi

कन्या पूजा संपन्न होने के बाद कन्याओं और बटुक को दक्षिणा अवश्य दें, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि दक्षिणा में कोई वस्तु दे दें मगर धन देने से बचें। यह अशुभ माना जाता है।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन करते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP