भारतीय संस्कृति में गहनों का विशेष महत्व होता है। खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए गहने तो बेहद अहम होते हैं। सोना, चांदी और अन्य धातुएं के गहने महिलाओं की सुंदरता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके साथ-साथ ये गहने शुभता और भाग्य के भी प्रतीक माने जाते हैं। सदियों से यह परंपरा रही है कि सुहागिन महिलाएं अपनी वैवाहिक स्थिति के प्रतीक के रूप में आभूषण धारण करती हैं। इनमें चूड़ियां, बिछिया, कड़े और मंगलसूत्र आदि शामिल हैं। इसी क्रम में, अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या सुहागिन महिलाएं चांदी के कड़े या चूड़ियां पहन सकती हैं? कई लोगों के मन में इसे लेकर कुछ भ्रांतियां या दुविधाएं होती हैं। इस विषय पर जानकारी के लिए हमने ज्योतिष और धार्मिक मामलों के जानकार पंडित जी अरविंद त्रिपाठी से बात की। उन्होंने बताया कि चांदी एक पवित्र धातु मानी जाती है और इसका संबंध ग्रहों से भी है। आइए पंडित जी के अनुसार जानते हैं कि सुहागिन महिलाओं के लिए चांदी के कड़े या चूड़ियां पहनना कितना शुभ है और इसके क्या लाभ हो सकते हैं।
क्या सुहागिन महिलाओं को चांदी के कड़े पहनने चाहिए?
पंडित जी के अनुसार, चांदी का सीधा संबंध चंद्रमा ग्रह से है। चंद्रमा को मन, शांति, शीतलता और भावनात्मक स्थिरता का कारक माना जाता है। इस हिसाब से, सुहागिन महिलाएं निस्संदेह चांदी के कड़े पहन सकती हैं। कहते हैं कि जब कोई महिला चांदी धारण करती है, तो यह माना जाता है कि वह इन गुणों को आकर्षित करती है। चांदी हमेशा मानसिक शांति, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है। अब आप बिना किसी दुविधा के चांदी के कड़ों को अपने शृंगार का हिस्सा बना सकती हैं और उनके शुभ प्रभावों का लाभ उठा सकती हैं।
सुहागिन महिलाओं के लिए चांदी के कड़े पहनने के लाभ
- चांदी चंद्रमा से जुड़ी होने के कारण मन को शांत रखने में मदद करती है। सुहागिन महिलाओं के जीवन में कई जिम्मेदारियां होती हैं। चांदी पहनने से मानसिक तनाव कम होता है और मन में शांति बनी रहती है।
- ज्योतिष में चांदी को एक शुद्ध धातु माना गया है, जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होती है। इसे पहनने से घर में सकारात्मकता का संचार होता है और बुरी शक्तियों का प्रभाव कम होता है।
- कई मान्यताओं के अनुसार, चांदी धारण करने से घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है। यह धन-धान्य को आकर्षित करती है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाती है।

- आयुर्वेद और प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में भी चांदी के औषधीय गुणों का उल्लेख मिलता है। माना जाता है कि चांदी शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कुछ प्रकार के संक्रमणों से बचाने में मदद कर सकती है। इसे पहनने से शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है।
- कुछ ज्योतिषी मानते हैं कि चांदी का संबंध बृहस्पति ग्रह से भी है, इसलिए चांदी के कड़े गुरुवार को पहनना और भी शुभ फलदायी हो सकता है।
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