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Bhai Dooj Puja Vidhi aur Samagri 2025: भाई को तिलक करते समय रह न जाए कोई कमी, यहां जानें भाईदूज की संपूर्ण पूजा विधि और सामग्री

Bhai Dooj Puja Vidhi 2025: मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे और यमुना ने उनका आदर-सत्कार करके तिलक लगाया था। तभी से भाई दूज की परंपरा चली आ रही है।
Editorial
Updated:- 2025-10-22, 14:35 IST

भाईदूज का त्योहार भाई-बहन के पवित्र प्रेम और अटूट बंधन को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी आयु, सुख-समृद्धि और उज्जवल भविष्य के लिए प्रार्थना करती हैं जबकि भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन लेते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे और यमुना ने उनका आदर-सत्कार करके तिलक लगाया था जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया था।

इसलिए यह पर्व यह सुनिश्चित करता है कि जो भाई इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाता है उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता और यह पारिवारिक प्रेम तथा स्नेह का प्रतीक है। इस साल भाईदूज 23 अक्टूबर को पड़ रही है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं भाईदूज की संपूर्ण पूजा सामग्री के बारे में।

भाईदूज की पूजा सामग्री लिस्ट (Bhai Dooj Puja Samagri List 2025)

थाली (पूजा की थाली): यह पूजा का आधार होती है। बहन को एक साफ और सुंदर थाली तैयार करनी चाहिए, जिसमें सारी सामग्री रखी जाती है।

कुमकुम या रोली (तिलक के लिए): यह सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है। बहन इसी से भाई के माथे पर तिलक करती है, जो भाई के प्रति उसके प्रेम, सम्मान और शुभ कामनाओं को दर्शाता है।

चावल या अक्षत: कुमकुम के तिलक के बाद उस पर चावल लगाए जाते हैं। ये अक्षत (जो टूटा न हो) भाई के जीवन में स्थायित्व, अखंड सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक होते हैं।

bhai dooj ki puja vidhi 2025

नारियल (या गोला): कई जगहों पर, बहनें भाई को भेंट के रूप में सूखा नारियल (गोला) देती हैं। इसे शुभ माना जाता है और यह भाई के जीवन में सौभाग्य और ऐश्वर्य का प्रतीक होता है।

दीपक और घी: भाई की आरती उतारने के लिए दीपक और घी या तेल की आवश्यकता होती है। दीपक, ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है, जो भाई के जीवन से अंधकार को दूर करने की प्रार्थना के साथ जलाया जाता है।

पानी का कलश: पूजा शुरू करने से पहले और बाद में आचमन के लिए या शुद्धिकरण के लिए जल से भरा कलश या लोटा पास में रखा जाता है।

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फूल और दूब घास: पूजा की थाली को सजाने और तिलक लगाने के बाद प्रयोग करने के लिए ताज़े फूल और दूब घास (अगर उपलब्ध हो) का उपयोग किया जाता है। दूब को लंबी आयु का प्रतीक माना जाता है।

मिठाई या मिश्री: तिलक करने के बाद बहनें अपने भाई को मिठाई या मिश्री खिलाती हैं। यह उनके रिश्ते में मिठास और खुशियों को बनाए रखने का प्रतीक है।

फल: पूजा में भगवान को भोग लगाने और भाई को प्रसाद के रूप में देने के लिए मौसमी फलों का इस्तेमाल किया जाता है।

उपहार/भेंट: तिलक और आरती के बाद भाई अपनी बहन को अपनी क्षमतानुसार उपहार या शगुन देता है।

आसन/चौकी: भाई को तिलक करवाने के लिए बैठने हेतु एक स्वच्छ आसन या चौकी की आवश्यकता होती है।

भाईदूज की पूजा विधि (Bhai Dooj Puja Vidhi 2025)

सबसे पहले, बहन और भाई दोनों को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए। अगर संभव हो, तो इस दिन यमुना नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। स्नान के बाद, स्वच्छ वस्त्र धारण करें। बहनें, भाई को तिलक करने के लिए एक शुभ चौक या आसन तैयार करें और पूजा की थाली में रोली, चावल, मिठाई, कलावा, दीपक और जल भरकर रखें।

bhai dooj puja vidhi 2025

शुभ मुहूर्त में भाई को तैयार किए गए आसन पर बैठाएं। भाई का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए और बहन का मुख पश्चिम या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। सबसे पहले भगवान गणेश, यमराज और यमुना जी का ध्यान करें और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद बहन भाई के माथे पर रोली और चावल का तिलक लगाए। तिलक करते समय बहनें भाई की लंबी आयु और कल्याण की कामना करें। 

तिलक लगाने के बाद, बहन भाई की कलाई पर कलावा बांधती है जो भाई के लिए सुरक्षा सूत्र का काम करता है। फिर वह दीपक जलाकर भाई की आरती उतारती है और आरती के बाद उसे भोग के रूप में लाई गई मिठाई या मिश्री खिलाकर मुंह मीठा कराती है। कई क्षेत्रों में बहनें भाई को नारियल (गोला) भी भेंट करती हैं जिसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

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पूजा समाप्त होने के बाद, बहन प्रेमपूर्वक अपने भाई को अपने हाथों से भोजन कराती है, जिसमें कई तरह के स्वादिष्ट पकवान शामिल होते हैं। इसके बाद, भाई अपनी बहन को अपनी सामर्थ्य के अनुसार उपहार या दक्षिणा देता है और बहन का पैर छूकर आशीर्वाद लेता है। यह संपूर्ण विधि भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाती है और भाई के जीवन में शुभता लाती है।

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image credit: herzindagi 

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FAQ
भाईदूज के दिन भाई-बहन को क्या दान करना चाहिए?
भाईदूज के दिन भाई-बहन को नारियल, कपड़े और मिठाई दान करने चाहिए। 
भाईदूज के दिन किस दिशा में मुंह करके भाई को तिलक करें? 
भाईदूज के दिन बहनें उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में मुख करके अपने भाई को तिलक करें।
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