
6 दिसंबर 2025 का पंचांग शनिवार का दिन, कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि और मृगशिरा नक्षत्र की विशेषता बताता है। शनिवार होने के कारण यह दिन शनि देव की पूजा और पीपल के पेड़ की सेवा के लिए विशेष है जिससे साढ़ेसाती और ढैया के कष्टों में कमी आती है। इस दिन मृगशिरा नक्षत्र का प्रभाव रहेगा जिसका अर्थ होता है 'हिरण का सिर' और यह नक्षत्र खोज, यात्रा और रचनात्मक कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है, इसलिए आप आज के दिन कोई नया काम या यात्रा शुरू कर सकते हैं, लेकिन आपको राहुकाल जैसे अशुभ समय से बचना चाहिए। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
आज के दिन नक्षत्र में मृगशिरा है और योइग में शुभ योग बन रहा है। मृगशिरा नक्षत्र को खोज, यात्रा और रचनात्मकता के लिए बहुत शुभ माना जाता है जिसका अर्थ है कि इसमें नया काम शुरू करना या यात्रा पर जाना फलदायी होता है। वहीं, शुभ योग में किया गया काम अवश्य सफल होता है।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष कृष्ण द्वितीया(रात 09:25 बजे तक)/तृतीया | मृगशिरा | शनिवार | शुभ | तैतिल |

आज के दिन सूर्योदय सुबह ठीक 7:00 बजे होगा और सूर्यास्त शाम 05:24 बजे होगा। चंद्रमा का उदय शाम को 06:43 बजे होगा, और इसका अस्त अगले दिन यानी 7 दिसंबर की सुबह 08:29 बजे होगा। इस प्रकार यह दिन लगभग 10 घंटे 24 मिनट की रोशनी और 13 घंटे 36 मिनट की रात वाला होगा।
| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 07:00 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:24 बजे |
| चंद्रोदय | शाम 06:43 बजे |
| चंद्रास्त | सुबह 08:29 बजे (अगले दिन) |
आज के दिन अभिजित मुहूर्त के साथ-साथ विशेष मुहूर्तों में निशिता मुहूर्त बन रहा है और अत्यंत शुभ योग यानी कि द्विपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है।
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:11 बजे से सुबह 06:06 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:51 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01:56 बजे से दोपहर 02:38 बजे तक |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05:21 बजे से शाम 05:49 बजे तक |
| अमृत काल | रात्रि 09:18 बजे से रात्रि 10:43 बजे तक |
| निशिता मुहूर्त | रात्रि 11:45 बजे से अगले दिन सुबह 12:40 बजे तक |
| द्विपुष्कर योग | सुबह 7:00 बजे से सुबह 08:48 बजे तक |
आज अगर आप कोई शुभ काम करने की सोच रहे हैं तो ऐसे में राहु काल का समय पहले देख लें क्योंकि इस समय में किया गया काम हानि पहुंचाता है।
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | सुबह 09:36 बजे से सुबह 10:54 बजे तक |
| यमगंड | दोपहर 01:30 बजे से दोपहर 02:48 बजे तक |
| गुलिक काल | सुबह 07:00 बजे से सुबह 08:18 बजे तक |
| दिशा शूल | पूर्व दिशा |
| दुर्मुहूर्त (पहला भाग) | सुबह 06:59 बजे से सुबह 07:33 बजे तक |
| दुर्मुहूर्त (दूसरा भाग) | सुबह 07:33 बजे से सुबह 08:17 बजे तक |

आज के दिन कोई प्रमुख व्रत या त्यौहार नहीं है। हालांकि, यह दिन शनिवार होने के कारण शनि देव को समर्पित है। चूंकि यह दिन शनि देव का है, इसलिए शनि की शांति और साढ़े साती या ढैय्या के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए पूजा और दान-पुण्य करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनि मंदिर में तेल, काले तिल या उड़द दाल का दान करें। 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करने से शनि दोष और जीवन की कठिनाइयां कम होती हैं और करियर में स्थिरता आती है।
शनिवार को हनुमान जी की पूजा करना भी शनि दोषों को दूर करने का सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से भय समाप्त होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
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