ज्योतिष और आध्यात्मिक प्रथाओं में किसी भी शुभ काम में कल्याण को बढ़ाने, सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सामग्रियों का इस्तेमाल सदियों से किया जाता है। इन्हीं में से एक सामग्री है किचन में इस्तेमाल होने वाली हल्दी। हल्दी का उपयोग किसी भी व्यक्ति के जीवन में अद्वितीय स्थान रखता है। जो न केवल रसोई में इस्तेमाल आती है बल्कि सदियों से ही पूजा-पाठ का भी एक अभिन्न हिस्सा है।
हल्दी अपने चमकीले पीले रंग और शक्तिशाली गुणों के लिए जानी जाती है और हमेशा से ही पारंपरिक प्रथाओं की आधार शिला रही है। इसे एक ऐसी सामग्री के रूप में ज्योतिष से जोड़ा जाता है जो किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने और सकारात्मकता को बढ़ावा देने में मदद करती है।
ज्योतिष के विभिन्न अनुष्ठानों में से एक है गले में हल्दी की गांठ बांधना। इसे गले में माला के रूप में धारण करने से न सिर्फ कई बुरी ऊर्जाओं से बचने में मदद मिलती है बल्कि यह ग्रह दोषों को भी दूर करती है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें गले में हल्दी की गांठ बांधने के ज्योतिष लाभों के बारे में।
ज्योतिष में हल्दी का महत्व
अगर हम ज्योतिष में हल्दी के महत्व की बात करें तो ये कई तरह से मानसिक और शारीरिक सुरक्षा प्रदान करती है। इसका इस्तेमाल किचन में समृद्धि का कारक माना जाता है और पूजा के स्थान में भी यदि आप हल्दी रखते हैं तो जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
पीले रंग की होने की वजह से यह सूर्य की प्रतीक मानी जाती है और यह सूर्य की ऊर्जा को समेटे रहती है। इसी वजह से पूजा में हल्दी का इस्तेमाल करने से वातावरण ऊर्जावान बना रहता है।
हल्दी को सुरक्षात्मक और शुद्ध करने वाले गुणों वाला एक पवित्र मसाला माना जाता है। इसका उपयोग अक्सर अनुष्ठानों, समारोहों और समृद्धि और खुशहाली के प्रतीक के रूप में किया जाता है।
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गले में हल्दी की गांठ बांधने के लाभ
नकारात्मक प्रभावों से बचाने से लेकर रिश्तों में आत्मविश्वास और सद्भाव बढ़ाने तक, हल्दी की गांठ खुद को सकारात्मक ऊर्जा के साथ जोड़ने के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। ऐसी मान्यता है कि यदि कोई गले में हल्दी की गांठ बांधता है तो उसके करीबी रिश्ते मजबूत बने रहते हैं और वैवाहिक जीवन में भी सामंजस्य बना रहता है।
हल्दी का इस्तेमाल कई शुभ कामों जैसे शादी-विवाह और पूजा में किया जाता है। इसे गले में पहनने से कई ग्रह दोषों को कम करने में मदद मिलती है। हल्दी की गांठ गले में बांधने से आपके जीवन में संतुलन, शांति और खुशहाली बनाए रखने में मदद मिलती है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और मानसिक रूप से भी आपको समृद्ध बनाने में मदद करती है।
हल्दी की गांठ गले में बांधने से नकारात्मकता दूर होती है
ज्योतिष में हल्दी को नकारात्मक ऊर्जाओं और हानिकारक प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करने वाला माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गर्दन में हल्दी की गांठ बांधने से इसे धारण करने वाले व्यक्ति के चारों तरफ एक सुरक्षा कवच बन जाता है।
ज्योतिष की मानें तो ग्रहों की स्थिति और आकाशीय ऊर्जा किसी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकती है। हल्दी की गांठ गले में पहनने से इस तरह की किसी भी नकारात्मक ऊर्जा से राहत मिलती है और ये बुरी ताकतों को दूर रखने में मदद करती है। यही नहीं गले में हल्दी धारण करने से शरीर का सकारात्मक और संतुलित ऊर्जा प्रवाह बना रहता है।
गले में हल्दी की गांठ बांधने से आध्यात्मिक विकास में वृद्धि
हल्दी को आध्यात्मिक जागृति और ज्ञानोदय से जोड़ा जाता है। जब इसे गले में गांठ के रूप में पहना जाता है, तो यह किसी के आध्यात्मिक संबंध को बढ़ाती है और आंतरिक विकास को सुविधाजनक बनती है। हल्दी का पीला रंग दिव्य प्रकाश और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है, जो व्यक्तिगत विकास में सहायता कर सकता है। गले में हल्दी बांधने से सकारात्मकता और आत्मविश्वास की भावना को बढ़ावा मिलता है। गले में हल्दी की गांठ पहनने से व्यक्ति का मानसिक संतुलन बना रहता है और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा मिल सकता है।
गले में हल्दी की गांठ बांधने से आर्थिक विकास में वृद्धि होती है
हल्दी को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि हल्दी की गांठ पहनने से आर्थिक बरकत होती है और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। अगर आपके जीवन में बेवजह धन का खर्च बना रहता है और पैसा व्यर्थ की चीजों में खर्च होता है तो आप हल्दी को एक ताबीज या लॉकेट के रूप में गले में पहन सकते हैं। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में सुधर होता है।
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हल्दी की गांठ से बृहस्पति को मजबूत किया जा सकता है
यदि आपकी कुंडली में गुरु बृहस्पति की स्थिति कमजोर है तो आपको गले में हल्दी की गांठ पहनने की सलाह दी जाती है। इससे बृहस्पति की स्थिति के साथ अन्य ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने में भी मदद मिलती है।
हल्दी की गांठ पहनने से न केवल बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है, बल्कि यह अन्य ग्रहों के दुष्प्रभाव से भी सुरक्षा प्रदान करती है। हल्दी का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत है। इसे गले में पहनने से ग्रह दोषों को कम करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद मिलती है। बृहस्पति की कमजोरी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को हल करने के लिए यह एक प्राचीन और प्रभावी उपाय है।
हल्दी की गांठ बृहस्पति के शुभ प्रभाव को बढ़ाती है और इसके साथ ही अन्य ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से भी बचाव करती है। इसके माध्यम से आप जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। बृहस्पति की स्थिति को अनुकूल बनाकर आप अपनी कुंडली में ग्रहों के समन्वय को बेहतर बना सकते हैं और जीवन में संतुलन और खुशहाली प्राप्त कर सकते हैं।
हल्दी की गांठ गले में बांधने के कई लाभ होते हैं जिनमें से एक है ग्रह दोषों की स्थिति को संतुलित करना। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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