बेलपत्र को भगवान शिव का अत्यंत प्रिय माना जाता है और इसे उनके तीनों नेत्रों का प्रतीक माना जाता है। सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से शिवजी तुरंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है और साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से, बेलपत्र का पौधा घर में लगाना वास्तु दोषों को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
यह धन-समृद्धि को आकर्षित करता है, आर्थिक परेशानियों को दूर करता है और ग्रह दोषों को शांत करने में मदद करता है। हालांकि यह तभी संभव है जब बेलपत्र के पौधे की दिशा सही हो। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि बेलपत्र के पौधे से जुड़े कुछ उपाय भी ज्योतिष शास्त्र में वर्णित हैं, इन्हीं में से एक उपाय है बेलपत्र के पौधे में दूध डालना। तो चलिए जानते हैं कि सावन के दौरान बेलपत्र के पौधे में दूध डालने से क्या होता है।
सावन में बेलपत्र के पौधे में दूध चढ़ाने के लाभ
ज्योतिष शास्त्र में दूध को चंद्रमा ग्रह का कारक माना जाता है। चंद्रमा हमारे मन, भावनाओं, मानसिक शांति, माता और यात्राओं का प्रतिनिधित्व करता है। जब हम बेलपत्र के पौधे में दूध अर्पित करते हैं तो यह सीधे तौर पर हमारी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करता है। एक मजबूत चंद्रमा व्यक्ति को मानसिक शांति, स्थिरता और बेहतर निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है। यह अनावश्यक तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में सहायक होता है।
चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान हैं, जो उनके शांत और सौम्य स्वभाव का प्रतीक है। बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। जब दूध और बेलपत्र का यह संयोजन होता है, तो यह शिवजी की विशेष कृपा दिलाता है। शिवजी को प्रसन्न करने से कुंडली के कई अन्य दोष भी शांत हो जाते हैं, क्योंकि वे सभी ग्रहों के अधिपति हैं।
यह भी पढ़ें:भगवान शिव के प्रिय बेलपत्र में कैसे हुआ मां लक्ष्मी का वास?
ज्योतिष मानता है कि बेलपत्र का पौधा स्वयं में सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है। इसमें दूध चढ़ाने से घर और आसपास की नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं और सकारात्मकता का संचार होता है। यह घर में सुख-शांति और समृद्धि का माहौल बनाता है। यह उपाय केवल चंद्रमा से संबंधित दोषों को ही नहीं, बल्कि कुंडली में मौजूद अन्य ग्रह दोषों को भी शांत करने में मदद करता है।
शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित व्यक्ति भी इस उपाय को करके शनि के बुरे प्रभावों को कम कर सकते हैं, क्योंकि शिवजी शनिदेव के गुरु हैं और उनकी पूजा से शनि भी प्रसन्न होते हैं। ज्योतिष के अनुसार, यह उपाय आर्थिक समृद्धि लाने में भी सहायक है। यह धन आगमन के मार्ग खोलता है और बेवजह के खर्चों पर नियंत्रण पाने में मदद करता है। करियर और व्यापार में आ रही बाधाएं भी इस उपाय से दूर हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें:शिवलिंग के किस स्थान पर बेलपत्र चढ़ाना चाहिए और कहां नहीं? जानें सही नियम
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों