भादो में पड़ रही है सोमवती अमावस्या इस पेड़ की परिक्रमा से पूरी होगी मनोकामना

सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। आज के इस लेख में हम आपको इस दिन पीपल पेड़ की परिक्रमा के लाभ बताएंगे।

 
Peepal Tree Worship on Amavasya

सोमवती अमावस्या एक विशेष अमावस्या होती है, जो उस दिन आती है जब अमावस्या सोमवार को पड़ती है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व होता है, और इसे शुभ माना जाता है। इस दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। भाद्रपद की अमावस्या इस बार सोमवार के दिन पड़ रही है, जो कि 2 सितंबर को पड़ने वाला है। इस दिन पीपल पेड़ की पूजा और परिक्रमा का विशेष महत्व है। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल पेड़ की पूजा और परिक्रमा के महत्व, लाभ और नियम के बारे में हमने अपने एस्ट्रो एक्सपर्ट शिवम पाठक से पुछा है, उन्होंने पीपल पेड़ की परिक्रमा के लाभ, नियम और महत्व के बारे में बताया है, चलिए जानते हैं इसके बारे में।

पीपल पेड़ की परिक्रमा करने के नियम:

Peepal Tree Parikrama Benefits

शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें:

सोमवती अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए। आमतौर पर, सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के समय पूजा करने का विशेष महत्व होता है।

स्नान और शुद्धता:

पूजा से पहले स्नान कर के शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए। शारीरिक और मानसिक शुद्धता रखते हुए पूजा की तैयारी करें।

सामग्री की तैयार कर लें:

पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कच्चा दूध, जल, फूल, अक्षत (चावल), रोली (कुमकुम), मौली (रक्षासूत्र), तथा घी का दीपक तैयार रखें और एक टोकरी या थाली में रखें।

पीपल की पूजा:

पीपल के पेड़ के पास जाकर सबसे पहले उसे जल चढ़ाएं। फिर कच्चे दूध का अभिषेक करें और दीपक जलाएं। फूल, कुमकुम, अक्षत, चावल, रोली, चंदन लगाकर आरती करें और भोग लगाकर प्रणाम करें।

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परिक्रमा:

पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें। इस दौरान मौली (रक्षा सूत्र) को पीपल के पेड़ पर बांधें और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। यदि 108 परिक्रमा संभव न हो, तो कम से कम 11 या 21 बार परिक्रमा करें।

दान और भिक्षा:

परिक्रमा के बाद ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान दें। भोजन और वस्त्र का दान इस दिन विशेष फलदायी माना जाता है।

परिक्रमा करने के फायदे:

Bhadrapada Somvati Amavasya Significance,

पारिवारिक सुख-शांति:

ऐसा माना जाता है कि पीपल की परिक्रमा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

लंबी आयु और स्वास्थ्य:

यह भी मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर पीपल की पूजा और परिक्रमा से व्यक्ति को लंबी आयु की प्राप्ति होती है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।

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पित्र दोष निवारण:

इस दिन पीपल की पूजा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और पितृ दोष का निवारण होता है।

विवाह में बाधा दूर होती है:

अविवाहित लोग यदि इस दिन पीपल की पूजा कर परिक्रमा करते हैं तो उनके विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और योग्य जीवनसाथी प्राप्त होता है।

आर्थिक समृद्धि:

  • पीपल के पेड़ की पूजा करने से आर्थिक समृद्धि और संपन्नता की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल पेड़ की पूजा और परिक्रमा के विशेष लाभ हैं, जिसे भी इस दिन समय मिले वह पूजा और परिक्रमा जरूर करे।
  • इस प्रकार, सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा करने से विभिन्न लाभ प्राप्त होते हैं। यह दिन विशेष रूप से आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व का होता है।

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Image Credit: Freepik

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