सावन में हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए करें सुंदरकांड का पाठ, कई समस्याएं हो सकती हैं दूर

सावन का महीना बहुत खास होता है। इस महीने में लोग पूजा पाठ सबसे ज्यादा करवाते हैं। लेकिन क्या इस महीने में आप घर पर सुंदरकांड का पाठ करा सकते हैं। आर्टिकल में पंडित जी से जानते हैं। 
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सावन का महीना भगवान शिव की उपासना का सबसे पवित्र माना जाता है। इस महीने में लोग अपने घर में पूजा-पाठ और अनुष्ठान करते हैं। लेकिन इस दौरान हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि सावन में सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन की कई समस्याएं दूर होती हैं और मन को शांति मिलती है। आइए पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से जानते हैं सुंदरकांड पाठ के लाभ और सावन में इसे करने का सही तरीका।

सुंदरकांड पाठ का क्या होता है महत्व?

सुंदरकांड श्रीरामचरितमानस का वह भाग है जिसमें हनुमान जी की वीरता, भक्ति और बुद्धिमत्ता का वर्णन किया गया है। इसे पढ़ने के व्यक्ति के जीवन की नकारात्मक भावना दूर होती है। साथ ही, व्यक्ति को शक्ति प्रदान होती है। इसलिए कई सारे लोग मंगलवार के दिन घर पर खुद ही सुंदरकांड का पाठ करते हैं। इससे रोग, भय और कर्ज की समस्याएं कम होती हैं।

Sunder kand path

क्या सावन के महीने में करवाना चाहिए सुंदरकांड का पाठ?

सावन में शिव पूजा के साथ-साथ हनुमान जी की भक्ति का फल कई गुना अधिक मिलता है। वहीं हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार भी माना जाता है, इसलिए इस महीने उनका विशेष पूजन फलदायी होता है। आप इसे घर पर कराकर हनुमान जी का आशीर्वाद पा सकते हैं।

सुंदरकांड पाठ कब और कैसे करें?

मंगलवार और शनिवार हनुमान जी को विशेष रूप से समर्पित हैं, लेकिन सावन में किसी भी दिन पाठ किया जा सकता है।

  • पाठ से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और हनुमान जी के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं।
  • तुलसी पत्र, लाल फूल और गुड़-चना चढ़ाएं।
  • पूरे श्रद्धा और ध्यान से सुंदरकांड का पाठ करें।
  • इसके बाद अपनी गद्दी से उठकर आरती करें।
  • इससे सुंदरकांड पाठ पूरा होगा।
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सुंदरकांड पाठ के क्या होते हैं लाभ?

  • सुंदरकांड पाठ को करने से मानसिक तनाव कम होता है।
  • घर में सुख-शांति और पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।
  • अगर किसी तरह की कोई अड़चन आ रही है, तो इसे दूर करने के लिए आप इस पाठ को करा सकते हैं।
  • नौकरी, व्यापार और रिश्तों में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।

सुंदरकांड का पाठ करते समय मन एकाग्रता होनी चाहिए। साथ ही, आप किसी और जगह पर अपना दिमाग न लगाएं। वरना आपको समस्या हो सकती है। मोबाइल जैसी चीजों से दूरी बनाए रखें। शुद्ध उच्चारण के साथ इस पाठ को पूरा करें। इससे आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे।

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Image Credit- Freepik/ Herzindagi
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FAQ

  • सावन में सुंदरकांड का पाठ क्यों करना चाहिए?

    सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। भगवान शिव को भगवान राम अत्यंत प्रिय हैं और हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त हैं। इसलिए सावन में सुंदरकांड का पाठ करने से भगवान शिव और हनुमान जी दोनों प्रसन्न होते हैं। 
  •  सुंदरकांड का पाठ करने से कौन सी समस्याएं दूर हो सकती हैं?

    ग्रह दोष, नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति, मानसिक शांति और रोगों से मुक्ति मिलती है।