सावन का महीना, जिसे श्रावण मास भी कहते हैं, भगवान शिव को समर्पित है। यह महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दौरान शिव भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना और व्रत करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन में भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व है? इस महीने में शिव और विष्णु दोनों की उपासना से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अब ऐसे में अगर आप इस माह में भगवान विष्णु और महादेव की पूजा-अर्चना कर रहे हैं तो पूजन नियम क्या है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
सावन में देवों के देव महादेव की पूजा का महत्व
सावन का महीना प्रकृति के नवजीवन का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष निकला, तो भगवान शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए उस विष का पान कर लिया। विष के प्रभाव को शांत करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन पर जल चढ़ाया। यही कारण है कि सावन में शिव पर जल चढ़ाने की परंपरा का विशेष महत्व है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव की पूजा से कुंडली में मौजूद विभिन्न ग्रह दोषों, विशेषकर चंद्र दोष, को शांत किया जा सकता है। चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है और शिव का पूजन मन को शांति प्रदान करता है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सच्ची श्रद्धा से की गई पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए सावन में सोमवार का व्रत रखती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए पूजा करती हैं।
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सावन में पालनहार भगवान विष्णु की पूजा का महत्व
सावन में भगवान विष्णु की पूजा के लिए आप हर गुरुवार को व्रत रख सकते हैं। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें, जैसे ऊं नमो भगवते वासुदेवाय। उन्हें पीले वस्त्र, पीले फूल और पीली मिठाई अर्पित करें। तुलसी दल के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है, इसलिए उन्हें तुलसी अवश्य चढ़ाएं। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा से धन-धान्य और वैभव की प्राप्ति होती है। विशेषकर सावन में तुलसी और शालिग्राम की पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। सावन महीने में आप विधिवत रूप से केले के पेड़ की पूजा भी कर सकते हैं। इससे उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।
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सावन में महादेव और श्रीहरि की पूजा के नियम
- एक ही पूजा स्थल पर भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- महादेव और भगवान विष्णु की पूजा-अर्तना करने के दौरान मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें।
- इनकी पूजा-अर्तना करने के दौरान उन्हें भोग अवश्य लगाएं और आरती जरूर करनी चाहिए।
- सावन महीने में महादेव और श्रीहरि का पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है।
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Image Credit- HerZindagi
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