Neelakurinji Flowers Facts: पौधा लगाने के बाद से हम फल और फूल का इंतजार करने लग जाते हैं। मगर क्या आपने कभी ऐसे फूल के बारे में सुना है, दो 12 साल के लंबे अंतराल के बाद खिलता है। इस फूल का नाम है नीलकुरिंजी। दिखने में बेहद ही खूबसूरत नीलकुरिंजी फूल, पूरी दुनिया के दुर्लभ फूलों की सूची में शुमार है। इस आर्टिकल में जानें नीलकुरिंजी फूल से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
कहां पाया जाता है नीलकुरिंजी फूल? (Which is the best place to see Neelakurinji)
NeelaKurinji in full bloom after 12 years in Mullayanagiri peak, Chikmagalur
— Dr Durgaprasad Hegde (@DpHegde) September 23, 2022
Kurinji is a shrub found in the Western Ghats, Nilgiri Hills, which means the blue mountains, got their name from the purplish blue flowers of Neelakurinji pic.twitter.com/9tCA5NeM7X
नीलकुरिंजी फूल को कुरिंजी के नाम से भी जाना जाता है। यह दुर्लभ फूल बैंगनी-नीला रंग का होता है और केरल में मुन्नार की हरी-भरी पहाड़ियों में पाया जाता है। खास बात यह है कि यह फूल 12 साल में केवल एक बार ही खिलता है। यह सीज़न जुलाई में शुरू होता है और अक्टूबर तक चलता है।
कहां देख सकते हैं नीलकुरिंजी फूल
नीलकुरिंजी फूल आपको हर क्षेत्र और राज्य में देखने के लिए नहीं मिलेगा। अन्नामलाई पहाड़ियां एक मुख्य स्थान है, जहां शानदार बैंगनी-नीले नीलकुरिंजी फूल खिलते हैं। इसके अलावा एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान भी मुन्नार में प्रसिद्ध है, जहां यह फूल देखने के लिए मिलता है।
नीलकुरिंजी फूल क्यों है खास
#Neelakurinji flowers that blossom once every 12 years had mesmerized thousands of tourists at Mandalpatti and Kote Betta in Kodagu District not long ago.
— P C Mohan (@PCMohanMP) December 8, 2021
Neelakurinji now blooms at Biligiri Ranganathaswamy Temple (BRT) Tiger Reserve, in Chamarajanagara district.
A rare sight! pic.twitter.com/otXw6kWXuT
केरल की वन जनजाति के लोगों के लिए यह फूल अनमोल है, क्योंकि वे इस फूल को प्यार का प्रतीक मानते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान मुरुगा ने एक नीलकुरिंजी के फूलों की माला पहनाकर ही विवाह किया था।
शहद भी एक कारण है जो नीलकुरिंजी फूल को खास बनाता हैं। नीलकुरिंजी फूल से ज्यादा दुर्लभ है इसका शहद। इस फूल से निकलने वाले शहद को कुरिंजी थन कहते हैं। चूंकि यह फूल 12 साल में मात्र एक बार खिलता है इसलिए इसका शहद बाजारों में ना के बराबर मिलता है।
अलग-अलग किस्म के होते हैं नीलकुरिंजी फूल
बता दें भारत में सिर्फ एक ही तरह के नीलकुरिंजी फूल नहीं पाए जाते हैं। आपको इस फूल की 40 से ज्यादा प्रकार की किस्में देखने को मिल सकती है। नीलकुरिंजी फूल की कुछ किस्में 16 साल में एक बार भी खिलती हैं।
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Image Credit - Freepik
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