herzindagi
Can we do Kanya Puja without batuk bhairav

कन्या पूजन के लिए बटुक भैरव या लंगूर न मिले तो क्या करें?

नवरात्रि के नवमी और अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन में नौ कन्याओं के अलावा एक बटुक भैरव की पूजा बहुत जरूरी होती है। ऐसे में जब बटुक भैरव न मिले तो क्या करना चाहिए?
Editorial
Updated:- 2024-04-15, 18:13 IST

चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है, कल यानी 16 अप्रैल को नौ दुर्गा यानी कन्या पूजन आयोजित किया जाएगा। नव दिनों तक माता रानी की पूजा अर्चना के बाद अष्टमी या नवमी के दिन भक्त कन्या पूजन आयोजित करते हैं। नौ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में अष्टमी और नवमी तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि इस दिन नौ छोटी और कुंवारी कन्याओं को देवी मां का रूप मानकर पूजा जाता है। अष्टमी और नवमी के दिन मां दुर्गा के नौ अवतारों को पूजा जाता है, साथ ही नौ कन्याओं के साथ एक बालक यानी बटुक भैरव की भी पूजा की जाती है।

बता दें कि कन्या पूजन में बटुक भैरव के पूजन के बिना पूजा को अधूरा माना जाता है। ऐसे में अक्सर लोगों के साथ ऐसा होता है कि उन्हें नौ कन्या तो मिल जाती है, लेकिन एक बालक या बटुक भैरव नहीं मिल पाते। ऐसे में बहुत से भक्तों के मन में यह प्रश्न आता है कि ऐसे में क्या करना चाहिए? हमने भक्तों के इस प्रश्न के बारे में अपने एस्ट्रो एक्सपर्ट से पूछा, इस पर चलिए जानते हैं कि ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने क्या सुझाव दिया है।

कन्या पूजन में बटुक भैरव की पूजा क्यों की जाती है?

kanya pujan AUR BATUK

शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि नौ देवियों की कन्या पूजन में बटूक की पूजा बहुत जरूरी है। बिना बटुक या लंगूर के पूजा अधूरी मानी गई है। नौ कन्याओं के साथ एक बालक को बटुक के रूप में पूजा जाता है। भगवान भैरव के सौम्य रूप को बटुक भैरव कहा जाता है। देवी मैया के जितने भी शक्तिपीठ हैं और प्रसिद्ध मंदिर हैं उन सभी के मुख्य और प्रवेश द्वार पर भैरव बाबा के मंदिर स्थापित है।

यह विडियो भी देखें

यह भी पढ़ें: धूप में नहीं होगी स्किन डार्क, फॉलो करें ये टिप्स

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भैरव नाथ को मां दुर्गा का रक्षक माना गया है। मान्यता है कि भैरव बाबा देवी मां के शक्तिपीठों की रक्षा करते हैं। इसलिए उनके दर्शन और पूजन के बिना देवी मां के दर्शन और पूजन का फल नहीं मिलता है। इसलिए कन्या पूजन हो या साधारण मां दुर्गा की पूजा सभी तरह के पूजन में बटुक भैरव की पूजा और दर्शन का विशेष महत्व है। 

कन्या पूजन के लिए बटुक भैरव न मिले तो क्या करें?

kanya pujan batuk bhairav

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बताया कि यदि कन्या पूजन में बटुक या लंगूर न मिले तो नौ कन्याओं का पूजन कर लें और बटुक के स्थान पर कोई गुड्डा रखकर उसकी पूजा कर लें, फिर पूजन और भोजन के बाद उस गुड्डे और बटुक को दी जाने वाली हर वस्तु को किसी बालक को दान कर दें।

यह भी पढ़ें: लगा रही हैं विटामिन-सी सीरम, तो इन प्रोडक्ट्स का ना करें इस्तेमाल

इससे आपको बटुक की पूजा और उसे भोजन कराने के समान ही फल प्राप्त होगा और आपकी पूजा भी अपूर्ण नहीं रहेगी। इसके अलावा बटुक भैरव के हिस्से का भोग आप किसी कुत्ते को भी अर्पित कर सकते हैं, क्योंकि कुत्ते को भैरव बाबा के वाहन के रूप में जाना जाता है।

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें

 

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit: Freepik

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।