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सरपंच और मुखिया में क्या है अंतर, जानें दोनों की जिम्मेदारियां

सरपंच गांव स्तर के विकास कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। जबकि एक मुखिया पंचायत समिति का नेतृत्व करता है और कई गांवों के बड़े स्तर के प्रशासनिक और न्यायिक कार्यों को संभालता है। ये तो हुई उनकी जिम्मेदारियों की बात चलिए अब इन दोनों के बीच अंतर को समझते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-02-24, 10:21 IST

भारत में पंचायत व्यवस्था के तहत लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई पद होते हैं, जिसमें लोगों को एडमिनिस्ट्रेटिव निर्णय लेने की सुविधा प्राप्त होती है। इस तरह ग्रामीण प्रशासनिक ढांचे के दो महत्वपूर्ण पद सरपंच और मुखिया हैं। दोनों की भूमिका वैसे तो ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और प्रशासन से जुड़ी है, लेकिन उनकी जिम्मेदारियां, कार्यक्षेत्र और पद के अधिकारों में काफी अंतर होता है। आइए इन दोनों के बारे में विस्तार से समझते हैं। यहां हम आपको मुखिया और सरपंच के कार्य और उनकी जिम्मेदारियों के बारे में भी बताएंगे। 

सरपंच और मुखिया में क्या अंतर होता है?

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सरपंच पंचायत के सदस्यों में से एक होता है और वह गांव स्तर के विकास कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है। साथ ही, वहस्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का भी काम करता है। सरपंच का कार्यकाल 5 साल का होता है और उनका चुनाव गांव के लोगों द्वारा होता है।

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मुखिया, पंचायती राज सिस्टम के अंतर्गत आने वाला सबसे बड़ा व्यक्ति होता है। उसका काम किसी गांव या पंचायत को संभालना होता है। आप कह सकते हैं कि मुखिया पंचायत समिति का नेतृत्व करता है और कई गांवों के बड़े स्तर के प्रशासनिक और न्यायिक कार्यों को संभालता है।

इस तरह, पंचायती राज सिस्टम के दोनों ही पद ग्रामीण प्रशासन और विकास के लिए बेहद अहम होते हैं और भारत की पंचायत राज व्यवस्था की बुनियाद को मजबूत करने में योगदान देते हैं।

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सरपंच और मुखिया की ये होती हैं जिम्मेदारियां

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सरपंच, पंचायत समिति के 5 सदस्यों में से एक होता है, जो प्रधान के सहायक के रूप में काम करता है। सरपंच का मुख्य कार्यों में पंचायत के विकास के क्षेत्र में नेतृत्व करना, इस दौरान निर्णय लेना और प्रधान को समर्थन प्रदान करना आदि शामिल हैं।

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मुखिया, पंचायत समिति का नेतृत्व करता है। उसके पास आमतौर पर गांव के लोगों की समस्याओं को हल करने की जिम्मेदारी होती है। वह ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की मीटिंग आयोजित करता है और उनकी अध्यक्षता स्वयं करता है। मुखिया, पंचायती राज सिस्टम के अंतर्गत आने वाला सबसे प्रमुख व्यक्ति होता है, जो गांव के विकास के लिए कार्य करता है। 

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Image credit- Shutterstock


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