
वास्तुशास्त्र की हमारी संस्कृति में विशेष भूमिका है। ऐसी मान्यता है कि जब भी आप किसी नए स्थान में प्रवेश करते हैं या फिर किसी भी चीज का प्लेसमेंट घर या ऑफिस में करते हैं तो उसके लिए वास्तु के नियमों का पालन जरूरी होता है।
कई बार आपके साथ ऐसा भी हो सकता है कि आप किसी नए स्थान पर प्रवेश करते हैं और आपको उस स्थान से नकारात्मक संकेत मिलते हैं। दरअसल ऐसा उस स्थान के वास्तु दोष के कारण हो सकता है।
प्रत्येक व्यक्ति प्रकृति से जुड़ाव रखता है और इसे ही वास्तु शास्त्र से जोड़ा जाता है। वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि हमारे आस-पास की हर एक वस्तु यदि वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करते हुए रखी जाती है तो ये सकारात्मक ऊर्जा का कारण बनती हैं, वहीं इसका पालन न करने से आपके घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश भी हो सकता है।
जिस प्रकार सभी चीजों का वास्तु होता है, उसी प्रकार घर में लगे हुए पानी के नल के लिए भी कुछ वस्तु नियम बनाए गए हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि नल किसी गलत जगह पर लगा होता है तो आपके जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें कि आपको घर में लगे नल के लिए वास्तु की किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

वास्तु के अनुसार पानी का नल कभी भी आपको दक्षिण और पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए। यदि इन दिशाओं में कोई नल पहले से मौजूद है तो कोशिश करें कि आप इसका इस्तेमाल न के बराबर करें। पानी का नल उत्तर और पूर्व दिशा में होना चाहिए।
यही नहीं जब आप किचन के सिंक में नल की बात करते हैं तब भी आपके लिए दिशा का ध्यान रखना जरूरी है। किचन में आपको सिंक को उत्तर या ईशान कोण में रखना चाहिए, जिससे पानी का प्रवाह इसी दिशा से हो सके। यदि पानी का नल गलत दिशा में होता है तो आपको सबसे ज्यादा धन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
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आपके किचन में अग्नि देवता और माता अन्नपूर्णा का एक साथ वास होता है। इसी वजह से आपको हमेशा सलाह दी जाती है किचन में सिंक और नल को उत्तर और ईशान कोण के बीच कहीं रखा जाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पानी का नल और शॉवर ईशान कोण में लगाना चाहिए। वाश बेसिन भी ईशान कोणमें होना चाहिए। वहीं आपका बाथरूम हमेशा आग्नेय कोण में होना चाहिए। इस जगह पर भी आप पानी का नल उत्तर या पश्चिम दिशा में ही लगाएं। वहीं पानी निकलने का स्थान उत्तर दिशा में होना चाहिए।

आपको हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि आपके मुख्य द्वार पर पानी का स्रोत न हो, यदि आपके मुख्य द्वार पर कोई पानी का नल है तो उसका इस्तेमाल ज्यादा न करें और ध्यान रखें कि इससे लगातार पानी नहीं बहना चाहिए। दरअसल नल से पानी का बहना आपके लिए धन हानि के संकेत देता है।
मुख्य द्वार के सामने बोरिंग पंप भी आपको नहीं लगाना चाहिए। यह भी घर की उन्नति में बाधा उत्पन्न करता है। यदि मुख्य द्वार के पास कोई नल है या बोरिंग पाइप है तो उसके पास से न निकलें।
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यदि आपके घर में कोई भी पानी का ऐसा नल है जिससे लगातार पानी बहता है तो कोशिश करें कि उसे तुरंत ठीक कराएं या बदल दें। नल से पानी का बहना धन के नुक्सान को बढ़ाता है। इसके अलावा आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि घर का कोई भी नल टूटा हुआ न हो या उसमें जंग न लगा हो। सुनिश्चित करें कि पानी के हर एक नल में बहाव ठीक होना चाहिए।
यदि आप नल से जुड़े इन वास्तु नियमों का पालन करती हैं तो आपके जीवन में सदैव समृद्धि बनी रहती है और धन हानि से भी बचा जा सकता है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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