हिंदू पंचांग के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के जीवन में कोई परेशानी आ रही है, तो उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है और सुख-समृद्धि के साथ-साथ सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। आपतो बता दें, उत्पन्ना एकादशी का व्रत सभी जातकों के लिए मनोकामना पूर्ति वाला भी माना जाता है। इसलिए इस दिन विष्णु जी की पूजा नियम के अनुसार करें। अब ऐसे में एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा किस विधि से करें?
- उत्पन्ना एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा के साथ-साथ व्रत संकल्प लें।
- उसके बाद एक साफ और पवित्र स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा रखें।
- पूजा करने से भगवान विष्णु के आह्वान मंत्र का जाप करें।
- उसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करना आरंभ करें।
- इस दिन श्रीहरि की पूजा विधिवत रूप से करें ।
- भगवान विष्णु को चंदन और रोली से तिलक लगाएं और उसके बाद भगवान विष्णु को प्रिय फूल चढ़ाएं।
- फूल चढ़ाने के बाद भगवान विष्णु को भोग लगाएं।
- भगवान विष्णु को भोग लगाने के बाद उनके विशेष मंत्र और चालीसा का पाठ करें।
- भगवान विष्णु की आखिर में आरती करें।
इसे जरूर पढ़ें - Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु को क्या-क्या अर्पित करें?
उत्पन्ना एकादशी के दिन पूजा के समय किन नियमों का पालन करें?
- उत्पन्ना एकादशी के दिन प्रतिमा को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं।
- उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु के भोग में तुलसी जरूर अर्पित करें।
- उत्पन्ना एकादशी के दिन पूजा के लिए पवित्र स्थान चुनें।
- उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी का सेवन न करें।
- उत्पन्ना एकादशी के दिन विष्णु जी के मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए।
इसे जरूर पढ़ें - Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु के समक्ष पंचमुखी दीया जलाने से क्या होता है?
उत्पन्ना एकादशी के दिन किन मंत्रों का जाप करें?
उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के दौरान इन मंत्रों का जाप जरूर करें।
- ॐ नमोः नारायणाय॥
- ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्
- ऊँ विष्णवे नमः
उत्पन्ना एकादशी के दिन पूजा का महत्व क्या है?
उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को सभी पापों से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- HerZindagi
HerZindagi Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों