हर महिला चाहती है कि उसका बच्चा तेज-तर्रार और इंटेलिजेंट हो। जाहिर है अपने बच्चे के लिए आपकी भी यही ख्वाहिश होगी, लेकिन इसमें आपकी भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। बच्चे ज्यादातर चीजें घर से ही सीखते हैं। ऐसे में बच्चों को इंटेलिजेंट बनाने की शुरुआत घर से की जा सकती है। ऐसा नहीं है कि बच्चों को तेज-तर्रार बनाने के लिए बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं या बहुत ज्यादा एनर्जी लगानी पड़ती है। कुछ विशेष तरीकों से यह काम आसानी से हो सकता है। आइए जानें बच्चों को दिमागी तौर पर तेज बनाने वाले ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में-
बच्चों के साथ खेलें खेल
गेम्स चाहें आउटडोर हों या इनडोर, इनसे बच्चे की फोकस करने की क्षमता तेज होती है। गेम्स खेलने का फायदा यह है कि इसके जरिए आप बच्चों को आसानी से कई चीजें समझा सकती हैं और उनकी गलतियों में भी सुधार ला सकती हैं। मसलन अगर आप आप अपने बच्चे के साथ बिजनेस या फिर चेस जैसे गेम्स खेलती हैं तो उन्हें खेल की रणनीति बनाने के दौरान बहुत सी चीजें समझ में आएंगी और उनका दिमाग शार्प होगा। इसी तरह फुटबॉल और क्रिकेट खेलते हुए वे एकाग्रचित्त होना सीखेंगे और अपनी लिस्निंग स्किल्स में भी सुधार लाएंगे।
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बच्चे के साथ शेयरिंग है जरूरी
बच्चे का स्कूल में दिन कैसा रहा, उसने क्या-क्या किया, इस बारे में सभी पेरेंट्स बच्चों से पूछते हैं, लेकिन बच्चे के बारे में पूछने के साथ-साथ आपको अपने बारे में भी बच्चे को बताना चाहिए। बच्चों से उनकी स्कूली लाइफ, दोस्तों और तमाम तरह के चैलेंजेस के बारे में डीटेल में बातें करें। इससे उनकी अंडरस्टैंगिंग अच्छी होगी और साथ ही उन्हें ये बातें लंबे वक्त तक याद भी रहेंगी, जिससे उनकी लर्निंग स्किल्स बेहतर होंगी।
नंबर गेम्स सिखाएं
बच्चों को मिसिंग नंबर वाले, पैटर्न वाले सवाल हल करने के लिए दें। इससे बच्चे को उसे सॉल्व करने में मजा भी आएगा और उसका दिमाग भी तेज होगा। इस तरह के सवालों में बच्चों का काफी मन लगता है, इसीलिए आप उन्हें आसानी से एंगेज भी कर सकती हैं।
दोपहर में बच्चों को सुलाएं
कई रिसर्च में यह बात पाई गई है कि अगर बच्चे दिन में एक घंटे आराम करते हैं, तो उनका दिमाग ज्यादा तेज चलता है। दोपहर की नींद लेने से बच्चों को पर्याप्त आराम मिलता है, जिसके बाद वे पूरी तरह से तरोताजा हो जाते हैं और नई चीजें सीखने के लिए भी उत्साहित होते हैं।
बच्चे को दें भरपूर प्यार
अगर आप टेंशन में बच्चे को डांट देती हैं या फिर गुस्सा करती हैं तो ऐसा हरगिज ना करें, क्योंकि इससे बच्चे के दिमाग पर प्रतिकूल असर पड़ता है। वहीं अगर आप बच्चे के साथ शांति से पेश आती हैं और उसे प्यार और रेसपेक्ट देती हैं तो उसके दिमाग के हिप्पोकैंपस एरिया में नर्व सेल्स का निर्माण तेजी से होता है।
बुलवाएं टंग ट्विस्टर
बचपन में आपने 'खड़ग सिंह के खड़कने से खड़कती हैं खिड़कियां...', या 'चंदू के चाचा ने चंदू की चाची को...'जैसे टंग ट्विस्टर बोलने की खूब प्रैक्टिस की होगी। अब ऐसे ही टंग ट्विस्टर अगर आप अपने बच्चे को सिखाएं तो उन्हें काफी मजा आएगा। सामान्य शब्दों के बजाय इन्हें बोलना थोड़ा मुश्किल होता है, जिसमें गड़बड़ होने की गुंजाइश भी होती है। लेकिन इसी गड़बड़ी में हंसने-हंसाने का माहौल बना रहता है और आप हल्के-फुल्के अंदाज में बच्चे को फोकस करना सिखा सकती हैं और उसकी दिमागी शक्ति को मजबूत कर सकती हैं।
वर्क मेकिंग गेम्स और पजल्स में आएगा मजा
बच्चों को बातों-बातों में नए-नए शब्दों की जानकारी दें। अंग्रेजी हिंदी के आसानी से समझ आने वाले शब्दों के बारे में उन्हें बताएं। साथ ही परिचित शब्दों के पर्यायवाची और विलोम यानी उल्टे अर्थ वाले शब्द भी बताएं। इससे उनका भाषा ज्ञान मजबूत होगा। अगर बच्चे किसी शब्द का उच्चारण गलत तरीके से कर रहे हैं या फिर उसके मतलब से अनजान हैं, तो उसके बारे में भी आपको उसे बताना चाहिए।