ज्योतिष में मान्यता है कि हर एक राशि का कोई स्वामी ग्रह जरूर होता है जो किसी व्यक्ति के जीवन में आगे बढ़ने के तरीके को प्रभावित करता है। यह ग्रह प्रत्येक राशि के मूल लक्षणों और व्यक्तित्व के बारे में जानकारी भी देता है।
जब कोई व्यक्ति जीवन की यात्रा करता है तब वह इस ग्रह की ऊर्जा को अपनाता है। मान्यता है कि आपका स्वभाव आपके स्वामी ग्रह की ऊर्जा से परिलक्षित होता है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपके स्वामी ग्रह का स्वभाव उग्र है तो कहीं न कहीं उसका असर आपके जीवन में भी पड़ता है।
सभी 12 राशियों के स्वामी ग्रह अलग होते हैं और उनका पूरा प्रभाव जीवन में होता है। अगर आप भी इस बारे में जानना चाहते हैं कि आपका स्वामी ग्रह कौन सा है, तो ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इसके बारे में विस्तार से।
जन्म कुंडली में कौन होता है स्वामी ग्रह
जन्म कुंडली का ग्रह शासक वह होता है जो व्यक्ति के लग्न को नियंत्रित करता है। यदि आप अपना लग्न जानते हैं, तो आप आसानी से स्वामी ग्रह का पता लगा सकते हैं यदि आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो आप किसी ज्योतिष एक्सपर्ट से भी इस बात का पता लगा सकती हैं। आपकी जन्म तिथि और समय के आधार पर ही आपकी कुंडली में स्वामी ग्रह और उसकी स्थिति का निर्धारण होता है।
मेष राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है और यह एक ऐसा ग्रह है जो मेष राशि वालों को उनकी तीव्र और भावुक ऊर्जा देता है। यही ऊर्जा उन्हें किसी भी समूह का नेता बनने के लिए प्रेरित करती है।
दृढ़ संकल्प और ऊर्जा के ग्रह के रूप में, यह मेष राशि को जीवन में योद्धा बनने का साहस देता है। मंगल के पास सक्रिय और आवेगपूर्ण ऊर्जा होती है, जो एक अजेय शक्ति बनने और उस जीवन का निर्माण करने के लिए प्रेरित करती है जिसकी वे कल्पना करते हैं।
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वृषभ राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
राशि चक्र की दूसरी राशि वृषभ है और उनके स्वामी ग्रह शुक्र को माना होता है। का प्रतिनिधित्व बैल द्वारा किया जाता है और शुक्र ग्रह द्वारा शासित होता है। इस ग्रह के प्रभाव से वृषभ राशि वाले रोमांटिक और संवेदनशील ऊर्जा से भरपूर होते हैं और उसकी मधुर आभा इन लोगों को दूसरों से अलग बनाती है।
मिथुन राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध को माना जाता है और इसके प्रभाव से या लोग बुद्धिमान और बहुमुखी स्वभाव के होते हैं। मिथुन राशि वाले स्वभाव से जिज्ञासु और बौद्धिक होते हैं। हमारे सौर मंडल में सबसे तेज गति से चलने वाले ग्रह के रूप में यह मिथुन राशि को हमेशा सक्रिय रहने और नए लोगों और अनुभवों से जुड़ने के लिए प्रेरित करता है।
कर्क राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा को माना जाता है। जिस तरह हम चंद्रमा के चरण के कारण दिन के समय अधिक तीव्र और रात में अधिक सहज हो जाते हैं, उसी तरह कर्क राशि के लोग भावनात्मक और सहानुभूतिपूर्ण से भरपूर होते हैं। वे विशेष रूप से पोषण करने वाले, सौम्य और संवेदनशील स्वभाव के होते हैं।
सिंह राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य को माना जाता है। सिंह राशि वालों को चमकना और ध्यान का केंद्र बनना पसंद है और यह सब इस तथ्य से आता है कि सूर्य सबसे चमकदार और दीप्तिमान शक्ति है जिसे हम देख सकते हैं। सिंह राशि वालों का यह स्वभाव आपको दूसरों से अलग बनाने में मदद करता है।
कन्या राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध को माना जाता है। बुध एक तार्किक ग्रह है और इसी वजह से यह विश्लेषणात्मक कन्या राशि पर नज़र रखता है। संचार आपके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है जो उनके स्वभाव की विशेषता माना जाता है।
तुला राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र को माना जाता है। यह प्रेम, सद्भाव और रिश्तों के ग्रह के रूप में जाना जाता है और शुक्र तुला राशि का संरक्षक ग्रह है। यही वह चीज़ है जो इस राशि चिन्ह को सुंदरता और संतुलन के साथ-साथ शांति बनाए रखने के लिए एक प्राकृतिक आकर्षण प्रदान करती है। तुला राशि वाले स्वतंत्रता के बजाय एकता पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, जो शुक्र की साझेदारी और संबंध की इच्छा से प्रेरित है।
वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह प्लूटो और मंगल को माना जाता है। वृश्चिक की धारणा की शक्ति उन्हें व्यक्तिगत लाभ के लिए दूसरों के साथ खिलवाड़ करने की क्षमता से भर देती है। जुनून और युद्ध का ग्रह मंगल वास्तव में शक्ति और पुनर्जन्म से जुड़ा होता है। दोनों ग्रहों की ऊर्जाएं विशेष रूप से उग्र होती हैं, जो वृश्चिक राशि वालों के स्वभाव में भी नजर आती हैं।
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धनु राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
धनु राशि का स्वामी बृहस्पति को माना जाता है और यह ग्रह विस्तार, विकास और भाग्य के ग्रह के रूप में जाना जाता है। बृहस्पति धनु राशि वालों को जीवन के प्रति एक लापरवाह और आशावादी दृष्टिकोण प्रदान करता है। साथ ही, ज्ञान के ग्रह के रूप में यह धनु राशि के लोगों को बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद देता है।
मकर राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
मकर राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं और शनि के प्रभाव की वजह से मकर राशि के लोग स्वभाव से ज्यादा समझदार होते हैं। शनि को जीवन के सबक, जिम्मेदारी और कर्म के ग्रह के रूप में जाना जाता है। मकर राशि पर शासन करते हुए, शनि इस राशि को सबसे महत्वाकांक्षी और दृढ़ रखने में सहायता प्रदान करता है।
कुंभ राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
कुंभ राशि का स्वामी ग्रह भी शनि को माना जाता है। इसके प्रभाव से कुंभ राशि वाले स्वभाव से बहुत बुद्धिमान होते हैं और ये कभी-कभी उग्र भी हो सकते हैं। इस राशि के लोगों के बीच सहनशीलता बहुत ज्यादा होती है।
मीन राशि का स्वामी ग्रह और उसका प्रभाव
मीन राशि का स्वामी बृहस्पति को माना जाता है और इसी वजह से मीन राशि के लोग सहनशील होने के साथ बहुत बुद्धिमान भी होते हैं। बृहस्पति को अत्यधिक आध्यात्मिक ग्रहों के रूप में जाना जाता है, जो मीन राशि के लोगों के सपनों, सहानुभूति और रचनात्मक क्षमताओं के संबंध को और बढ़ाते हैं। यह ग्रह मीन राशि में भी आशावाद, आशा और कल्पना लाने के लिए मिलकर काम करते हैं।
सभी राशियों के स्वामी ग्रह अलग होते हैं और उनके प्रभाव भी अलग होते हैं। किसी भी ग्रह के स्वामी ग्रह से व्यक्ति का स्वभाव पता चलता है। आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें-
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