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क्या 9 साल की उम्र में लड़की की शादी करना सही है? चाइल्ड मैरिज को लेकर ये नया कानून बताता है दुनिया में आज भी क्या है लड़कियों का हाल

एक ऐसा कानून जो बच्चियों की जिंदगी ही छीन ले और गुड़ियों से खेलने की उम्र में उन्हें शादी के लिए मजबूर कर दे। ईराक में एक ऐसे की कानून पर बात चल रही है जिसने पूरी दुनिया को सक्ते में डाल दिया है। 
Editorial
Updated:- 2024-11-13, 14:03 IST

आपसे एक सवाल है, 9 साल की उम्र में क्या किया जा सकता है? बच्चों के लिए यह उम्र कुछ सीखने की होती है, खेलने-कूदने की होती है, लेकिन ईराक की सरकार मानती है कि यह उम्र शादी की भी होती है। पिछले कुछ दिनों से एक कानून बहुत चर्चित हो रहा है। ईराक में शिया मुस्लिम प्रधान कानून लाए जाने के लिए पहल की गई है और इसमें से सबसे विवादित है शादी से जुड़ा यही कानून।

ईराक में पर्सनल स्टेटस लॉ, 'लॉ 188', है जो 1959 में बनाया गया था। ईराक की कट्टरपंथी सरकार अब इस कानून में बदलाव लाना चाहती है। 1959 में बने कानून में कुछ प्रोग्रेसिव चीजें भी थीं, लेकिन अब इस कानून को ही बदलने की बात की जा रही है।

क्या होगा अगर बदल जाएगा इराक का यह कानून?

इराक का यह कानून महिलाओं को जरूरी अधिकार जैसे तलाक, चाइल्ड मैरिज, प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी आदि देता है। अगर यह कानून ही हट जाता है, तो महिलाओं को उनके जरूरी अधिकार नहीं मिलेंगे। इसमें लीगल दांवपेंच भी हैं, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि किसी महिला से उसका बच्चा छीन लिया जाए और पति की इजाजत के बगैर उसे उस बच्चे से मिलने ना दिया जाए।

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इस कानून के आने के बाद 9 साल की बच्चियों की लीगली शादी की जा सकेगी। अभी इराक में लीगल शादी की उम्र 18 साल है, लेकिन गार्डियन और माता-पिता की अनुमति से इस उम्र के पहले भी लड़कियों की शादी की जाती है।

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आखिर क्यों किया जा रहा है ऐसा बदलाव?

इराक की कट्टरपंथी सरकार का मानना है कि इससे लड़कियों को गैर संस्कारी रिश्तों से बचाया जा सकेगा जो शरिया कानून के खिलाफ हैं। 16 सितंबर को पुराने कानून में कुछ बदलाव भी किए गए हैं।

अब कानून के बदलाव से कट्टर शरिया कानून स्थापित किया जाएगा और ऐसा कहा जा रहा है कि इससे बचपन से ही लड़कियों की सुरक्षा हो सकेगी। पर असल में इससे क्या होगा यह हम सभी जानते हैं।

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दुनिया भर में क्या है चाइल्ड मैरिज के हाल?

हमें भले ही लगता हो कि दुनिया तरक्की कर रही है, लेकिन ऐसा नहीं है। दुनिया में चाइल्ड मैरिज की समस्या बहुत ज्यादा है। UNICEF की एक रिपोर्ट मानती है कि लड़कों के मुकाबले पांच गुना ज्यादा बाल विवाह की घटनाएं लड़कियों के साथ होती हैं। कुछ देशों में यह संख्या इतनी ज्यादा है कि आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वहां महिलाओं के अधिकारों की बात कोई नहीं करता।

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उदाहरण के तौर पर नाइजर जैसे देश में 77 प्रतिशत महिलाएं जिनकी उम्र 20-49 साल है उनकी शादी 18 साल की उम्र से पहले ही हो गई थी, लेकिन इसी एज ग्रुप के पुरुषों में से सिर्फ 5% की शादी 18 के पहले हुई थी।
 
UNICEF की यही रिपोर्ट मानती है कि पूरी दुनिया में 720 मिलियन महिलाओं की शादी मौजूदा समय में 18 साल से पहले हुई है। इसमें से एक तिहाई यानी लगभग 250 मिलियन महिलाओं की शादी 15 साल से पहले हुई थी।

ग्लोबल एस्टिमेट के बारे में मानें, तो अभी भी सालाना 5 मिलियन लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से कम में हो जाती है। नाइजर और मॉरिटानिया जैसे देशों में टीनएज लड़कियों की शादियां 30 साल या उससे अधिक उम्र वाले पुरुषों से कर दी जाती है।

कहीं 10 तो कहीं 15, कई देशों में ये है शादी की उम्र...

दुनिया भर में इससे जुड़े कई कानून हैं जिनके बारे में आप सोच तो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। Pew Research Center की एक रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में 198 देशों में चाइल्ड मैरिज को लेकर कोई ना कोई कानून है। सिर्फ 6 ऐसे देश हैं जहां कोई कानून ही नहीं है। पर 198 में से 153 देश ऐसे हैं जहां 18 साल की उम्र या उससे ज्यादा में ही शादी मान्य है।

ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रोग्रेसिव देश में भी ऐसा कानून है कि अगर एक व्यक्ति 18 साल का है, तो उसका पार्टनर 16 साल का हो सकता है। ऐसे इराक, जमाइका, उरुग्वे जैसे देशों में बच्चों की शादी भी माता-पिता की इजाजत से हो सकती है। सुडान जैसे पिछड़े हुए देश में लड़कियों की लीगल शादी की एज 10 साल है और यहीं लड़कों की शादी 15 साल की उम्र में हो सकती है। कुछ देशों में धर्म के हिसाब से भी शादी की उम्र बदलती है, जैसे फिलीपींस में बिना इजाजत शादी के लिए 21 साल उम्र होना जरूरी है, लेकिन अगर शादी करने वाला जोड़ा मुस्लिम है, तो यही उम्र 15 साल हो जाती है।

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तंजानिया में मुस्लिम और हिंदू लड़कियां 12 साल की उम्र में ही शादी कर सकती हैं, लेकिन शादी की रस्में पूरी करने के लिए 15 साल की उम्र होना जरूरी है।

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दुनिया भर में 6 ऐसे देश हैं जहां शादी की कोई लीगल एज तय नहीं है। इक्वेटोरियल गिनी, गाम्बिया, सऊदी अरब (2019 में लॉ पास हुआ था जहां 18 से पहले शादी के लिए कोर्ट की इजाजत चाहिए), साउथ सूडान और यमन जैसे देशों में चाइल्ड मैरिज को लेकर कोई कानून नहीं है।

ब्रिटेन और स्कॉटलैंड जैसे देशों में भी 18 की उम्र से पहले शादी को गलत नहीं माना जाता है। वहां टीनएजर्स माता-पिता की परमीशन से 16 के बाद शादी कर सकते हैं। अलबानिया, बुल्गारिया, मैसेडोनिया और यूक्रेन जैसे देशों में भी शादी की उम्र से पहले ही लड़कियों की शादियां कर दी जाती हैं। पाकिस्तान में भी चाइल्ड मैरिज लॉ होने के बाद भी लड़कियों की शादियां 18 साल से कम उम्र में कर दी जाती है।

child marriage and its problems

भारत की बात करें, तो यहां भी चाइल्ड मैरिज कई राज्यों में होती है और घर वाले अपनी मर्जी से इसे होने देते हैं।

चाइल्ड मैरिज सिर्फ लड़कियों की जिंदगी बर्बाद नहीं करती, बल्कि यह पूरी नस्ल को बर्बाद कर देती है। एक लड़की को यह भी ना समझ आए कि जिंदगी क्या होती है, उसे घर और बच्चों की जिम्मेदारी दे दी जाए, तो यह गलत होगा। चाइल्ड मैरिज एक अपराध है और इससे ज्यादा कुछ और कहने की जरूरत नहीं।

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Image Credit: Shutterstock/ Freepik 

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