How to Use an Air Cooler in Monsoon: मानसून का मौसम एक तरफ सुकून और ठंडक लेकर आता है, तो वहीं दूसरी ओर उमस और चिपचिपाहट से जीना मुश्किल कर देता है। बारिश के दिनों में घरों में ताजी हवा का आना-जाना भी कम हो जाता है, जिससे अजीब सी घुटन और बेचैनी महसूस होती है। ऐसे में कई लोग अपने पुराने एयर कूलर का सहारा लेते हैं, पर सवाल ये उठता है कि क्या मानसून में कूलर चलाना सही फैसला है?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मानसून में भी कूलर का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको कुछ सही तरीकों और जरूरी सावधानियों का ध्यान रखना होगा। अगर आपने इन बातों पर गौर नहीं किया, तो कूलर से बदबू, बैक्टीरिया और फंगस जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके साथ ही इस मौसम में कूलर से मच्छरों की दिक्कत भी हो सकती है। आइए जानें, बारिश के मौसम में कूलर का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? बारिश में कूलर से ठंडी हवा कैसे पाएं?
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मानसून में कूलर इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है?
वेंटिलेशन का खास ख्याल रखें
एवापोरेटिव कूलर की असली ताकत तभी दिखती है, जब कमरे में सही वेंटिलेशन हो। इसका मतलब है कि जिस कमरे में आप कूलर चला रहे हैं, वहां की कम से कम एक खिड़की खुली होनी चाहिए। इससे ताजी हवा अंदर आती रहेगी और कमरे में उमस नहीं बढ़ेगी। अगर आप बंद कमरे में कूलर चला देंगे, तो बस नमी ही बढ़ेगी और आपको ठंडक की बजाय घुटन महसूस होगी। इसलिए, कूलर का सही मजा लेना है तो हवा आने-जाने का रास्ता खुला रखें।
कूलर के पैड्स को साफ और सूखा रखें
बारिश के दिनों में नमी के चलते कूलर के पैड्स बहुत ही ज्यादा गंदे और चिपचिपे हो जाते हैं। इससे बैक्टीरिया और फंगस पैदा होने का भी खतरा रहता है। गंदे कूलर पैड्स की वजह से बारिश के दिनों में कमरे से गंदी बदबू भी आने लगती है। ऐसे में कूलर पैड्स की सफाई का खास ख्याल रखें। इसे हफ्ते में 1 बार जरूर क्लीन करें। बारिश के दिनों में हनीकॉम्ब या एंटी-बैक्टीरियल पैड्स का इस्तेमाल करें।
कूलरे के पानी को रखें साफ
अगर बारिश के दिनों में कूलर का पानी साफ ना रखा जाए, तो इससे बदबू और मच्छरों की समस्या पैदा हो सकती है। कूलर के पानी में बैक्टीरिया को पैदा होने से रोकने के लिए पानी में नीम के पत्ते, फिनायल या कोई भी एंटी-बैक्टीरियल सॉल्यूशन डाल दें।
कूलर के लिए चुने सही जगह
अपने कूलर को हमेशा ऐसी जगह रखें जहां उसे ताजी बाहर की हवा मिल सके और वह सीलन से भी बचा रहे। सबसे अच्छी जगह है बालकनी या खिड़की के पास, क्योंकि इससे उसकी कूलिंग एफिशिएंसी बढ़ जाती है। एक बात का और ध्यान रखें कि कूलर के एयरफ्लो के सामने कोई भारी पर्दा या दीवार नहीं होनी चाहिए, वरना हवा ठीक से नहीं फैलेगी और आपको पूरी ठंडक नहीं मिल पाएगी।
रोज करें कूलर की सफाई
बारिश के दिनों में बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। कूलर के पानी से बीमारी ज्यादा फैलती है। ऐसे में टंकी, पैड्स और ब्लोअर फैन की रोजाना सफाई करें। रोज पानी को चेक करें और बदलें।
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Image Credit: her zindagi
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