लव मैरिज करना चाहती हूं...मगर मेरे घरवाले तैयार नहीं हैं, क्‍या करूं?

लव मैरिज करना चाहती हैं लेकिन माता-पिता शादी के लिए तैयार नहीं? जानें कानपुर की कृतिका की कहानी। साथी डॉ. शुभ्रांगना पुंडीर के टिप्‍स भी पढ़ें, जो पैरेंट्स को मनने और इंटर-रिलिजन मैरिज की चुनौतियों का सामना करने के लिए आपको सक्षम बनाएंगे। 
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प्रश्‍न- मेरी उम्र 35 वर्ष है। 4 साल से ऑफिस के एक कलीग से अफेयर चल रहा है। वह मेरे धर्म का नहीं है , इसलिए मेरे घरवाले उससे मेरी शादी के लिए तैयार नहीं है। मैं और मेरा बॉयफ्रेंड एक दूसरे के काफी करीब हैं और एक दूसरे की प्रॉब्‍लम भी समझते हैं। मेरे बॉयफ्रेंड का कहना है कि अब वो और इंतजार नहीं कर सकता है और कोर्टमैरिज करने पर जोर दे रहा है। मैं चाहती हूं कि मेरी शादी मेरे पैरेंट्स की रजामंदी से हो। मेरे पैरेंट्स का कहना है दूसरे धर्म में शादी की तो मैं ज्‍यादा दिन रिश्‍ते को निभा नहीं पाउंगी। क्‍या सच में इंटर रिलिजन मैरिज करने में बहुत दिक्‍कत आती हैं और औरतों को ही शादी के बाद सारे समझौते करने पड़ते हैं। कृपया मुझे बताएं मैं क्‍या करूं?

समय बहुत बदल चुका है और समय के साथ परंपराएं भी बदल गई हैं । जो नहीं बदला है, वह है लोगों की मानसिकता। खासतौर पर महिलाओं को लेकर समाज में आज भी बहुत खुली सोच नहीं रखी जाती है। हांलाकि, महिलाएं अब काफी समृद्ध हो चुकी हैं और अपनी आजादी एंव अधिकारों के लिए उन्‍हें लड़ना भी आता है। मगर आज भी यह लड़ाई महिलाओं को सबसे पहले अपने घरवालों से ही लड़न होती है। अब कनपुर की कृतिका अग्रवाल को ही देख लीजिए। अपनी पसंद से शादी करने के लिए उन्‍हें अपने ही माता-पिता से एक संघर्ष भरी लड़ाई लड़नी पड़ रही है। उनकी समस्‍या को हल करने के उद्देश्‍य से हमने ग्रेटर नोएडा स्थिति गलगोटिया युनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ जेंडर स्‍टीडज लॉ स्‍कूल की असिस्‍टेंट प्रोफेसर एंव इंचार्ज डॉ. शुभ्रांगना पुंडीर से बात की। वह कृतिका की समस्‍या का समाधान बताती हैं-

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उत्‍तर- मान लीजिए आपको कानपुर से दिल्‍ली शिफ्ट होना है। यह मुश्किल हो सकता है मगर मैनेज करने में ज्‍यादा दिक्‍कत नहीं आएगी, वहीं अगर आपको कानपुर से सीधे लंदन शिफ्ट होना पड़े तो यह आपके लिए बहुत ज्‍यादा चुनौतिपूर्ण हो सकता है। कुछ ऐसा ही शादी में हो सकता है। अपने धर्म, अपनी कास्‍ट और अपनी ही कम्‍युनिटी में शादी करने पर लड़का हो या लड़की, उन्‍हें समझौते कम करने पड़ते हैं। वहीं जब आप इंटर कास्‍ट या इंटर रिलिजन मैरिज करते हैं, तो कलचरल डिफ्रेंसेस की वजह से कई नए बदलावों को एक साथ स्‍वीकार करना बहुत मुश्किल होता है।

भारत में आज भी पुरानी परंपराओं को ज्‍यादा सपोर्ट किया जाता है और शादी के बाद लिड़की को ही लड़के के घर में रहने जाना होता है। ऐसे में ज्‍यादा समझौते महिलाओं को करने पड़ते हैं। ऐसे में इंटर रिलिजन शादी में एक महिला को बहुत सारे समझौते करने पड़ते हैं। तो अगर आप इंटर रिलिजन शादी कर रही हैं तो सबसे पहले तो खुद को इस बात के लिए तैयार कर लें कि आपको बहुत सारे समझौते करने पड़ सकते हैं।

माता-पिता इंटर रिलिजन शादी के लिए मना करें यह भी स्‍वभाविक बात है, क्‍योंकि यहां समाज में उनकी ठाठ-बाट पर तो सवाल उठ ही रहे हैं, क्‍योंकि हर आदमी चाहता है कि उसके घर के बच्‍चे उसी कास्‍ट में शादी करें, जिससे वे संबंधित हैं। वहीं दूसरी तरफ बेटी की चिंता होना भी लाजमी है। दूसरे रिलिजन को अपनाना या उसके कायदे-कानून, रहन-सहन और खान-पान स्‍वीकार करना आसान नहीं होता है। हालांकि, शुरुआत में लगता है कि सब मैनेज हो जाएगा, मगर सोचने और करने में जमीन-आसमान का फर्क होता है।

लेकिन इन सब से ऊपर होती है फीलिंग्‍स, अगर आपको लगता है कि आप एक अलग माहौल में आराम से जीवन काट सकती हैं और आपका प्‍यार बरकरार रहेगा, तो आपको बिल्‍कुल यह सोचने की जरूरत नहीं है कि आप इंटर रिलिजन मैरिज में खुश नहीं रहेंगी। आजकल इंटर-कास्‍ट, इंटर रिलिजन तो क्‍या, लोग दूसरे देश के लोगों से शादी कर लेते हैं और खुश रहते हैं। इसलिए जितना सोचेंगी और लोगों की बातें सुनेंगी, उतना आपका मन बदलेगा और अलग-अलग बातें आपके दिमाग में आएंगी।

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माता-पिता को मनाने के लिए जरूरी है कि आप उनके विश्‍वास को जीत लें। अपने पार्टनर से माता-पिता को मिलवाएं। उसके माता-पिता से खुद मिलें, साथ ही दोनों लोग एक दूसरे की फैमिली के साथ वक्‍त बिताएं और उन्‍हें समझने का प्रयास करें। यदि यह संभव नहीं है, तो आपको अपने माता-पिता को थोड़ा वक्‍त दें। भूल से भी माता-पिता के साथ बहस और किसी भी प्रकार से उनका अपमान न करें। यदि आप अपने ही माता-पिता से लड़ने लगेंगी, तो उन्‍हें अपमान महसूस होगा और आप पूरी तरह से अकेली हो जाएंगी।

खुद भी बहुत सोच-समझकर फैसला लें। अपने पार्टनर के साथ थोड़ा वक्‍त गुजारें। उसे अपने कलचर और आप उसके कलचर के बारे में ज्‍याद से ज्‍यादा जानें। अगर आपके बीच ईगो नहीं है, तो आप आराम से जीवनभर एक दूसरे का साथ निभा सकते हैं। इन सब से अव्‍वल हर स्थिति में अपने पार्टनर, अपने पैरेंट्स और पार्टनर के पैरेंट्स की रिस्‍पेक्‍ट करें।

जहां तक बात कोर्ट मैरिज की है, तो यह कदम उठाने से पहले खुद को हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार कर लें। सबसे जरूरी है कि खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बना कर रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर आप खुद को समर्थ पाएं।

कृतिका की तरह बहुत सी महिलाएं हैं, जो लव मैरिज करना चाहती हैं, मगर पैरेंट्स नहीं तैयार हैं। ऐसे में ऊपर बताई गई समस्‍या से आपकी समस्‍या मिलती-जुलती है, तो डॉ. शुभ्रांगना पुंडीर की दी गई सलाह आपके बहुत काम आएगी। यदि आपकी समस्‍या कुछ अलग है और आप उसका हल जानना चाहती हैं, तो anuradha.gupta@jagrannewmedia.com पर आप हमें वो लिख कर भेज सकती हैं।

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