जब भी आप नया AC, फ्रिज या टीवी खरीदने जाते हैं, तो सबसे पहले स्टार रेटिंग पर ध्यान देते हैं। आमतौर पर लोग 5 स्टार रेटिंग वाला इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स खरीदना पसंद करते हैं। बहुत से लोग सोचते हैं कि रंग-बिरंगा स्टार रेटिंग लेबल प्रोडक्ट की क्वालिटी दिखाता है, लेकिन असल में यह उस मशीन की एनर्जी बचाने की क्षमता को बताता है। अगर आप 5 स्टार रेटिंग वाला फ्रिज या AC खरीदते हैं, तो 2 स्टार वाले आइटम्स की तुलना में कम बिजली खर्च होती है। भले ही दोनों की कीमत एक जैसी क्यों न हो।
आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि स्टार रेटिंग कौन देता है और इसका मतलब क्या होता है
BEE स्टार रेटिंग क्या है?
इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स पर स्टार रेटिंग भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत काम करने वाले खास विभाग ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा दी जाती है। इस संस्था की स्थापना 2002 में हुई थी ताकि देश में बिजली की बचत के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। साल 2006 में BEE ने एक खास योजना की शुरुआत की थी, जिसे स्टैंडर्ड एंड लेबलिंग (S&L) प्रोग्राम कहा जाता है। इस योजना के तहत, BEE इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स को 1 से लेकर 5 तक स्टार रेटिंग देता है।
अगर किसी प्रोडक्ट पर 1 या 2 स्टार होता है, तो इसका मतलब है कि बिजली ज्यादा खर्च होगी और बिजली का बिल ज्यादा होगा। वहीं, 5 स्टार लगे प्रोडक्ट का मतलब होता है कि बिजली की बचत होगी। वहीं, साल 2023 में सरकार ने पंखों पर भी स्टार रेटिंग दिखाना जरूरी कर दिया, ताकि कन्ज्यूमर को समझ आ पाए कि कौन-सा पंखा कम बिजली खाएगा और किसमें कम बिल आएगा।
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BEE स्टार रेटिंग कैसे तय होती है?
भारत सरकार की एजेंसी BEE यह रेटिंग ऊर्जा दक्षता अनुपात(EER) और ISEER जैसी तकनीकी गणनाओं के आधार पर दी जाती है। EER का मतलब होता है Energy Efficiency Ratio, जो बताता है कि कोई इलेक्ट्रॉनिक आइटम जैसे AC कितनी बिजली का इस्तेमाल करके कितनी ठंडी हवा देगा।
हालांकि, भारत में बदलते मौसम के आधार पर, साल 2018 में BEE ने एक और नया तरीका शुरू किया, जिसका नाम ISEER (Indian Seasonal Energy Efficiency Ratio) है। यह भारत के अलग-अलग मौसमों को ध्यान में रखकर रेटिंग कैलकुलेट करता है, इससे हमें यह सही-सही पता चलता है कि कोई AC या फ्रिज असली परिस्थितियों में कितनी बिजली बचा पाएगा। एक बात और है कि हर इलेक्ट्रॉनिक चीज की स्टार रेटिंग उसकी अपनी कैटगरी के हिसाब से भी होती है यानि आप फ्रिज के 5 स्टार रेटिंग की तुलना फैन के 5 स्टार से नहीं कर सकते हैं।
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अनिवार्य और स्वैच्छिक स्टार रेटिंग में फर्क
भारत में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने अब तक लगभग 30 अलग-अलग डोमेस्टिक और कॉमर्शियल आइटम्स के लिए स्टार रेटिंग की व्यवस्था शुरू की है। इसमें AC, फ्रिज और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स शामिल हैं। वहीं, भारत सरकार ने AC, फैन, फ्रिज और टीवी जैसे उपकरणों पर स्टार लेबल लगाना जरूरी कर दिया है।
बीईई स्टार रेटिंग के फायदे
जब आप BEE की स्टार रेटिंग देखकर इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स खरीदते हैं, तो आप अंदाजा लगा लेते हैं कि कौन-सा आइटम बिजली की कितनी बचत करेगा और हर महीने बिजली बिल में कितनी कमी आ सकती है।
अगर आप 4 या 5 स्टार वाला प्रोडक्ट खरीदते हैं, तो कम बिजली खर्च होती है। इस रेटिंग सिस्टम की अच्छी बात यह भी है कि इसके लिए आपको किसी टेक्निकल या इंजीनियरिंग पढ़ाई करने की जरूरत नहीं होती। आप केवल स्टार देखकर बिजली की बचत का अंदाजा लगा सकते हैं।
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Image Credit- freepik
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