भारतीय समाज में शादी को दो लोगों के बीच का बंधन नहीं, बल्कि दो परिवारों का संबंध माना जाता है। यही वजह है कि जब पति-पत्नी अलग होने का फैसला लेते हैं, तो उसका असर पूरे परिवार पर देखने को मिलता है। कई बार पति-पत्नी अलग तो हो जाते हैं लेकिन, परिवार की वजह से तलाक नहीं लेते हैं। इस सिचुएशन को सेपरेशन का नाम दिया जाता है। सेपरेशन बिल्कुल भी आसान नहीं होता है, इसमें रिश्तों और अधिकारों की सिचुएशन काफी पेचिदा हो जाती है। खासकर जब बात पति की संपत्ति पर पत्नी के अधिकार की आती है।
सेपरेशन इमोशनली और फाइनेंशियली दोनों तरह से मुश्किल होता है। लेकिन, तलाक नहीं होने और सेपरेशन की सिचुएशन में भी भारतीय कानून की तरफ से महिलाओं को सेफ्टी और सिक्योरिटी दी जाती है। आइए, यहां वकील से समझते हैं कि क्या सेपरेशन में पति की संपत्ति पर पत्नी का अधिकार होता है?
क्या सेपरेशन के बाद पति की संपत्ति पर नहीं होता पत्नी का अधिकार?
पत्नी का पति की संपत्ति पर सेपरेशन के बाद कितना अधिकार होता है और कितना नहीं, यह जानने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले एडवोकेट वरुण कटियार से बात की है। एडवोकेट वरुण कटियार क्रिमिनल, वैवाहिक और संवैधानिक कानून से जुड़े मामले देखते हैं।
एडवोकेट का कहना है कि सेपरेशन का मतलब यह नहीं है कि आपको अपने पति का घर छोड़ना होगा। पति घर छोड़ने के लिए कहता है और आप नहीं छोड़ना चाहती हैं तो यह अधिकार भी महिलाओं को मिलता है। घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के सेक्शन 17 के तहत महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह कानून बनाया गया है। इस कानून के अंतगर्त महिलाओं को पति के घर में रहने का अधिकार होता है। भले ही फिर वह घर पति या अन्य किसी सदस्य के नाम पर हो। अगर पति या उसके परिवार के लोग आपको घर से निकाल देते हैं, तो आप कोर्ट से रेजिडेंस का ऑडर्र ला सकती हैं।
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एडवोकेट ने एक केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र भी इस बात पर किया है। जिसमें उन्होंने बताया कि सतीश चंद्र आहूजा वर्सेज स्नेहा आहूजा (2020) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी के पक्ष में फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला था कि पत्नी अपने पति के घर में रह सकती है। फिर चाहे घर पति के परिवार के नाम पर ही क्यों न हो।
क्या पत्नी की सहमति के बिना संपत्ति बेच सकता है पति?
अगर पति-पत्नी ने ज्वाइंट तौर पर कोई प्रॉपर्टी खरीदी है और सेपरेशन के बाद पति उसे बेचने की कोशिश करता है तो उसे पत्नी की सहमति लेनी होगी। सिर्फ सहमति ही नहीं, बल्कि डॉक्यूमेंट्स पर पत्नी के सिग्नेचर भी होंगे। तलाक होने और पत्नी को उसका हिस्सा या अधिकार मिलने तक, पत्नी का पति की संपत्ति पर अधिकार होता है।
हालांकि, यह अधिकार तब सीमित हो जाता है जब प्रॉपर्टी पैतृक होती है। लेकिन, स्व-अर्जित या पत्नी के साथ ज्वाइंट प्रॉपर्टी पर अधिकार की सीमा बढ़ जाती है।
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क्या तलाक के बाद पत्नी को मिल जाती है पति की संपत्ति?
भारतीय कानून के मुताबिक, तलाक के बाद पत्नी को पति की पूरी या आधी संपत्ति नहीं मिलती है। तलाक के केस में पति की आय, कमाई और संपत्ति के अनुसार ही पत्नी का हक मिलता है। वहीं, अगर पत्नी की हैसियत यानी कमाई और संपत्ति पति के बराबर है तो ऐसे मामलों में देखने-समझने के बाद ही फैसला सुनाया जाता है।
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