कहानी में अब तक - स्नेहा और राघव को समझ आ गया था कि शिवानी स्कूल से बाहर नहीं है। लेकिन आज रात अगर वो ऐसे चले जाते तो शिवानी को यहां से गायब किया जा सकता था। इसलिए स्नेहा और राघव ने फैसला कर लिया था कि वो शिवानी को खोजकर रहेंगे और अपने साथ लेकर जाएंगे। लेकिन कोई था जो क्लास रूम की तरफ आ रहा था... अब आगे।
राघव और स्नेहा को किसी के चलने की आवाज आई , उन्हें समझ आ गया था कि कोई क्लास रूम की तरफ आ रहा है। दोनों जल्द बाजी में क्लास रूम में ही टेबल के नीचे अलग अलग छिप गए। ये गार्ड था जो क्लास रूम में आया था। दोनों को लगा कि गार्ड ने शिवानी को छुपा रखा है। लेकिन ऐसा नहीं था, गार्ड ने क्लास रूम में टॉर्च मारा और यहां वहां देखा, उसे क्लास में कोई नजर नहीं आया और वो वापस चला गया। गार्ड के जाने के बाद स्नेहा और राघव ने चैन की सांस ली और टेबल के नीचे से बाहर आ गए। दोनों फिर से कमरे में छिपे किसी दरवाजे को ढूंढ रहे थे, उन्हें कहीं कोई सुराग नहीं मिला था, तभी उन्हें क्लास में रखी अलमारी थोड़ी हटी हुई नजर आई। ऐसा लग रहा था, जैसे किसी ने अलमारी को अपनी जगह से हटाया है, क्योंकि जमीन पर मिट्टी का निशान बना हुआ था। राघव समझ गया कि जरूर अलमारी के पीछे ही कोई दरवाजा है, तभी फिर से किसी की क्लास रूम की तरफ आने की आवाज आई। दोनों को फिर से क्लास में छिपना पड़ा। इस बार ये गार्ड नहीं था, मैथ टीचर इस बार क्लास रूम में आए थे। मैथ टीचर के आने के बाद अब दोनों को भरोसा हो गया था कि यही हैं जिसने शिवानी को छिपा रखा है। मैथ टीचर क्लास में आए और टॉर्च को कमरे में चारों तरफ घुमाया, उन्होंने क्लास में कोई नजर नहीं आया और वो सीधा अलमारी की तरफ जाने लगे।
अभी वो अलमारी हटाने ही जा रहे थे, तभी उन्हें टेबल के नीचे किसी का दुपट्टा नजर आया, यहां स्नेहा छिपी थी और मैथ टीचर ने उसे पकड़ लिया। मैथ टीचर ने स्नेहा पर टॉर्च मारते हुए कहा, ओहो स्नेहा बेटा, ये तुमने अच्छा नहीं किया, तुम्हें वापस स्कूलों नहीं आना चाहिए था, अब तुमने मुझे देख ही लिया है तो मुझे मजबूरन शिवानी की तरह तुम्हें भी अपने कैद में रखना होगा। तुम्हें शिवानी की बहुत याद आ रही थी न चलो अब मैं ही तुम्हें शिवानी के पास ले जाता हूं। मैथ टीचर ने स्नेहा का हाथ पकड़ा और उसे रस्सी से बांधने लगे। स्नेहा हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वो नाकामयाब रही। मैथ टीचर ने स्नेहा के हाथ और पैर दोनों बांध दिए थे। राघव अभी भी क्लास में छिपा हुआ था और सब कुछ देख रहा था, वह बस इंतजार कर था कि एक बार शिवानी का भी पता चल जाए, फिर वो दोनों को बचा लेना।
मैथ टीचर ने क्लास रूम से अलमारी को साइड किया, तो इसके पीछे एक दरवाजा था। स्नेहा और राघव ये देखकर हैरान थे, क्योंकि आज तक उन्हें इस दरवाजे के बारे में नहीं पता था। टीचर ने जेब से चाबी निकाली और दरवाजा खोला… अंदर एक अंधेरा कमरा था जो, मिट्टी वाली लग रहा था। स्नेहा ने देखा कि शिवानी अंदर लेटी हुई है। शिवानी उस समय बेहोश होने का नाटक कर रही थी। मैथ टीचर ने शिवानी को बालों से खींचते हुए क्लासरूम में घसीटा, स्नेहा जोर-जोर से हेल्प-हेल्प चिल्ला रही थी। उसे लग रहा था कि गार्ड को आवाज सुनाई देगी और वो उन्हें बचाने आ जाएगा।
तभी मैथ टीचर ने कहा, चिल्लाने का कोई फायदा नहीं.. यहां कोई नहीं है, गार्ड को भी मैंने सोने के लिए भेज दिया है, क्योंकि मैंने उसे कहा कि मैं आज तुम्हारी जगह पहरेदारी कर लेता हूं, उसकी तबीयत खराब थी, तो वो घर जा चुका है। स्नेहा ने शिवानी को देखते ही उसे हिलाने की कोशिश की, शिवानी उठ नहीं रही थी, तभी उसने थोड़ी सी आंख खोली, स्नेहा को समझ आ गया कि वो नाटक कर रही है। मैथ टीचर अब शिवानी के भी हाथ और पैर बांध रहा था, तभी इतने में राघव पीछे से क्लास रूम के बाहर निकल गया। उसे पता था कि वह अकेले मैथ टीचर का सामना नहीं कर सकत है, इसलिए उसने बाहर निकल कर पुलिस को फोन किया और प्रिंसिपल को भी बताया।
मैथ टीचर बिना किसी परेशानी के अपने काम में लगा हुआ था, उसे पता था कि रात में कोई स्कूल में नहीं आने वाला है। तभी राघव ने स्कूल से भी कुछ लड़कों को फोन करके बुला लिया। क्योंकि प्रिंसिपल और पुलिस को पहुंचने में देर हो सकती थी। इतने में तो मैथ टीचर दोनों को कहीं और छिपा सकता था। सभी बच्चे फौरन स्कूल पहुंच गए और मैथ टीचर की छिपकर वीडियो बनाने लगे। इसके बाद उन्होंने मैथ टीचर को घेर लिया और उसी रस्सी से मैथ टीचर के हाथ पैर बांध दिए। इसके बाद उन्होंने शिवानी को पानी पिलाया और दोनों के हाथ-पैरों से रस्सी खोल दी। पुलिस और प्रिंसिपल भी स्कूल पहुंच चुके थे और इस तरह मैथ टीचर को अरेस्ट कर लिया गया।
जब मैथ टीचर से सवाल किया गया, तो उसने बताया कि हर साल वही स्कूल से लड़कियों को गायब करता था। वह एक साइको था, जिसे लड़कियों के अफेयर से चिढ़ थी। जो लड़कियां स्कूल में लड़कों के साथ चक्कर चलाती थी, वह उन्हें पकड़ कर कैद कर लेता था। उन्हें टॉर्चर करता था फिर स्कूल के गार्डन में ही उन्हें गाढ़ देता था।
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