gurugram second hand car horror mysterious hindi story

    गुरुग्राम में रहने वाली सिमरन को सस्ते दाम में गाड़ी खरीदना क्यों पड़ गया भारी? 6 महीने पहले क्या हुआ था इस कार में...

    Priya Singh

    सिमरन उस दिन बहुत खुश थी, क्योंकि उसके घर में पहली बार कार आने वाली थी। सेकंड हैंड ही सही लेकिन उसने अपने घर के लिए कुछ ऐसा किया था, जो पूरे घर के लिए फक्र की बात थी। सिमरन ने अपनी दोस्त नेहा से ये कार खरीदी थी। उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो एक नई कार खरीद सके। क्योंकि, सिमरन एक साधारण से परिवार की बेटी थी, जिसे पढ़ाने के लिए उसके मां-बाप ने बहुत मेहनत की थी। लेकिन उसकी सैलरी इतनी ज्यादा नहीं थी कि वह एक नई कार खरीद सके। इसलिए उसने सेकेंड हैंड कार खरीदने की ही सोची। लेकिन उसने सोचा नहीं था कि ये कार उसकी जिंदगी में कितना बड़ा तूफान ले आएगी।

    सिमरन के परिवार वाले कार खरीदने से उसे हमेशा रोकते थे। क्योंकि, वह सिमरन की दोस्त नेहा को पसंद नहीं करते थे। उन्हें लगता था कि वह कार देकर कहीं उनकी बेटी को फंसा न दे। सिमरन के पिता ने एक दिन उससे कहा- बेटा तुम्हें कार ही लेनी है, तो किसी और से लेलो। क्योंकि तुम नेहा से ही खरीदना चाहती हो। मुझे तुम्हारी ये दोस्त पसंद नहीं है। मैंने आज तक तुम्हें अपनी इस दोस्त से बात करने या मिलने से नहीं रोका है। लेकिन उससे कार लेना मुझे ठीक नहीं लग रहा। लेकिन सिमरन कहां अब किसी की सुनने वाली थी। उसने अपने पिता से कहा, पापा आप चिंता मत करो, वो मेरी अच्छी दोस्त है। मेरे साथ कुछ भी बुरा नहीं करने वाली है। आज तक उसने मेरे साथ कभी कुछ बुरा नहीं किया है। सिमरन ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर आखिर कार खरीद ही ली थी।

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    लेकिन सिमरन के माता-पिता अभी चिंता में थे। वह इसलिए परेशान हो रहे थे, क्योंकि नेहा बहुत ज्यादा अमीर थी। उन्हें डर था कि कहीं वो उनकी बेटी को कार के बहाने किसी चीज में फंसा न दे। वह कैसे अपनी बेटी की मदद करेंगे, उनके पास तो पैसे भी नहीं है। लेकिन अब वह सोचने के सिवा कुछ नहीं कर सकते।

    सिमरन ने ड्राइविंग पहले ही सीख ली थी। उसे ड्राइविंग सीखने के लिए नेहा ने ही फोर्स किया था। नेहा रोज सिमरन से कहती थी, मैं नई कार खरीदना चाहती हूं, तू ड्राइविंग सीख ले न, मैं तुझे ये कार दे दूंगी। मेरी ये कार नई है। तुझे पता है मैंने 1 साल पहले ही खरीदी है। मैंने ज्यादा इस्तेमाल भी नहीं की है। तू ड्राइविंग सीख कर मुझसे ये ले ले। क्योंकि, नई कार को किसी और को देने में मुझे बहुत दुख है। नेहा की बात सुनकर सिमरन ने तभी से फैसला कर लिया था कि अब उसे कार खरीदनी है।

    कार खरीदने के बाद सबसे पहले सिमरन अपने घर कार लेकर आई। मां और पिता दोनों घर के बाहर आरती की थाली लेकर खड़े उसका इंतजार कर रहे थे। उन्होंने भी अब कार को एक्सेप्ट कर लिया था, वह नेहा को दुखी नहीं देखना चाहते थे, इसलिए वह बेटी की खुशी में खुश होना चाहते थे।

    सिमरन गाड़ी से मुस्कुराते हुए उतरती है। मां और पिता के चेहरे पर मुस्कान देखकर उसका मन जैसे गर्व से खुश हो रहा था। सिमरन के बाहर निकलने के बाद उसकी मां गाड़ी को टीका लगाती है और जमीन पर नारियल फोड़ती है। इसके बाद सब घर में जाने लगते हैं, तभी एक कौवा आकर उसकी मां के हाथ में पूजा की थाली नीचे गिरा देता है। इससे माता-पिता चिंता में पड़ जाते हैं। लेकिन सिमरन ये बोलते हुए आगे बढ़ जाती है, अरे मां अब इस बात पर कुछ उल्टा मत सोचो। यहां तो हर रोज किसी न किसी के साथ ऐसा होता है। अभी कल पड़ोस की आंटी चाय पी रही थी और कौवे ने गिलास गिरा दिया। आप बताओ कुछ गलत हुआ क्या, बेटी की पॉजिटिव बातें सुनकर मां भी सोचती है, छोड़ो कोई नहीं। इसमें अपशगुन जैसा कुछ नहीं। सभी घर में चले जाते हैं और सिमरन की खाने के लिए सबको कहती है।

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    खाने में आज पूरी सब्जी और खीर बनी थी। ये खुशी का मौका था, इसलिए खाना भी सिमरन के पसंद का बना था। आज सिमरन ने ऑफिस से छुट्टी ली थी। खाना खाते हुए सिमरन ने कहा, मां-पापा आज शाम को पार्क चलते हैं। फिर रात का खाना आज बाहर ही खाकर आएंगे। मैंने कार खरीदी है, तो कार में घूमने तो चलते हैं। सिमरन की खुशी देखते हुए, मां-पापा ने भी कहा, ठीक है अभी आराम करो, शाम को 5 बजे चलेंगे।

    दोपहर के 2 बज रहे थे, सभी खाना खाकर सोने चले जाते हैं। शाम के 5 बजते ही सिमरन तैयार होकर खड़ी हो जाती है और मां-पापा से कहती है। आप लोग अभी तक तैयार नहीं हुए। दोनों जल्दी-जल्दी तैयार होते हैं, फिर सभी कार में बैठ जाते हैं। सिमरन कहती है, मेरे साथ आगे कौन बैठेगा, इसपर मां कहती है कि मैं तो पीछे आराम से बैठूंगी। फिर पापा कहते हैं, ठीक है, तो मैं आगे बैठ जाऊंगा। सभी अपनी सीट ले लेते हैं।

    पहले पार्क में समय बिताते हैं और खाने के लिए अच्छे रेस्टोरेंट खोजते हैं। सिमरन अपने माता-पिता को किसी अच्छे रेस्टोरेंट में लेकर जाना चाहती थी, इसलिए वह 14 किमी दूर रेस्टोरेंट में लेकर जाती है। उसके माता-पिता कहते हैं, अरे यहीं से खा लेंगे, इतनी दूर जाने की क्या जरूरत है।

    इसपर सिमरन कहती है, अरे अभी भी आपको जल्द घर जाने की चिंता है क्या? अब तो हमारे पास अपनी गाड़ी है। हम कितनी दूर भी जा सकते हैं। रेस्टोरेंट पहुंचने और खाना खाने में रात के 11 बज जाते हैं। वह वापस अपने घर की तरफ जा रहे होते हैं। रास्ते में कई जगह स्ट्रीट लाइट भी खराब होती है। इससे सिमरन की मां परेशान हो रही होती है कि कहीं सिमरन कार को ठोक न दे। घबराहन में वह सिमरन से कहती है। थोड़ा धीरे गाड़ी चलाओ, इतनी तेज क्यों चला रही हो। सिमरन हंसते हुए कहती है, अरे मां आपको डर लग रहा है क्या? मुझे अच्छे से गाड़ी चलाने आती है। आप परेशान मत हो, पीछे आराम से बैठो।

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    सब आराम से बैठे होते हैं, सिमरन गाड़ी में म्यूजिक भी प्ले कर देती है। तभी सिमरन की मां को पीछे डिक्की से आवाज आती है। वह एक- दो बार नजर अंदाज कर देती है। लेकिन ये आवाज बढ़ती जाती है।ऐसा लग रहा था जैसे डिकी में कोई है, जो दरवाजा पीट रहा है। सिमरन की मां घबराते हुए कहती है, गाना बंद करो , गाना बंद करो। सिमरन फौरन गाना बंद करती है और पूछती है, क्या हुआ। मां घबराते हुए कहती है, डिकी में कोई है। कोई दरवाजा पीट रहा है। सिमरन कहती है, डीकी में कौन होगा। आपको वहम हुआ होगा। मां फिर से कहती है, नहीं मैंने कई बार आवाज को नजरअंदाज करने की कोशिश की, लेकिन आवाज आ रही थी, जैसे ही तुमने गाना बंद किया। आवाज भी बंद हो गई।

    सिमरन कहती है, 2 मिनट रूक जाओ, आगे ढाबे पर रोकती हूं गाड़ी। ढाबे पर पहुंचने के बाद फौरन सिमरन डिकी खोलती है, लेकिन वह पूरी तरह से खाली होता है। सिमरन कहती है, मां देखो कोई नहीं है। वह आपका वहम होगा। सिमरन की मां खाली डिकी देखकर हैरान रह जाती है। क्योंकि, उसने आवाज सुनी थी।

    सिमरन कहती है, आप आगे बैठ जाओ मेरे साथ और पापा को पीछे बैठने दो। सभी गाड़ी में बैठ जाते हैं और घर पहुंच जाते हैं। सिमरन अपनी मां को समझाती है, मां आपने सपना देखा होगा। मैंने देखा था आप झपकियां ले रही थी। इतना परेशान मत हो। सभी घर जाकर कपड़े बदलकर सोने चले जाते हैं। लेकिन सिमरन की मां पूरी रात गाड़ी में आने वाली आवाज को सोचकर परेशान होती रही थी।

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    अगले दिन सुबह सिमरन ऑफिस जाने लगती है। सिमरन की मां कहती है कि आज तुम कार से मत जाओ। मैं आज फिर से अच्छे से पुजा करूंगी। सिमरन हंसते हुए कहती है, अरे मां कोई भूत वूत नहीं है। ये सबा बातें मत सोचो। मैं रोज इसी गाड़ी में नेहा के साथ घूमती थी। सिमरन अपनी मां की बात को टालते हुए ऑफिस के लिए निकल जाती है। सिमरन का शाम को 6 बजे फोन आता है कि वह आज ऑफिस से लेट आएगी, उसे जरूरी काम है। लेट आने की खबर से सिमरन की मां और भी ज्यादा परेशान हो जाती है कि आधी रात में अकेले वो गाड़ी चलाकर आएगी। लेकिन वह कर भी क्या कर सकती थी। क्योंकि कोई उसकी बात नहीं सुन रहा था।

    आज सिमरन को ऑफिस में बहुत ज्यादा लेट हो गया था। सिमरन ऑफिस से निकलती है और गाड़ी शुरू करती है। जैसे ही वह कार शुरू करती है, गाड़ी की डिक्की खुल जाती है। वह हैरान रह जाती है और सोचती है। आज से से पहले तो कभी ऐसा नहीं हुआ। पता नहीं इस गाड़ी को अब क्या हो रहा है। वह गाड़ी से बाहर निकलती है और डिक्की खोल कर चेक करती है। डिक्की पूरी तरह से खाली थी। वह फिर से डिक्की बंद करती है और कार स्टार्ट करके घर की तरफ मुड़ जाती है। रात के 11 बज गए थे और उसे रास्ते में खाने-पीने के स्टॉल्स दिखते हैं, पहले वह कुछ खरीदने के बारे में सोचती है, लेकिन उसे लगता है कि देर हो रही है। इसलिए वह बिना रुके आगे बढ़ जाती है। जैसे-जैसे वह आगे बढ़ती है, फिर से वही सड़क आ जाती है, जहां से वह बीती रात अपने मां-बाप के साथ गुजारी थी। अभी भी यहां की लाइट खराब थी, वह मन ही मन सोचती है।

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    यहां की लाइट कभी ठीक नहीं हो सकती, तभी सिमरल को भी गाड़ी में से आवाज आने लगती है। अचानक से आवाज सुनकर वह घबरा जाती है। वह तुंरत ब्रेक मार देती है। लेकिन ब्रेक लगाते ही आवाज रुक जाती है। वह गाड़ी से बाहर निकलती है और डिक्की खोलकर चेक करती है। लेकिन उसे कुछ नजर नहीं आता। वह घबराते हुए फिर से गाड़ी चलाती है। जैसे ही वह गाड़ी शुरू करती है, फिर से गाड़ी में से आवाज आने लगती है। वह तेज गाड़ी बढ़ाती है और ढाबे के पास रोक देती है।

    जैसे ही वह गाड़ी रोकती है, तुंरत आवाज बंद हो जाती है। वह इस बात से काफी परेशान हो जाती है। वह 10 मिनट तक डिक्की खोलकर सोचती रहती है कि आखिर यह कैसी आवाज है और कहां से आ रही है। लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आता। इसके बाद फिर वह गाड़ी चलाने की हिम्मत बांधती है, और घर के लिए निकलती है। अब आवाज नहीं आ रही थी, लेकिन जैसे ही वह आगे बढ़ती है, तभी अचानक एक लड़की उसकी गाड़ी के आगे आ जाती है।

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    सिमरन ने उस लड़की को टक्कर मार दी थी और… वह बहुत घबरा जाती है, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह वहां से निकल जाए या लड़की को देखे। लेकिन सिमरन अच्छे घर की लड़की थी। वह किसी को ऐसे मरते हुए नहीं छोड़ सकती थी। वह गाड़ी से बाहर निकलती है और देखती है। उसे गाड़ी के नीचे कोई नजर नहीं आता। वह सिर पकड़ सड़क पर ही बैठ जाती है कि आखिर उसके साथ ये सब क्या हो रहा है।

    तभी सामने से एक आदमी साइकिल पर आ रहा होता है। वह सिमरन के पास आकर पूछता है अरे बेटी क्या हो गया। यहां क्यों बैठी हो, वह उठती है और कहती है। कुछ नहीं अंकल बस ऐसे ही, मुझे लगा कि टायर पंचर हो गया है। लेकिन सब ठीक है, ये बोलते हुए वह फिर गाड़ी चलाती है और आगे बढ़ती है। तभी उसको अपनी गाड़ी के पीछे सीट पर एक लड़की बैठी हुई नजर आती है। सिमरन उसे देखकर हैरान हो जाती है। ये लड़की पायल थी। सिमरन उसे जानती थी। वह फौरन गाड़ी रोक देती है। उसने जैसे ही गाड़ी रोकी, सीट पर बैठी लड़की गायब हो जाती है। सिमरन गाड़ी से बाहर निकल जाती है। वह यहां वहां किसी की मदद लेने के लिए खोजने लगती है, लेकिन उसे कोई नहीं दिखता। उसे बहुत ज्यादा डर लग रहा होता है, क्योंकि पायल उसकी अच्छी दोस्त थी और पिछले 6 महीने से गायब थी। पायल का इस तरह से नजर आना और गायब हो जाना, सिमरन को डरा रहा था। लेकिन सिमरन के मन में सवाल आता है कि पायल उसकी दोस्त थी। वह उसके साथ कुछ गलत नहीं करेगी, वह क्यों उससे डर रही है।

    सिमरन हिम्मत बांधकर गाड़ी में फिर बैठ जाती है। जैसे ही वह गाड़ी चलाती है, फिर से उसे पीछे की सीट पर पायल नजर आती है। सिमरन घबराते हुए बोलती है, पायल…पायल ये तुम ही हो न।

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    सिमरन की बात सुनकर लड़की की आत्मा मुस्कुराती है। सिमरन उससे पूछती है, क्या हुआ…तुम 6 महीने से… कहां थी। सिमरन के सवाल पूछने पर पायल की आत्मा रोने लगती है। सिमरन गाड़ी रोक देती है, लेकिन फिर उसकी आत्मा गायब हो जाती है। सिमरन पायल के करीब जाने को परेशान हो रही थी, लेकिन गाड़ी रोकते ही उसकी परछाई गायब हो जा रही थी।

    सिमरन ने फिर गाड़ी चलाई, लेकिन इस बार सीट के पीछे पायल नजर नहीं आई। लेकिन तभी वह उसकी साइन वाली सीट पर आ गई, सिमरन के हाथ कांप रहे थे, वह घबरा रही थी। उसने घबराते हुए पूछा पायल तुम क्यों रो रही हो, क्या हुआ,6 महीने से तुम कहां थी। पायल बस रो रही थी और सड़क के किनारे हाथ दिखाकर इशारा कर रही थी। उसने गाड़ी की डिक्की की तरफ इशारा किया। सिमरन ने फौरन गाड़ी रोकी और डिक्की को अच्छे से चेक करने लगी। उसे कुछ नहीं मिल रहा था। उसने डिक्की में रखा मैट और सब गाड़ी से निकाल दिया। तभी उसे कोने में एक झुमका नजर आया। ये झुमका पायल का था, सिमरन ने उसे ये गिफ्ट किया था। सिमरन समझ गई कि पक्का इस गाड़ी में उसके साथ कुछ हुआ है।

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    तभी उसके दिमाग में नेहा का नाम आया। पायल और नेहा की बनती नहीं थी। उसने फौरन गाड़ी घुमाई। लड़की की आत्मा गाड़ी में बैठी सड़क के किनारे इशारा कर रही थी। जैसे-जैसे वह आगे बढ़ी, सिमरन की गाड़ी… रूक गई। पायल अचानक गायब हो गई थी और गाड़ी भी नहीं चल रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। उसने पहले अपने मां-बाप को फोन किया और लोकेशन पर आने को कहा। इसके बाद उसने पुलिस को भी बुलाया। सिमरन जानती थी कि इसमें वो फंस सकती है, लेकिन अगर पायल को इंसाफ नहीं मिलता, तो वह ऐसे ही उसके पीछे घूमती रहती। पुलिस के आने के बाद उसने सारी बात पुलिस को बताई और पायल का झुमका भी दिया। इसके बाद पुलिस ने चारों तरफ जंगल में पालतू कुत्ते के साथ सर्च ऑपरेशन शुरू किया। तभी उन्हें एक दुपट्टा मिला, जो मिट्टी से बाहर आ रहा था। जब लोगों ने खुदाई की, तो यहां पायल की बॉडी को दफनाया गया था। सिमरन यह देखकर फूट-फूटकर रोने लगी थी, तब तक उसके मां-बाप भी आ गए थे।

    पुलिस यहां से सीधा नेहा की घर पहुंची, लेकिन नेहा घर में नहीं थी। पुलिस का ही कोई आदमी नेहा से मिला हुआ था। उसने पहले ही नेहा को पुलिस के आने की खबर पहुंचा दी थी, इसलिए वह घर से भाग गई थी। लेकिन उसे एयरपोर्ट पर पकड़ लिया गया।

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    नेहा को पकड़ने के बाद उससे सच पूछा गया, तो उसने बताया। पायल हमेशा अपनी अमीरी मेरे सामने झाड़ती थी और ऑफिस में मेरी बेइज्जती करती थी। उसकी वजह से बॉस से मुझे रोड डांट खानी पड़ती थी। लेकिन उसने सबको बताया था कि वह अमेरिका जाएगी, वहां नौकरी करेगी। लेकिन वो कई अमेरिका नहीं जाने वाली थी, यहां वो मुझे परेशानी करने के लिए हमेशा तैयार रहती थी। इसलिए मैंने उसे ठिकाने लगा दिया… उसके जाने के बाद मेरी लाइफ बहुत अच्छी हो गई थी। ऑफिस में भी सब मुझे मानने लगे थे, लेकिन इस सिमरन ने काम खराब कर दिया।

    यह कहानी पूरी तरह से कल्पना पर आधारित है और इसका वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं है। यह केवल कहानी के उद्देश्य से लिखी गई है। हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। ऐसी ही कहानी को पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।

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